Dainik Athah

अब समय पर निस्तारित हो सकेंगे होम गार्ड्स के ड्यूटी भत्ते

योगी सरकार ने विभिन्न जनपदों में कार्यरत एक लाख से अधिक होम गार्ड्स को दी राहत

विभिन्न अधिकारियों के अधीन काम कर रहे होम गार्ड्स की दैनिक उपस्थिति आॅनलाइन दर्ज करना हुआ अनिवार्य

समय से ड्यूटी मस्टरोल को आॅनलाइन जनरेट कर करना होगा अग्रसारित

प्रतिदिन ड्यूटी के आधार पर होम गार्ड्स स्वयंसेवकों को दिया जाता है वेतन भत्ता

प्रदेश की शांति और यातायात व्यवस्था के साथ आंतरिक सुरक्षा में पुलिस की करते हैं मदद

अथाह ब्यूरो
लखनऊ।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का एक और मानवीय चेहरा सामने आया है। प्रदेश के विभिन्न जनपदों में अलग-अलग विभागों के अधीन काम कर रहे एक लाख से अधिक होमगार्ड्स को समय पर वेतन भत्ते प्राप्त हों, इसके लिए योगी सरकार की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं। साथ ही, वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से इस संबंध में देरी किए जाने पर नाराजगी भी जाहिर की गई है। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि उनके अधीन ड्यूटी कर रहे होम गार्ड्स की दैनिक उपस्थिति और अनुपस्थिति को आॅनलाइन दर्ज करना अनिवार्य होगा। साथ ही उनके ड्यूटी मस्टरोल को आॅनलाइन जनरेट कर अग्रसारित करना होगा ताकि समय से उनका वेतन भत्ता दिया जा सकें। उल्लेखनीय है कि समय से मस्टरोल न मिलने के चलते प्रदेश में कार्यरत होम गार्ड्स का वेतन भत्ता समय से नहीं मिल पाता है। इसी के दृष्टिगत योगी सरकार ने यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इससे प्रदेश में एक लाख से अधिक स्वीकृत होम गार्ड्स स्वयंसेवकों को बड़ी राहत मिलेगी।

आॅनलाइन की जा रही है प्रक्रिया
विदित हो कि उत्तर प्रदेश के समस्त जनपदों में होम गार्ड्स का ड्यूटी संचरण एनआईसी द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर के माध्यम से सुनिश्चित किया जा रहा है। इसी प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए होमगार्ड्स की दैनिक उपस्थिति को सॉफ्टवेयर में प्रति दिवस आॅनलाइन दर्ज करते हुए माह के अंत में ड्यूटी स्थल का मस्टरोल जनरेट करने तथा कोषागार से होमगार्ड्स के ड्यूटी भत्ते का भुगतान सीधे बैंक अकाउंट में कराए जाने की व्यवस्था विकसित की गई है। कई विभागों में देखा गया है कि होम गार्ड्स की दैनिक उपस्थिति को सॉफ्टवेयर के माध्यम से आॅनलाइन दर्ज नहीं किया जा रहा, जिससे उनके ड्यूटी भत्ते के निस्तारण में देरी हो रही है।

उदासीनता पर जताई गई नाराजगी
उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव अनिल कुमार द्वारा प्रदेश के पुलिस कमिश्नरों, जिलाधिकारियों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षको व पुलिस अधीक्षकों को इस संबंध में निर्देश जारी किया गया है। इसमें यूजर्स (होमगाईस प्राप्तकर्ता अधिकारी) द्वारा उदासीनता पर नाराजगी भी जाहिर की गई है। इसमें कहा गया है कि प्रदेश के समस्त जनपदों में जिन प्रशासनिक अधिकारियों के साथ थानो व अन्य ड्यूटी स्थल पर होम गार्ड्स तैनात किए जाते हैं, उन सभी ड्यूटी स्थल की लॉगिन आईडी एनआईसी द्वारा संबंधित जिला कमांडेंट के माध्यम से संबंधित ड्यूटी स्थल के प्रभारी अधिकारी को प्राप्त कराई जा चुकी है। आईडी का पासवर्ड बनाने, लॉगिन करने के पश्चात ड्यूटी स्थल पर नियोजित समस्त होम गार्डस का विवरण देखने, उसकी उपस्थिति दर्ज करने तथा संपूर्ण माह मे उसकी दैनिक उपस्थिति / अनुपस्थिति भरे जाने के संबंध में पूर्ण प्रक्रिया से उन्हें अवगत कराया जा चुका है। इसके बावजूद कतिपय यूजर्स (होमगाईस प्राप्तकर्ता अधिकारी) द्वारा उदासीनता का परिचय दिया जा रहा है। होम गार्ड्स द्वारा पूरे माह अपनी ड्यूटी मेहनत एवं लगन के साथ करने के बाद भी यूजर्स की उदासीनता एवं अपने दायित्वों का समय से निर्वहन न करने तथा तत्परता से मस्टररोल का अरोषण न किए जाने के फलस्वरूप होम गार्डस के ड्यूटी भत्ते के भुगतान में अनावश्यक विलंब किया जाना अल्प पारिश्रमिक पर कार्यरत सहयोगियों के प्रति अपेक्षित संवेदनशीलता का परिचायक नहीं है।

समय पर हो भुगतान
इस आदेश में आगे कहा गया है कि अपने अधीनस्थ ऐसे समस्त अधिकारियों (यूजर्स), जिनके साथ अथवा कार्यालय में होमगार्ड्स तैनात किए जाते हैं, को यह निर्देशित किया जाता है कि वे तत्काल प्रभाव से नियमित रूप से होम गार्डस की उपस्थिति/ अनुपस्थिति विभाग की वेब-साइट पर लॉगिन अपेक्षित करते हुए आॅनलाइन अंकित करना प्रारंभ कर दें जिससे उनके द्वारा अंकित की गई उपस्थिति / अनुपस्थिति के आधार पर प्रत्येक माह की समाप्ति पर आॅनलाइन मस्टर रोल जनरेट करते हुए होमगार्डस के ड्यूटी भत्तों का त्रुटिरहित भुगतान पारदर्शी तरीके से समय पर कराया जा सके। उल्लेखनीय है कि होम गार्ड्स स्वयंसेवकों को ड्यूटी के आधार पर वेतनभत्ता दिया जाता है। विभाग की वेबसाइट में दर्ज जानकारी के आधार पर एक होम गार्ड स्वयंसेवक को ड्यूटी पूर्ण करने पर प्रतिदिवस 600 रुपए ड्यूटी भत्ता (महंगाई भत्ता छोड़कर) दिया जाता है।

एक लाख से अधिक होम गार्ड्स कार्यरत हैं प्रदेश में

होम गार्ड्स संगठन की स्थापना भारत सरकार के कम्पेडियम आॅफ इंस्ट्रक्शन एवं होम गार्ड्स अधिनियम-1963 में निहित दिशा-निदेशों के अंतर्गत हुई है। होम गार्ड्स संगठन के सदस्यों की सेवाएं शांति एवं सुरक्षा व्यवस्था स्थापित करने, यातायात व्यवस्था, आंतरिक सुरक्षा एवं विभिन्न सुरक्षा ड्यूटी में सहयोग करने में पुलिस की सहायता हेतु ली जाती है। उत्तर प्रदेश होम गार्ड्स संगठन में वैतनिक एवं अवैतनिक दोनों प्रकार के अधिकारी व कर्मचारी कार्यरत हैं। होम गार्ड्स विभाग उत्तर प्रदेश सरकार के अंतर्गत एक स्वतंत्र विभाग के रूप में स्थापित है। प्रदेश में होम गार्ड्स की कुल स्वीकृत संख्या 1 लाख 18 हजार 348 है। ग्रामीण पुरुष कंपनियों की संख्या 785, जबकि नगरीय पुरुष कंपनियों की संख्या 341 है। वहीं, नगरीय महिला प्लाटून कंपनियों की संख्या 25 और नगरीय स्वतंत्र महिला प्लाटून की संख्या 60 है। होम गार्ड्स की 5 बटालियन को 1971 के युद्ध में ईस्ट पाकिस्तान भी भेजा गया था।

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