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प्रदेश की कानून व्यवस्था, महंगाई के खिलाफ, सपा का विस में धरना कार्यक्रम 17 से: अखिलेश यादव

चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के समक्ष होगा धरन

अथाह ब्यूरो
लखनऊ।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि प्रदेश की ध्वस्त कानून व्यवस्था, बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, विपक्षी दलों खासकर समाजवादी पार्टी के नेताओं और कार्यकतार्ओं के खिलाफ फर्जी और झूठे मुकदमें, प्रदेश में सूखा संकट, गन्ना किसानों का बकाया भुगतान, किसानों की आत्महत्या समेत अन्य मुद्दों को लेकर समाजवादी पार्टी के सभी विधायक 14 सितंबर से विधानसभा भवन स्थित पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के समक्ष धरना देंगे।
14 सितंबर को धरने का नेतृत्व समाजवादी पार्टी विधानमंडल दल के मुख्य सचेतक मनोज कुमार पांडे, 15 सितंबर को सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, 16 सितंबर को पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री अवधेश प्रसाद एवं इन्द्रजीत सरोज, 17 सितंबर को विधानसभा में पार्टी के पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ नेता राम अचल राजभर करेंगे। 18 सितम्बर को धरने का नेतृत्व पूर्व नेता विरोधी दल रामगोविन्द चौधरी तथा पूर्व मंत्री ओम प्रकाश सिंह करेंगे।
समाजवादी पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में सपा विधानमंडल दल के मुख्य सचेतक मनोज पाण्डेय ने कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा की तरफ से विपक्षी दल के नेताओं कार्यकतार्ओं खासकर समाजवादी पार्टी के नेताओं पर झूठे मुकदमें लगाए जा रहे हैं। उन्हें अपमानित किया जा रहा है तथा चरित्र हनन के प्रयास किए जा रहे हैं। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खां के ऊपर गवाहों को धमकाने का झूठा मुकदमा लिखाया गया और जौहर विश्वविद्यालय चलाने में बाधा डाली जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अधिकांश जिले सूखे से प्रभावित हैं लेकिन न तो अभी तक कोई जांच कराई गई है और नहीं सूखा प्रभावित किसानों को कोई मदद दी गई। जातीय जनगणना की मांग नहीं मानी जा रही है।
पाण्डेय ने कहा कि खाने पीने की चीजें आटा, दाल, तेल से लेकर बच्चों की पढ़ाई के काम आने वाली कलम, कॉपी तक पर जीएसटी लगा दी गई है इससे परिवारों पर आर्थिक बोझ पड़ रहा है और पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है। बेरोजगारी में लगातार वृद्धि होती जा रही है। भाजपा सरकार आंकड़ों का खेल खेल रही है। बेरोजगार नौजवान निराश है और कई जिलों में आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहा है। सरकारी संस्थाओं का निजीकरण हो रहा है। कर्मचारियों की पुरानी पेंशन की बहाली नहीं की जा रही है।
मनोज पाण्डेय ने कहा कि महिला अपराधों में तेजी से वृद्धि हुई है। चिकित्सा क्षेत्र में घोर लापरवाही हो रही है। अस्पतालों में पैरामेडिकल स्टाफ की कमी है। कोरोना काल में सामाजिक संस्थाओं के द्वारा दिए गए वेंटिलेटर धूल खा रहे हैं। वेंटीलेटर के अभाव में मरीजों की मौत हो रही है। ओबीसी आरक्षण में सरकार कटौती कर रही है। वित्तविहीन शिक्षकों को मानदेय नहीं दिया जा रहा है। हर तरफ भ्रष्टाचार व्याप्त है। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण के नाम पर गरीबों को उजाड़ा जा रहा है। भाजपा सरकार ने चुनाव के समय घोषणा की थी कि बिजली फ्री देंगे। जनता आज भी फ्री बिजली का इंतजार कर रही है। राज्य सरकार ने खुद स्वीकार किया है कि जो बिजली के बिल भेजे गए हैं उसमें 54 फीसदी गलत है।


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