Dainik Athah

उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव दिसंबर में महापौर- अध्यक्ष- पार्षद- सभासदों के आरक्षण: करना होगा इंतजार

12 या इसके बाद जारी हो सकता है आरक्षण

शासन में दिन- रात चल रहा फीडिंग का काम

अथाह ब्यूरो
लखनऊ।
उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव आरक्षण के लिए संभावित दावेदारों की धड़कनें बढ़ी हुई है। लेकिन इसके लिए अभी कुछ दिन और इंतजार करना पड़ सकता है। हालांकि लोनी के वार्डों का आरक्षण संभवत: इसके बाद ही जारी हो। लेकिन चुनाव निर्धारित समय पर ही सबके साथ होंगे।
बता दें कि प्रदेश में निकाय चुनाव की रणभेरी बज चुकी है। प्रदेश के सभी जिलों ने परिसीमन करने के साथ ही वार्डों के आरक्षण की सूचना भी शासन को भेज दी है। लोनी नगर पालिका परिषद के परिसीमन में कुछ देरी अवश्य हुई है।

इसका कारण यह है पहले यहां पर 60 वार्ड बना दिये गये थे, जबकि शासनादेश के अनुसार नगर पालिकाओं में वार्डों की संख्या 55 से अधिक नहीं हो सकती। इसी कारण प्रशासन ने शनिवार को वार्डों का पुर्न परिसीमन कर सूचना शासन को प्रेषित कर दी।
इस समय पूरे प्रदेश में महापौर के साथ ही नगर पालिका परिषद, नगर पंचायत अध्यक्षों के साथ ही पार्षदों एवं सभासद पदों के संभावित दावेदारों की नजरें लखनऊ की तरफ लगी है कि आरक्षण कब तक जारी होगा। लेकिन इसके लिए अभी कुछ समय और इंतजार करना होगा। उच्चस्तरीय सूत्रों पर भरोसा करें तो आरक्षण 12 नवंबर अथवा इसके बाद ही जारी होने की संभावना है। हालांकि शासन स्तर से सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। लेकिन कुछ स्थानों की फीडिंग पूरी नहीं हो सकी है। इसके साथ ही लोनी एवं मुजफ्फरनगर नगर पालिका परिषदों की सूचना पहुंचने में देरी हो रही है।
सूत्रों का दावा है कि महापौर, अध्यक्षों का आरक्षण शासन स्तर से जारी किया जायेगा, जबकि वार्डों का आरक्षण जिलों भेज दिया जायेगा। इसके बाद जिलास्तर से वार्डों का आरक्षण घोषित किया जायेगा। इस देरी कारण दावेदार अपनी तैयारियां भी अभी नहीं कर पा रहे हैं।

विधायक भी डाल रहे लखनऊ में डेरा

सूत्रों के अनुसार अपने मन माफिक आरक्षण करवाने के लिए प्रदेश के अनेक जिलों के विधायकों ने प्रदेश की राजधानी में डेरा डाला हुआ है। स्थिति यह है कि इन विधायकों से बचने के लिए फीडिंग में लगे अधिकारियों एवं कर्मचारियों को काम करने में परेशानी हो रही है। इसका रास्ता भी निकाल लिया गया है। जो प्रमुख लोग आरक्षण का काम देख रहे हैं वे अपनी सीट से हटकर बंद कमरों में बैठ कर काम कर रहे हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी की मानें तो अपनी सीट पर बैठकर काम करने में अधिक परेशानी है। हालांकि कोई भी अधिकारी यह खुलकर बताने की स्थिति में नहीं है कि आरक्षण किस दिन तक जारी हो जायेगा।

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