किसकी सलाह पर चलाई जा रही कांग्र्रेस
2022 विधानसभा चुनाव में जमानत भी नहीं बचा सके थे खाबरी दंपत्ति
बसपा से आने वालों को विशेष महत्व देने से पुराने कांग्रेसी सकते में
अशोक ओझा
लखनऊ। लंबे समय से खाली चल रहे उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर नये अध्यक्ष के साथ ही आधा दर्जन प्रांतीय अध्यक्ष नियुक्त किये गये हैं। लेकिन इन नियुक्तियों ने पुराने कांग्रेस हतप्रभ है। जिन बृजलाल खाबरी को देश की सबसे अधिक विधानसभा एवं लोकसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को पुर्नजीवित करने की जिम्मेदारी सोंपी गई है वे एवं उनकी पत्नी 2022 विधानसभा चुनाव में जमानत तक नहीं बचा सके थे।
कांग्रेस ने लंबे इंतजार के बाद एवं अखिल भारतीय कांग्रेस के नये अध्यक्ष के चुनाव से ठीक पहले उत्तर प्रदेश में कांग्रेस अध्यक्ष पद पर बृजलाल खाबरी को नियुक्त किया है। इसके साथ ही छह प्रांतीय अध्यक्ष नियुक्त किये गये हैं। ये प्रांतीय अध्यक्ष प्रदेश के अलग अलग क्षेत्रों के लिए हैं। खाबरी 2016 में बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे। इनकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये दलित समाज से आते हैं। कांग्रेस इनके सहारे अपने पुराने दलित वोट बैंक को सहेजने की कोशिश कर सकती है। यह भी बता दें खाबरी को कांग्रेस ने 2022 के विधानसभा चुनाव में ललितपुर जिले की महरौनी सीट से प्रत्याशी बनाया था। लेकिन चुनाव में जमानत बचाना तो दूर मात्र 4334 वोट पाकर संतुष्ट हो गये थे।
खाबरी की पत्नी उर्मिला देवी सोनकर खाबरी को कांग्रेस ने उरई विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा था। उर्मिला को 4650 मत प्राप्त हुए थे। अब कांग्रेस के पुराने नेताओं एवं कार्यकर्ताओं का कहना है कि जो खुद की एवं अपनी पत्नी की जमानत नहीं बचा सके वे कांग्रेस को प्रदेश में कैसे जीवित करेंगे यह यक्ष प्रश्न है। इसके साथ ही नसीमुद्दीन सिद्दीकी जो कभी बसपा के राष्टÑीय महासचिव रहते हुए बसपा प्रमुख मायावती के खास लोगों में गिने जाते थे ने कांग्रेस में आने के बाद ऐसा कुछ नहीं किया जिसके चलते उनसे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को कोई उम्मीद हो। बसपा से ही कांग्रेस में आये नकुल दूबे को लें तो विधानसभा चुनाव से पहले दूबे बसपा के लिए ब्राह्मण सम्मेलन करते घूम रहे थे। चुनाव के बाद उन्होंने कांग्रेस का रूख किया, लेकिन वे भी कितना पार्टी को मजबूत कर पायेंगे कुछ कहना कठिन है।इस सूची में शामिल नाम अजय राय एवं योगेश दीक्षित अवश्य पुराने कांग्रेसी है।
जिस प्रकार पार्टी के राष्टÑीय अध्यक्ष के चुनाव से पूर्व यूपी कांग्रेस के नये अध्यक्ष एवं छह प्रांतीय अध्यक्षों की घोषणा की गई है उससे यह स्पष्ट होता है कि कांग्रेस का अध्यक्ष चाहे कोई भी हो, लेकिन पार्टी को गांधी परिवार ही चलायेगा। सूत्रों की मानें तो यह नियुक्तियां कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की इच्छा से की गई है। अब देखना यह है कि आगामी निकाय चुनाव एवं 2024 के लोकसभा चुनाव में ये नयी टीम कांगे्रेस में कितनी जान डाल पाती है।