Dainik Athah

नियमों की धज्जियां उड़ा कर दिये गये 81 कृषि पट्टे निरस्त

डासना देहात के बाद अब भोजपुर में गिरी गाज

अपर जिलाधिकारी प्रशासन के न्यायालय ने जारी किया आदेश

फैक्ट्री मालिक, व्यापारियों, धनपतियों, बाहरियों एवं अपनों को जमकर हुई पट्टों की बंदरबांट

अथाह संवाददाता
गाजियाबाद।
वर्ष 2002 में नियमों को ताक पर रखकर किये गये कृषि पट्टों के आवंटन को अपर जिलाधिकारी प्रशासन ऋतु सुहास की अदालत ने निरस्त करते हुए तहसीलदार मोदीनगर को निर्देश दिये कि पट्टों की इन जमीनों पर कब्जा लेकर ग्राम सभा भोजपुर को उपलब्ध करवाई जाये। इस निर्णय के बाद भोजपुर के पट्टा धारकों की धड़कनें बढ़ गई है।


बता दें कि पिछले दिनों अपर जिलाधिकारी प्रशासन के न्यायालय ने गाजियाबाद सदर तहसील के डासना देहात में नियम विरूद्ध किये गये दो सौ से ज्यादा पट्टों को निरस्त कर दिया था। बता दें कि मोदीनगर तहसील की भोजपुर ग्राम पंचायत में वर्ष 2002 में नियमों को ताक पर रखकर 81 लोगों को कृषि भूमि के पट्टे आवंटित किये गये थे। इसके लिए भूमि प्रबंध समिति ने न तो गांव में मुनादी करवाई और न ही ग्राम सभा की खुली बैठक आहूत की गई। इस मामले में अपर आयुक्त मेरठ मंडल के न्यायालय ने गुण दोष के आधार पर 22 नवंबर 2014 को एक माह में मुकदमें का निस्तारण करने के निर्देश दिये गये थे। लेकिन लंबी सुनवाई के बाद अपर जिलाधिकारी प्रशासन के न्यायालय ने 16 अक्टूबर 2002 को किये गये पट्टों के प्रस्ताव एवं स्वीकृति के आदेश 28 अक्टूबर 2002 को निरस्त कर दिया।

किसी का उद्योग, कोई नौकरी पेशा


जिन लोगों को भूमिहीन बताकर पट्टे आवंटित किये गये थे उनमें किसी का खुद का उद्योग संचालित हो रहा था तो अनेक लोग नौकरी कर रहे थे। इतना ही नहीं बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी है जिनके परिवार के पास अच्छी खासी खेती की जमीन थी। इतना ही नहीं बाहरियों को भी जमकर पट्टे आवंटित कर ग्राम समाज की भूमि की बंदरबांट की गई। अपर जिलाधिकारी ने मोदीनगर तहसील से जो जांच करवाई उसमें खुलासा हुआ है कि जो लोग राजस्थान के जयपुर में रहते हैं उन्हें भी कृषि भूमि के पट्टे आवंटित किये गये थे।

न खुली बैठक हुई, न मुनादी करवाई गई

नियमानुसार कृषि भूमि के पट्टे आवंटित किये जाने संबंधी बैठक खुली होती है। इसके साथ ही गांव में मुनादी करवाई जाती है। लेकिन भूमि प्रबंध समिति ने सभी नियमों की धज्जियां तो उड़ाई ही साथ ही ग्राम पंचायत सदस्यों के संबंधियों को भी पट्टों का आवंटन किया गया। इस निर्णय के बाद भोजपुर के साथ ही पूरे भोजपुर ब्लाक के गांवों के पट्टा धारकों की धड़कनेंं बढ़ गई है।

अपर जिलाधिकारी प्रशासन का आदेश

अपर जिलाधिकारी प्रशासन ऋतु सुहास ने आदेश में कहा है कि विवेचना विश्लेषण के आधार पर भूमि प्रबंध समिति ग्राम भोजपुर द्वारा पारित आवंटन प्रस्ताव 16 अक्टूबर 2002 एवं स्वीकृति 28 अक्टूबर 2002 निरस्त एवं खारिज करने योग्य है। अत: सभी पट्टे निरस्त किये जाते हैं। इसके साथ ही उन्होंने तहसीलदार मोदीनगर को निर्देश दिये कि उक्त भूमि से आवंटियों के नाम खारिज कर अभिलेखों में पूर्व की स्थिति बहाल की जाये। उन्होंने मौके पर भूमि का कब्जा लेकर ग्राम सभा भोजपुर को देने का आदेश भील दिया।

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