Dainik Athah

गुलधर स्टेशन पर लगा आरआरटीएस का पहला एस्कलेटर

प्रायोरिटी सेक्शन में एस्कलेटर्स और लिफ्ट्स का इंस्टालेशन आरंभ

अथाह संवाददाता

गाजियाबाद। 82 किमी लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर एस्कलेटर और लिफ्ट्स लगाने का कार्य आरंभ हो गया है। इसकी शुरुआत गुलधर स्टेशन से की गई है और साहिबाबाद स्टेशन पर भी एस्कलेटर लगाने का कार्य शुरू हो चुका है।
यात्री- सुविधा पूरी आरआरटीएस परियोजना के कार्यान्वयन का केंद्र- बिंदु है और एनसीआरसीटीसी इसे सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। आरआरटीएस के अधिकांश स्टेशनों में 3 से 4 तल हैं। ऐसे में यात्रियों के लिए, विशेषकर बुज़ुर्गों, विक्लांगों, बच्चों एवं महिलाओं के लिए यात्रा को सुगम बनाने एवं एक तल से दूसरे तल तक पहुंचने में सुविधा प्रदान करने के लिए उपयुक्त संख्या में लिफ्ट एवं एस्केलेटर्स की व्यवस्था की जा रही है। 
इस पूरे सेक्शन में में 5 स्टेशन हैं, साहिबाबाद, गाज़ियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो। इन सभी स्टेशनों में कुल 36 एस्केलेटर और 26 लिफ्ट लगाई जाएँगी। इनमें से अब तक 8 एस्केलेटर्स और 4 लिफ्ट का इस्टॉलेशन पूरा कर लिया गया है। जहां गुलधर स्टेशन पर 4 एस्केलेटर इंस्टॉल किए गए हैं तथा 2 लिफ्ट का इस्टॉलेशन किया जा रहा है, वहीं साहिबाबाद स्टेशन पर 4 एस्केलेटर्स के इंस्टॉलेशन का कार्य पूरा किया जा चुका है। 


दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर एस्कलेटर्स लगाने के लिए एनसीआरटीसी ने शिंडलर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ अनुबंध किया है जो 162 एस्केलेटर डिलीवर करेगी। यह कंपनी महाराष्ट्र के पुणे में एस्कलेटर्स का निर्माण कर रही है। अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित ये एस्कलेटर्स, आवागमन को सुविधाजनक बनाने के साथ-साथ ऊर्जा की बचत को भी संभव बनाएँगे। इसी तरह कॉरिडोर के लिए लिफ्ट का अनुबंध ओटिस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ किया गया है जो 111 लिफ्ट्स की डिलीवरी करेगी। इन सभी लिफ्ट्स का निर्माण कंपनी की बेंगलुरु स्थित फैक्ट्री में किया जा रहा है। 


दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर लगाए जाने वाले एस्कलेटर्स की कुछ प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं

  • 1.एस्कलेटर के साइड के पैनल और स्टेप (सीढ़ी) के बीच में साड़ी जैसे ढीले कपड़ों के उलझने की संभावना को कम करने के लिए स्कर्ट गार्ड का प्रयोग। 
  • 2.एस्कलेटर पर यात्रा करते समय यात्रियों की उंगलियों की सुरक्षा के लिए एस्कलेटर के हैंडरेल पर फिंगर गार्ड लगा होगा।
  • 3.एस्केलेटर के असामान्य संचालन पर यात्रियों को एस्कलेटर से गिरने से बचाने के लिए कई स्वचालित सुरक्षा उपकरण होंगे, जिनमें एंटी-रिवर्सल डिवाइस, ड्राइव चेन ब्रोकन डिवाइस, हैंडरेल ब्रोकन डिवाइस, एस्केलेटर ओवर स्पीड डिवाइस, स्टेप सैग / स्टेप ब्रोकन डिवाइस, स्टेप अप-थ्रस्ट डिवाइस, स्टेप मिसिंग डिवाइस, हैंडरेल मॉनिटरिंग डिवाइस आदि। 
  • 4.एस्कलेटर पर मजबूत पकड़ के लिए “V” प्रकार के हैंडरेल होंगे। 
  • 5.प्रत्येक एस्कलेटर पर आसानी से बोर्डिंग और डी-बोर्डिंग करने के लिए पीली लाइन और पीली लाइट के साथ चार समतल स्टेप होंगे।
  • 6.स्टेशन के अंदर पेड एरिया में लगाए गए एस्कलेटर के साइड में शीशे लगे होंगे, जबकि नॉन पेड एरिया में यह स्टेनलेस स्टील का होगा।
  • 7.एस्कलेटर पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए एस्कलेटर के ऊपर और नीचे अतिरिक्त इमर्जेंसी स्टॉप स्विच होंगे, जिन्हें ज़रूरत पड़ने पर प्रयोग करके एस्कलेटर को रोका जा सकेगा।

इसके साथ ही, आरआरटीएस ट्रेनों तक सभी की सुलभ पहुँच और सुगम-सुविधाजनक यात्रा सुनिश्चित करने के लिए ट्रेन के कोच में व्हीलचेयर एवं स्ट्रेचर के लिए एक निश्चित स्थान दिया गया है। स्टेशन पर भी स्ट्रेचर्स को लाने-जाने के लिए विशेष लिफ्ट की व्यवस्था की गई है।

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