Dainik Athah

लोक निर्माण विभाग की समस्त सड़कों की सूचना एक क्लिक पर होगी उपलब्ध

उप्र लोक निर्माण विभाग हाइटेक बनने की ओर अग्रसर

लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद ने जीआईएस पोर्टल सृष्टि 2.0 बनाने की दी स्वीकृति

जीआईएस पोर्टल पीएम गतिशक्ति पोर्टल से जुड़ेगा

सृष्टि 2.0 के माध्यम से लोक निर्माण द्वारा की जायेगी रोड़ नेटवर्किंग प्लानिंग

अथाह ब्यूरो
लखनऊ।
उप्र लोक निर्माण विभाग हाइटेक बनने की ओर अग्रसर है। इस दिशा में लगातार नई तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद ने विभाग के जीआईएस पोर्टल ‘सृष्टि 2.0’ बनाने की स्वीकृति प्रदान करते हुए बताया कि इस पोर्टल पर लोक निर्माण विभाग की समस्त सड़कों (02 लाख 90 हजार किमी) की सूचना एक क्लिक पर उपलब्ध होगी। इस तकनीक के माध्यम से सड़कों की नेटवर्क प्लानिंग, सड़कों की मरम्मत व एडवांस प्लानिंग में सहायता मिलेगी। लोक निर्माण विभाग के जीआईएस पोर्टल को प्रधानमंत्री द्वारा लान्च किये गये पीएम गतिशक्ति पोर्टल से जोड़े जाने के साथ ही अन्य कई पोर्टलों के साथ भी जोड़ा जाएगा। पोर्टल को एनआईसी. दिल्ली के माध्यम से तैयार किया जा रहा है। पोर्टल की कुल लागत 6.30 करोड़ आएगी, इस पोर्टल का कार्य 31 मार्च 2023 तक पूर्ण कराकर अप्रैल 2023 के पहले सप्ताह में क्रियाशील कर दिया जाएगा।


जितिन प्रसाद ने बताया कि सृष्टि 2.0 तैयार होने से लोक निर्माण विभाग की सड़कें पोर्टल पर समेकित रूप में दिखाई देंगी। इस पोर्टल पर राज्यस्तरीय जिला स्तरीय व ग्राम स्तरीय सड़कों को देखा जा सकेगा। प्रत्येक सड़क की विस्तृत जानकारी पोर्टल पर उपलब्ध रहेगी। राज्य में कितनी सड़कें, स्टेट हाइवे, एमडीआर, ओडीआर व ग्राम सड़कों की श्रेणी में हैं, ये समस्त सूचनाएं पोर्टल पर देखी जा सकेंगी। पोर्टल के माध्यम से यह भी जानकारी उपलब्ध करायी जाएगी कि किस सड़क का नवीनीकरण, विशेष मरम्मत या नवनिर्माण कब किया गया था और आगामी नवीनीकरण / नवनिर्माण कब किया जाएगा। यह समस्त विवरण सड़कवार / जिलेवार / वर्षवार उपलब्ध होगा। इस पोर्टल पर प्रदेश में स्थित समस्त लघु एवं वृहद सेतु व आरओबी का विवरण भी उपलब्ध रहेगा।

लोक निर्माण मंत्री ने बताया कि यदि किसी सड़क पर गड्ढा है तो जनसामान्य के लिए यह सुविधा भी उपलब्ध रहेगी कि वे उस गड्ढे की फोटो खींच कर लोक निर्माण विभाग की साइट पर भेज कर उसकी शिकायत कर सकेंगे। शिकायत के निस्तारण के उपरान्त की गई कार्रवाई भी विभाग द्वारा पोर्टल पर अपलोड की जाएगी जो जनसामान्य के लिए उपलब्ध रहेगी। इस पोर्टल की महत्वपूर्ण विशेषता यह होगी कि इसका डैशबोर्ड होगा जो जनसामान्य के लिए उपलब्ध रहेगा। किसी भी सड़क की स्थिति, उस पर की गई शिकायत तथा उस पर की गई कार्यवाही का विवरण भी इस पोर्टल पर दिखेगा। इस पोर्टल की दूसरी उल्लेखनीय विशेषता यह होगी कि यह लोक निर्माण विभाग को जीआईएस पोर्टल के माध्यम से प्लानिंग करने के लिए एक प्लेटफार्म उपलब्ध कराएगा।


प्रसाद ने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 01 ट्रिलियन किये जाने के लक्ष्य को पूरा करने में लोक निर्माण विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका है। लोक निर्माण विभाग द्वारा 01 ट्रिलियन के लक्ष्य को पूरा करने हेतु अपनी क्षमता को तीन गुना तक बढ़ाये जाने का लक्ष्य है। इस पोर्टल के माध्यम से लोक निर्माण विभाग अपनी क्षमता विकसित कर सकेगा। 1 ट्रिलियन डॉलर इकोनामी के लिए लोक निर्माण विभाग द्वारा लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं यथा सभी जिलों को फोर लेन से जोड़ना, सभी बड़े शहरों के आसपास लिंक रोड बनाना मांग आधारित सेतु सेंक्शन करना, मांग आधारित नदी सेतु सेंक्शन करना इसकी पूरी प्लानिंग इस पोर्टल के माध्यम से की जाएगी। इस पोर्टल पर साफ्टवेयर के माध्यम से किस सड़क को एक लेन से दो लेन और दो लेन से फोर लेन में अपग्रेड किया जाना है, इसका चयन भी इस पोर्टल के माध्यम से किया जा सकेगा। नेटवर्क प्लानिंग में यह तकनीक अत्यन्त लाभप्रद होगी। उत्तर प्रदेश में नदी सेतु में कितने लघु सेतु हैं, कितने लघु सेतु बने हैं और मानकों के अनुसार कितने सेतु बनने हैं, ये सूचना भी इस पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध हो सकेगी। उदाहरण के लिए वर्तमान में नदी सेतु का मानक 20 किलोमीटर है तो जीआईएस पोर्टल के माध्यम से किसी भी नदी पर 20 किलोमीटर से अधिक दूरी होने पर मानकों के आधार पर धीरे-धीरे दूरी कम करते हुए 15 किलोमीटर और तदोपरान्त 10 किलोमीटर पर लाये जाने का प्रयास किया जाएगा। प्रधानमंत्री की अमृतकाल, 2047 में विकसित भारत की परिकल्पना का सपना साकार करने के क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की 01 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में लोक निर्माण विभाग का यह एक महत्वपूर्ण कदम है।

उल्लेखनीय है कि लोक निर्माण विभाग में पूर्व में प्रचलित सृष्टि 1.0 में केवल 50 हजार किलोमीटर सड़कें ही पोर्टल पर उपलब्ध थीं। किसी प्रकार का डैशबोर्ड सिस्टम भी उपलब्ध नहीं था। तकनीकी रूप से विभाग को समृद्ध करने के लिए सृष्टि 2.0 को विकसित किया जा रहा है। लोक निर्माण राज्यमंत्री श्री बृजेश सिंह द्वारा इस पोर्टल के बनाए जाने पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि इससे पारदर्शिता में और अधिक वृद्धि होगी। प्रमुख सचिव, लोक निर्माण विभाग द्वारा सभी अधिकारियों के साथ बैठक करके इसका पूरा खाका तैयार किया गया।

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