Dainik Athah

अवैध निर्माण की नींव की ईंट निकालकर लायें प्रवर्तन से संबंधित अधिकारी: राकेश कुमार सिंह

अनिस्तारित शिकायतों व अवैध निर्माण पर वीसी ने जताई नाराजगी

आज आहूत समीक्षा बैठक को लेकर जीडीए के अधिकारियों में बेचैनी

आलोक यात्री
गाजियाबाद।
जन शिकायतों के निस्तारण में कोताही बरतने व महानगर में बढ़ते अवैध निर्माण के प्रति जीडीए अभियंताओं व अधिकारियों के आंख मूंद लेने पर जिलाधिकारी एवं प्राधिकरण उपाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। गुरुवार को जीडीए को मिली जन शिकायतों के निस्तारण की वह स्वयं समीक्षा करेंगे। प्राधिकरण उपाध्यक्ष सिंह के कड़े तेवरों के चलते उन विभागों में हड़कंप मचा है जहां लंबे समय से शिकायतों का निस्तारण नहीं हुआ है। जोन 3 और जोन 6 में चल रहे अवैध निमार्णों के प्रति प्रभारियों से नाराजगी जताते हुए उन्होंने हिदायत दी है कि अवैध निर्माण के खिलाफ ठोस कार्रवाई न करने वालों को कठोर दंड भुगतना पड़ सकता है।

गौरतलब है कि जीडीए के शिकायत प्रकोष्ठ में जन सामान्य अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है। शिकायतों का निस्तारण विभिन्न विभाग के मुखियाओं द्वारा किया जाता है। मंगलवार को जीडीए में जन सुनवाई के तहत जिलाधिकारी एवं उपाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह के समक्ष कई ऐसे प्रकरण आए जो जीडीए में लंबे समय से अनिस्तारित चल रहे हैं। बुधवार को जारी जिलाधिकारी एवं उपाध्यक्ष के समीक्षा आदेश के बाद से जीडीए के अधिकांश विभागों में हड़कंप मचा है। बीते आठ माह में जीडीए को विभिन्न स्तर पर कुल 10064 शिकायतें प्राप्त हुई थीं। जिनमें से 8993 का ही निस्तारण हो सका है। एक हजार से अधिक शिकायतें अभी भी अनिस्तारित हैं।

सूत्रों का कहना है कि सर्वाधिक 328 शिकायतें प्रवर्तन खंड जोन 7 में लंबित हैं। उसके बाद प्रवर्तन खंड जोन 6 में भी अनिस्तारित शिकायतों की संख्या 168 है। अभियंत्रण विभाग के जोन 3 में 146 शिकायतें निस्तारित होनी शेष हैं। प्रवर्तन खंड जोन 4 में अनिस्तारित शिकायतों की संख्या 93, उद्यान विभाग में 92, प्रवर्तन खंड जोन 6 में 75, प्रवर्तन खंड जोन 8 में 56 व जोन 1 व 2 में 41 शिकायतों का निस्तारण होना शेष है।

जानकारी में आया है कि जोन 3 में अनधिकृत निर्माण पर श्री सिंह ने सख्त ऐतराज जताते हुए सभी अवैध निमार्णों को नेस्तनाबूद करने के आदेश दिए हैं। संबंधित अवर अभियंता व जोन प्रभारी से सख्त लहजे में उन्होंने कहा कि गरीब के छज्जे या खिड़की के बजाए निमार्णाधीन बहुमंजिला इमारतों को ध्वस्त करने पर ध्यान दें। ऐसे कई निमार्णों की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसे निमार्णों की नींव की ईंट चाहिए। इसमें भले ही 10 दिन लगें या महीना। जिलाधिकारी व उपाध्यक्ष के इन तेवरों की गाज गुरुवार की समीक्षा बैठक में किस-किस पर गिरती है इस पर पूरे प्राधिकरण की नजर टिकी है।

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