नरेन्द्र मोदी अब सिर्फ प्रधानमंत्री या जननेता नहीं रहे। वे देश के सांस्कृतिक पुर्नजागरण के प्रतीक और बड़े समाज-सुधारक साबित हो रहे हैं: राजनाथ सिंह
अथाह ब्यूरो
नई दिल्ली। गुजरात के गांधीनगर में आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ‘मोदी@20′ के गुजराती संस्करण के पुस्तक का विमोचन किया। इस मौके पर समारोह में उन्होंने अपने संबोधन में यह संदेश दिया।’मोदी@20’ के गुजराती संस्करण के पुस्तक विमोचन समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा- नरेन्द्र मोदी अब सिर्फ प्रधानमंत्री या जननेता नहीं रहे। वे देश के सांस्कृतिक पुर्नजागरण के प्रतीक और बड़े समाज-सुधारक साबित हो रहे हैं। वर्तमान को सुधार कर वे अब अगले कई दशकों के लिए देश की दिशा बदलने के काम में लगे हैं। अपने गवर्नेंस और फैसलों से वे भारत के भविष्य के नियंता बन गए हैं। वे अब भारत के वर्तमान के लिए नहीं भविष्य के लिए काम कर रहे हैं। नरेन्द्र मोदी इतिहास की ऐसी लकीर हैं। जो देश के राजनीतिक इतिहास में पहली बार उकेरी गयी है। आखिर यह ह्यमोदी मैजिकह्ण है क्या मैं फिर कह रहा हूँ। इस देश की नब्ज को पहचानने वाला और जनता से सीधे संवाद करने वाला महात्मा गांधी के बाद नरेन्द्र मोदी दूसरे नेता है।
महात्मा गांधी ने देश के करोड़ों लोगों को आजादी के आन्दोलन से जोड़ा। नरेन्द्र मोदी ने देश के विकास और सांस्कृतिक पुर्नजागरण से देश के आम लोगों को जोड़ा। यही ‘मोदी मैजिक’ है। नरेन्द्र मोदी जी ऐसे अनोखे नेता हैं। जो देश में ध्वंस से नहीं अपनी ‘रचनात्मकता’ से बदलाव की अलख जगाते हैं। वे अपनी रचनात्मकता से देश में सांस्कृतिक पुर्नजागरण का अभियान छेड़े हुए हैं। पहले सोमनाथ, फिर केदारनाथ, अयोध्या, काशी और अब महाकाल का बदलता दिव्य और भव्य स्वरूप देश के सांस्कृतिक पुर्नजागरण की मिसाल है। जब देश भ्रष्टाचार में खौल रहा था। कुशासन का चौतरफा बोलबाला था, लोगों की उम्मीदें उफान मार रही थी। तो उसे नरेन्द्र मोदी मिल गए। वह किसी आन्दोलन से नहीं आए। आन्दोलन नकारात्मक भाव ध्वनित करता है। मोदी जी जन उम्मीदों के शिखर पर लोकइच्छा से पहुंचे।
मोदी इस देश के पहले प्रधानमंत्री हैँ जो प्रधानमंत्री बनने से पहले कोई बारह बरस तक किसी राज्य के मुख्यमंत्री रहे। यानी प्रधानमंत्री के तौर पर आठ साल और मुख्यमंत्री के 12 साल इन 20 साल की सुशासन यात्रा का लेखा-जोखा प्रस्तुत करती है यह किताब ‘मोदी@20: ड्रीम्स मीट डिलीवरी’ प्रधानमंत्री के विजन को ‘डिकोड’ करती है। और ये समझने में मदद करती है कैसे देश के लोगों के लिए बड़े सपने देखने का उनमें साहस है। रणनीति और कूटनीति में भी उन्हें महाराथ हासिल है। आतंकवाद के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के रवैए को Redesign और Redefine किया है। आतंकवाद की तरह देश में नक्सलवाद और पूर्वोत्तर में उग्रवाद पर भी पिछले साढ़े आठ वर्षों में लगाम लगी है। देश की आतंरिक और बाह्य सुरक्षा में जो ‘Paradigm Shift’ है वह प्रधानमंत्री मोदी के कड़े फैसले लेने की क्षमता का नतीजा है।