स्वामी दीपांकर को गोविंदपुरम में मिली जातियों में विभाजित
जातिवाद तोड़ने की मुहिम चला रहे हैं स्वामी दीपांकर
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। जातियों में विभाजित सनातनियों के एक होने की भिक्षा मांगते-मांगते स्वामी दीपांकर अब गाजियाबाद पहुंच चुके हैं और गोविंदपुरम में उन्होंने तत्सम्बन्धी भिक्षाटन किया। उनकी इस भिक्षाटन यात्रा को लेकर महानगर वासियों में काफी उत्साह है।
गौरतलब है कि महाकालेश्वर ज्ञान आश्रम, मन्दिर देवी कुंड के अधिष्ठाता सुप्रसिद्ध संत ब्रह्मानंद सरस्वती के प्रिय शिष्य और अंतरराष्ट्रीय ध्यान गुरु स्वामी दीपांकर महाराज सहारनपुर से जातियों में विभाजित सनातनियों के एक होने की भिक्षा मांगते-मांगते गाजियाबाद पहुंच चुके हैं। अपनी एक चर्चित आध्यात्मिक राजनेता और धर्म प्रभावना करने वाले एक अच्छे प्रस्तोता के तौर पर टीवी का बहुचर्चित चेहरा बन चुके स्वामी दीपांकर को देखने-सुनने के लिए जगह जगह पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती है।
देखा जा रहा है कि इस यात्रा में वो जगह-जगह पर इस बात की भिक्षा मांग रहे हैं कि आप खुद को सनातनी कहिए, हिंदू कहिए। जातिवाद तोड़िये यानी जातीय ग्रंथी से मुक्त होइए। आप अपने नाम के आगे ‘सनातनी’ उपनाम जोड़िए, या फिर ‘हिन्दू’ उपनाम जोड़िए। उन्होंने अपने उद्देश्य को पाने के लिए माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्वीटर का भी बखूबी उपयोग किया है।
देखा जा रहा है कि उनके द्वारा शुरू किए गए इस अभियान को लोगों ने तवज्जो देनी भी शुरू कर दी है और अपने नाम के आगे सनातनी या हिन्दू शब्द जोड़ना शुरू कर दिया है। इससे सनातनी आध्यात्मिक जगत में खलबली मची हुई है, क्योंकि स्वामी दीपांकर के अनुयायियों की संख्या में हर रोज इजाफा हो रहा है। अपनी भिक्षा यात्रा में उन्होंने लोगों से यह भी आह्वान किया है कि आप अपने जातीय समाज की सोच से आगे बढ़िए और पूरे हिंदुस्तान के बहुत बड़े और विशालकाय समाज के भले की सोचिए।
उन्होंने लोगों का आह्वान करते हुए कहा कि आप समस्त हिन्दुस्तान की बात कीजिए, समग्र सनातनियों की बात कीजिए और समूचे हिंदुओं की बात कीजिए। अब भी वक्त है कि आप एकजुट हो जाइये, अन्यथा तेजी से बदलता यह वक्त आपको माफ नहीं करेगा, बल्कि मौका मिलते ही साफ कर देगा। उन्होंने आगाह किया कि आपके खिलाफ अत्याचार करने वाली ताकतें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एकजूट होती जा रही हैं और विषाक्त लहजे में बोल रही हैं। इसलिए उनके कुत्सित इरादों से मुक्ति के खातिर आपको भी न चाहते हुए भी एकजुट होना पड़ेगा।
उन्होंने सहारनपुर स्थित देवबंद को देववृंद कहने का आह्वान करते हुए कहा कि आपलोग अपने अंदर सदियों से जड़ जमाये हुए जातिवाद की भावना को तोड़ो और सनातनियों से नाता जोड़ो। क्योंकि इसी लोकोपकारी भावना में पूरे राष्ट्र का हित निहित है। उन्होंने कहा कि क्रांतिकारी भूमि मेरठ के अभिन्न अंग समझे जाने वाले गाजियाबाद के लोगों का सच्चे हृदय से साथ मिला तो खुद को सनातनी या हिन्दू कहने का अभियान देशव्यापी रफ्तार पकड़ सकता है। क्योंकि यह देश व देशवासी अपने सन्तों का काफी सम्मान करते हैं और जिस तरह से जातियों में विभाजित सनातनियों के एक होने की भिक्षा उनके द्वारा मांगी जा रही है, सनातनी या हिन्दू उपनाम की भिक्षा मांगी जा रही है, उसके परिप्रेक्ष्य में सिर्फ यही कहा जा सकता है कि यदि उनकी झोली भर जाए तो किसी को हैरत नहीं होगी।