Dainik Athah

यूपी में बिजली, सड़क और शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा लक्ष्य निर्धारित करने की तैयारी

”मिशन वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी”

बिजली उत्पादन पांच गुना तक बढ़ाने की तैयारी

1.62 लाख मेगावाट उत्पादन के विशाल लक्ष्य पर नजर

प्रदेश में 3.12 लाख किमी नई सड़कें बनाने पर फोकस

स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात को 1:39 से 1:20 करने का खाका

अथाह ब्यूरो
लखनऊ।
योगी सरकार प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनाने के लिए मिशन मोड में काम कर रही है। इसके लिए आने वाले दिनों में बिजली, सड़क और शिक्षा के क्षेत्र में नये माइलस्टोन निर्धारित किये जा सकते हैं। सरकार का पूरा ध्यान 2027 तक प्रदेश की अर्थव्यवस्था को लगभग 76 लाख करोड रुपये (वन ट्रिलियन डॉलर) के विशाल लक्ष्य तक पहुंचाना है और ये फासला बिजली, सड़क और शिक्षा जैसे मूलभूत ढांचे में नये टार्गेट तय करने के साथ ही पूरा किया जा सकता है।
उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी वाला राज्य बनाने के लिए भारत के पूर्व आर्थिक सलाहकार रहे कृष्णमूर्ति वेंकट सुब्रमण्यम की ओर से एक पूरा खाका खींचा गया है, जिसे जल्द ही योगी मंत्रिमंडल के सामने भी प्रस्तुत किया जाएगा। बता दें कि बीते अप्रैल माह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद सुब्रमण्यम को इस संबंध में विस्तृत प्रेजेंटेशन रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा गया था। राज्य में बड़े पैमाने पर निवेश को आमंत्रित करने के साथ ही सु्ब्रमण्यम का विशेष जोर प्रदेश की सड़कों को और अधिक विस्तार देने, बिजली के उत्पादन को बढ़ाने और स्कूली शिक्षा में छात्र और शिक्षक के अनुपात को कम करने पर है।
सुब्रमण्यम की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में अभी 30,517 मेगावॉट बिजली का उत्पादन हो रहा है, जिसे अगले पांच साल में पांच गुना बढ़ा के 1,93,378 मेगावॉट तक पहुंचाना होगा। इसका मतलब 1,62,861 मेगावाट अतिरिक्त बिजली के उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित करना है। वहीं सड़कों की बात करें तो प्रदेश में अभी इनकी कुल लंबाई 4,43,000 किलोमीटर है, जिसमें 3,12,000 किलोमीटर सड़कों का अतिरिक्त जाल बिछाते हुए कुल 7,55,000 किलोमीटर का लक्ष्य प्राप्त करना होगा। इसके अलावा शिक्षा क्षेत्र की बात करें तो प्रदेश के स्कूलों में अभी 39 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक की व्यवस्था है, जिसे कम करते हुए 20 विद्यार्थी प्रति शिक्षक के स्तर पर लाना होगा।

बिजली, सड़क और शिक्षा जैसे बुनियादी ढांचे का सीधा संबंध सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में बढ़ोतरी के तौर पर देखा जा सकता है, इसका जीता जागता मॉडल पूर्वी एशियाई देश की अर्थव्यवस्था में मिलता है। रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में प्रत्येक बिलियन डॉलर की बढ़ोतरी के लिए सूबे में 502.12 मेगावॉट बिजली की आवश्यक्ता होगी। इसके पीछे अनुमान ये है कि 2027 तक प्रदेश की जनसंख्या लगभग 24 करोड़ से ज्यादा हो जाएगी। अनुमान के मुताबिक वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था तक पहुंचते पहुंचते राज्य में प्रति व्यक्ति बिजली की खपत लगभग 7 हजार यूनिट प्रतिवर्ष होगी।

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