Dainik Athah

…..और जब थाने में पिट गए बीजेपी के विधायक

अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में सत्तारूढ़ बीजेपी के एक विधायक ने आरोप लगाया है कि अपनी विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले एक थाने में पुलिस ने जमकर पीटा और फिर कपड़े फाड़ दिए गए। इस घटना के बाद अलीगढ़ के गोंडा थाने को बीजेपी के स्थानीय कार्यकतार्ओं और नेताओं ने घेर लिया और अभी भी वहां तनाव की स्थिति बनी हुई है।

इगलास के पुलिस क्षेत्राधिकारी परशुराम सिंह ने बताया, दो अगस्त को हिन्दू-मुस्लिम समुदाय के बीच कुछ विवाद हो गया था। उसी मामले में दोनों पक्षों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। विधायक जी कुछ लोगों की पैरवी के लिए आए थे।

उस दौरान और क्या हुआ, कैसे हुआ इसकी जानकारी ली जा रही है। सीओ परशुराम सिंह इससे ज्यादा कुछ भी बता नहीं पाए और जिÞले के आला अधिकारी फोन नहीं उठा रहे हैं लेकिन इगलास के विधायक राजकुमार सहयोगी मीडिया में अपने साथ हुए बर्ताव की कहानी बयां कर रहे हैं।

उनका आरोप है कि उन्होंने थानाध्यक्ष से सिर्फ़ यह कहा कि आप निर्दोष लोगों को न फँसाएं तो थानाथ्यक्ष का जवाब था कि ‘हम ऐसे ही करते हैं और यहां ऐसे ही होगा।’

बताया जा रहा है कि बुधवार दोपहर अलीगढ़ के गोंडा थाने में इगलास विधान सभा क्षेत्र से बीजेपी के विधायक राजकुमार सहयोगी और थाना प्रभारी अनुज कुमार सैनी के बीच विवाद इतना बढ़ गया है कि मारपीट हो गई। इसके बाद थाने में अफरा-तफरी मच गई। इस दौरान विधायक और एसओ दोनों ने ही एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

हालांकि थानाध्यक्ष से बात नहीं हो पाई है।
इस घटना के बाद बड़ी संख्या में बीजेपी कार्यकतार्ओं और नेताओं ने गोंडा थाने को घेर लिया और इगलास विधायक राजकुमार सहयोगी के साथ ही बरौली क्षेत्र से विधायक दलवीर सिंह भी थाने पर ही धरना देने लगे।

बड़ी संख्या में पुलिस बल और पीएसी को तैनात कर दिया गया है और जिÞले के आला अधिकारी मौके पर पहुंच कर स्थिति को सँभालने की कोशिश कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि विधायक राजकुमार सहयोगी एबीवीपी कार्यकतार्ओं के साथ पिछले दिनों हुई मारपीट के मामले में सिफारिश करने गए थे। विधायक का आरोप है कि एसओ ने इस मामले में पैसे लेकर अभियुक्तों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।

विधायक राजकुमार सहयोगी का कहना था, मैं इसी मामले में एसओ से बात करने आया था लेकिन उसने और दो अन्य दारोगा ने मेरे साथ मारपीट शुरू कर दी और मेरे कपड़े तक फाड़ दिए। जान बचाकर किसी तरह मैं थाने से बाहर आया और अपने साथियों को इसकी सूचना दी।

विधायक और उनके साथी पुलिस कर्मियों के खिलाफ की मांग को लेकर अभी भी थाने पर जमा हैं और पुलिस के अधिकारियों के साथ उनकी बातचीत हो रही है।

अफरा-तफरी के बीच गोंडा के स्थानीय बाजार को बंद करा दिया गया और बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है। थाने के बाहर सैकड़ों कार्यकर्ता पुलिस और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं।

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