Dainik Athah

हापुड़ पहुंचे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह की जयंती पर किया हवन

अथाह ब्यूरो
हापुड़/लखनऊ।।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने शुक्रवार को किसान दिवस के अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जन्मस्थली ग्राम नूरपुर, हापुड़ में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करके नमन किया। तदोपरान्त आयोजित किसान गोष्ठी में कृषि क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित करने वाले किसानों को सम्मानित किया। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि श्रद्धेय चौधरी चरण सिंह जी ने देश को गौरवान्वित किया। राजनीति के उच्च शिखर पर पहुंचकर भी वह ग्रामीणों व किसानों की आवाज को सदैव मजबूत करते रहे। देश में किसानों के सच्चे नेता के रूप में चौधरी चरण सिंह सदैव याद किये जाते रहेंगे।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने किसान गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी चौधरी चरण सिंह जी के सपने को साकार करने का कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश भाजपा सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि मोदी ने किसानों की आय दोगुनी करने के संकल्प के साथ कार्य किया और अधिकांश फसलों की एमएसपी में वृद्धि करके किसानों की आर्थिक व सामाजिक उन्नति के मार्ग पर आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार व योगी सरकार की सभी योजनाओं के केन्द्र में गांव, गरीब, किसान का विकास व विकास की मुख्य धारा से जोड़ने की नीति निहित है। उन्होंने कहा कि किसानों की उन्नति की नीतियों के क्रियान्वयन तथा उससे किसानों की आर्थिक समृद्धि के संकल्प की पूर्ति ही चौधरी चरण सिंह जी के प्रति सच्चे अर्थों में श्रद्धांजलि है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि चौधरी चरण सिंह का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था। स्वाधीनता के समय उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया। उन्होंने कहा कि काली मिट्टी के अनगढ़ और फूस के छप्पर वाली मढ़ैया में 23 दिसम्बर, 1902 को ़महान व्यक्तित्व का जन्म हुआ। चौधरी चरण सिंह के पिता चौधरी मीर सिंह ने अपने नैतिक मूल्यों को विरासत में चरण सिंह को सौंपा था। चरण सिंह ने जीवन भर गांव-गरीब-किसान के शोषण के खिलाफ संघर्ष किया।

भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने कहा कि आगरा विश्वविद्यालय से कानून की शिक्षा लेकर 1928 में चौधरी चरण सिंह ने ईमानदारी, साफगोई और कर्तव्यनिष्ठा पूर्वक गाजियाबाद में वकालत प्रारम्भ की। वकालत जैसे व्यावसायिक पेशे में भी चौधरी चरण सिंह उन्हीं मुकद्मों को स्वीकार करते थे जिनमें मुवक्किल का पक्ष न्यायपूर्ण होता था। 1930 में महात्मा गाँधी द्वारा सविनय अवज्ञा आन्दोलन के तहत नमक कानून तोड़ने का आह्वान किया गया। गांधी जी ने डांडी मार्च किया। आजादी के दीवाने चरण सिंह ने गाजियाबाद की सीमा पर बहने वाली हिण्डन नदी पर नमक बनाया। परिणाम स्वरूप चरण सिंह को 6 माह की सजा हुई। जेल से वापसी के बाद चरण सिंह ने महात्मा गाँधी के नेतृत्व में स्वयं को पूरी तरह से स्वतन्त्रता संग्राम में समर्पित कर दिया। उन्होंने कहा कि 1940 के व्यक्तिगत सत्याग्रह में भी चरण सिंह गिरफ्तार हुए फिर अक्टूबर 1941 में मुक्त किये गये। सारे देश में इस समय असंतोष व्याप्त था। महात्मा गाँधी ने करो या मरो का आह्वान किया। अंग्रेजों भारत छोड़ों की आवाज सारे भारत में गूंजने लगी। 9 अगस्त 1942 को अगस्त क्रांति के माहौल में युवक चरण सिंह ने भूमिगत होकर गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ, मवाना, सरथना, बुलन्दशहर के गांवों में गुप्त क्रांतिकारी संगठन तैयार किया। मेरठ कमिश्नरी में युवक चरण सिंह ने क्रांतिकारी साथियों के साथ मिलकर ब्रितानिया हुकूमत को बार-बार चुनौती दी।

इस दौरान उन्होंने बरेली कि जेल से दो डायरी रूपी किताब भी लिखी। जेल में ही चौधरी चरण सिंह की लिखित पुस्तक शिष्टाचार, भारतीय संस्कृति और समाज के शिष्टाचार के नियमों का एक बहुमूल्य दस्तावेज है। स्वतन्त्रता के पश्चात वह राम मनोहर लोहिया के ग्रामीण सुधार आन्दोलन में लग गए। उन्होंने प्रधानमंत्री रहते हुए कई ऐसे फैसले किए जिससे भारत देश की गरीब जनता व किसानों को बहुत लाभ हुए उन्होंने सदैव सरकारी कर्मचारियों को जनता के प्रति सही भावना व ईमानदारी से कार्य करने के लिए निर्देशित किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *