Dainik Athah

पांच साल में यूपी के शहरों का हो चुका है पूरी तरह से कायाकल्प

स्वच्छता, शौचालय और आवास, शहर की इन तीन जरूरतों पर योगी ने सबसे पहले किया फोकस

सीएम योगी ने शहरी सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने पर दिया सबसे ज्यादा ध्यान

17 नगर निगम, 200 नगर पालिका और 545 नगर पंचायत में बजने वाली है चुनावी रणभेरी

आवास, शौचालय, स्वच्छता, परिवहन, स्वनिधि जैसी योजनाएं योगी सरकार की ताकत

स्मार्ट सिटी, इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से बेहतर हुई है शहरियों की जिंदगी

अथाह ब्यूरो
लखनऊ।
प्रदेश में नगर निकाय चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ गयी है। सीएम योगी आदित्यनाथ अपनी सरकार की उपलब्धियों के साथ शहरों को साधने में जुटे हैं। मुख्यमंत्री सभी नगर निगमों में प्रबुद्धजन सम्मेलन कर चुके हैं। बीते साढ़े पांच साल में शहरी सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने को लेकर किये गये कार्यों को सीएम जनता के सामने रख रहे हैं। आवास, शौचालय, स्वच्छता, परिवहन, स्वनिधि, स्मार्ट सिटी, इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर और ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम जैसे तमाम कार्यों को योगी सरकार निकाय चुनाव में अपनी बड़ी ताकत के रूप में देख रही है।
भारतीय जनता पार्टी अपनी सरकार के साढ़े पांच साल के कार्यों के दम पर शहर की सत्ता के लिए मैदान में है। बीते लगभग साढ़े पांच साल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में शहरी विकास से जुड़ी योजनाओं को पार्टी जनता के सामने पूरे आत्मविश्वास के साथ रख रही है। गरीबों के लिए पक्का आवास, हर घर शौचालय निर्माण, शहरों का सौंदर्यीकरण, आधुनिक स्वास्थ्य व्यवस्था, स्वच्छ पेयजल आपूर्ति, बिजली अपूर्ति और स्ट्रीट लाइट से लेकर सड़क, सीवर और सुदृढ़ कानून व्यवस्था तक ऐसे तमाम क्षेत्र हैं, जहां बीते पांच साल में आमूलचूल परिवर्तन आया है।

खुले में शौच से मुक्त हो चुका है यूपी
बीते साढ़े पांच साल की बात करें तो स्वच्छ भारत मिशन (नगरीय) के अंतर्गत अब तक 2 करोड़ 61 लाख शौचालय का निर्माण योगी सरकार ने किया है। इससे लगभग 10 करोड़ से अधिक शहरी जनता लाभान्वित हुई है। साथ ही पूरा प्रदेश आज खुले में शौच से मुक्त घोषित किया जा चुका है। नगरीय क्षेत्र में अब तक 8,99,634 व्यक्तिगत एवं 69,381 सामुदायिक/सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया गया है। साथ ही महिलाओं के लिए 3670 सीट के पब्लिक कम्युनिटी पिंक टॉयलेट का भी निर्माण सरकार की महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

सॉलिड वेस्ट प्रोसेसिंग की क्षमता बढ़कर हुई 8510 टीपीडी
कूड़ा कलेक्शन और वेस्ट मैनेजमेंट की बात करें तो वर्तमान में प्रदेश के 12,022 वार्डों में 100 प्रतिशत डोर टू डोर कूड़े का कलेक्शन कराया जा रहा है। सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रदेश में प्रतिबंधित कर दिया गया है। अब तक की कार्रवाई में लगभग 1468 टन प्लास्टिक जब्त की जा चुकी है, जिससे जुमार्ने के रूप में 16.27 करोड़ रुपए का राजस्व भी सरकार को प्राप्त हुआ है। वहीं प्रदेश के 28 शहरों में 353 करोड़ से 4030 टीपीडी (टन पर डे) क्षमता के सॉलिड वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किये गये हैं। इसके साथ ही प्रदेश में सॉलिड वेस्ट प्रोसेसिंग की क्षमता बढ़कर 8510 टीपीडी हो गयी है। वहीं 22 स्थानीय निकायों में 22 लाख टन क्षमता के लिगेसी वेस्ट रिमिडियेशन प्लांट को क्रियाशील किया जा चुका है।

कहीं बनी गार्बेज फैक्ट्री, कहीं प्लास्टिक म्यूजियम, कहीं प्लास्टिक से बन रही सड़कें
प्रयागराज और मथुरा में वेस्ट प्लास्टिक टू फ्यूल प्लांट की स्थापना, गाजियाबाद में गार्बेज फैक्ट्री और प्लास्टिक म्यूजियम का निर्माण, वाराणसी, लखनऊ, गाजियाबाद व प्रयागराज में मैकेनाइज्ड क्लीनिंग की व्यवस्था, लखनऊ, गाजियाबाद, झांसी, कानपुर, मेरठ और वाराणसी में वेस्ट प्लास्टिक से सड़क निर्माण, ये ऐसे प्रयास हैं जो शहरों को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए योगी सरकार ने उठाए हैं। राज्य ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नीति के लागू होने के बाद उत्तर प्रदेश स्वच्छता सर्वेक्षण में लगातार ऊपर उठता जा रहा है। वर्ष 2020 में जहां इसे कुल 20 अवॉर्ड प्राप्त हुए थे,, वहीं 2021 में अवॉर्डों की संख्या 37 पहुंच चुकी है।

17 लाख से ज्यादा शहरी गरीबों को मिला अपना मकान

प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत नगरीय क्षेत्र में रहने वाले गरीब, बेघर, कम आय वर्ग के लोगों को पक्के आवास उपलब्ध कराने की दिशा में भी योगी सरकार ने विशाल कीर्तिमान स्थापित किया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत प्रदेश में अब तक 45 लाख 50 हजार से अधिक आवासों का निर्माण किया जा चुका है। इसमें नगरीय क्षेत्र में 17 लाख 5 हजार आवासों का निर्माण हुआ है। इसके अलावा लखनऊ में ग्लोबल हाउसिंग टेक्नोलॉजी चैलेंज पर आधारित लाइट हाउस प्रोजेक्ट के अंतर्गत 1040 आवासों का निर्माण, प्रयागराज में एफोर्डेबल रेंटल हाउंसिंग कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया गया है। साथ ही मलिन बस्तियों का चरणबद्ध तरीके से पुनर्वास कर सभी पात्र स्लम परिवारों को बुनियादी सुविधाएं एवं पक्के आवास उपलब्ध कराने के लिए उत्तर प्रदेश ने स्व-स्थाने मलिन बस्ती पुनर्विकास नीति 2021 को लागू किया है। सरकार की ओर से आवास के लिए शहरी लाभार्थियों के खाते में अब तक 27,727 करोड़ रुपये आॅनलाइन हस्तांतरित किए गए हैं। ये धनराशि भी शत प्रतिशत लाभार्थी तक पहुंचना बहुत बड़ी उपलब्धि है। बता दें कि डीबीटी के माध्यम से धनराशि हस्तांतरण में उत्तर प्रदेश 2019 व 2021 में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला राज्य बना है।

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