गन्ने से सिर्फ चीनी-गुड़ नहीं बन रहे, अब रोजगार भी मिल रहा, योगी सरकार गन्ना मूल्य भुगतान और चीनी उद्योग में रोजगार देने में अव्वल
पिछले पांच सत्रों सहित वर्तमान सत्र का भी 84 फीसदी से अधिक का गन्ना मूल्य भुगतान हुआ
खांडसारी नीति में सार्थक बदलाव के कारण 172 इकाईयां प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 19 हजार से अधिक लोगों को दे रहीं रोजगार
ग्रामीण महिलाओं को रोजगार सृजित कराकर स्वावलम्बी बनाने की हुई अनूठी पहल, 37 जिलों में 59 हजार महिलाएं हो रहीं आत्मनिर्भर
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले पांच वर्षों में गन्ना किसानों को भुगतान सहित तकनीकी के इस्तेमाल से बड़ी राहत दी है। गन्ने से सिर्फ चीनी-गुड़ नहीं बन रहे, बल्कि एथेनॉल से लेकर गुड़ और उससे संबंधित कई तरह के खाद्य पदार्थ भी बनाए जा रहे हैं। जिस कारण चीनी उद्योग और इससे जुड़े क्षेत्रों में 70 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। इतना ही नहीं, सरकार की ओर से पिछले पांच सत्रों का गन्ना मूल्य का पूरा भुगतान और वर्तमान सत्र का भी 84 फीसदी से अधिक का भुगतान कराया गया है।
सीएम योगी के लगातार प्रयासों से चीनी उद्योग और गन्ना विकास ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार का बड़ा माध्यम बना है। गन्ना विकास विभाग की ओर से प्रदेश में पहली बार आॅनलाइन खांडसारी लाइसेंसिंग व्यवस्था लागू की गई। खांडसारी नीति में सार्थक बदलाव के कारण प्रदेश में 282 खांडसारी लाइसेंस जारी किए गए हैं, जिनमें 172 इकाईयां संचालित हो चुकी हैं। इससे करीब 19,264 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला है। सभी 282 खांडसारी इकाईयों की स्थापना से करीब 31,530 लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। इसके अलावा गन्ना विकास विभाग की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को रोजगार सृजित कराकर स्वावलम्बी बनाने के लिए अनूठी पहल की गई है।
समूह की हर महिला को सालाना दो लाख रुपए की हो रही आय
गन्ना विकास विभाग और चीनी उद्योग के अपर मुख्य सचिव संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि सीएम योगी के निर्देशानुसार विभाग को रोजगारपरक बनाया जा रहा है। हमारी कोशिश है कि विभाग के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिले। इसी के तहत प्रदेश में पहली बार 37 जिलों में 3,003 महिला स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है। इसमें 58,905 महिला सदस्यों से सिंगल बड और सिंगल बड चिप विधि से गन्ना पौधे तैयार कराकर रोजगार सृजित किया गया है। समूहों ने अब तक करीब 24.6 करोड़ सीडलिंग तैयार की है, जिससे 78.75 लाख कुंतल नई उन्नत गन्ना किस्मों का बीज किसानों को वितरण के लिए उपलब्ध होगा। उन्होंने बताया कि औसतन चार माह के सीडलिंग उत्पादन और वितरण के लिए हर समूह को 75,000 रुपए से 27.00 लाख रुपए प्रति वर्ष की आमदनी हो रही है। ऐसे ही समूह की हर महिला को सालाना 7,500 रुपए से दो लाख रुपए की आय हो रही है।
साढ़े 61 लाख लोगों को मिला चीनी मिलों और संबंधित क्षेत्रों से रोजगार
सीएम योगी ने चीनी मिलों की पेराई क्षमता में करीब 24,100 टीसीडी की वृद्धि की है और 10,000 टीसीडी क्षमता की दो नई चीनी मिलें स्थापित की गई हैं, जिनसे करीब 32,010 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन हुआ है। चीनी मिलों में करीब 1.5 लाख लोगों को स्थायी और अस्थायी तौर पर रोजगार मिला है। करीब आठ लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार चीनी उद्योग से मिला है। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 10 लाख दैनिक मजदूरों को गन्ना छिलाई और कटाई के माध्यम से चीनी मिलों के संचालन के दौरान रोजाना रोजगार मिला है। इसके अलावा प्रति हेक्टेयर गन्ना उत्पादन में साल भर करीब 288 मानव दिवस रोजगार का सृजन होता है। इस प्रकार प्रदेश में कुल 27.60 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में गन्ना उत्पादन से करीब 7,949 लाख मानव दिवस रोजगार का सृजन होता है और करीब 50 लाख किसान गन्ना उत्पादन के माध्यम से रोजगार प्राप्त करते हैं।
सपा-बसपा के कार्यकाल से अधिक किया भुगतान
सरकार की ओर से अब तक 1,77,839 करोड़ रुपए का गन्ना मूल्य भुगतान किया गया है, जिसमें सपा कार्यकाल का 10,647 करोड़ रुपए और बसपा कार्यकाल के 12.80 करोड़ रुपए शामिल हैं। योगी सरकार की ओर से अब तक कराए गए गन्ना मूल्य भुगतान की धनराशि मार्च 2007 से 2017 तक यानि 10 वर्षों में हुए कुल भुगतान से भी अधिक है। योगी सरकार ने पिछले पांच पेराई सत्रों 2016-17 (19 मार्च 2017 से) 2017-18, 2018-19, 2019-20, 2020-21 के देय गन्ना मूल्य का करीब पूरा भुगतान कराया है। पेराई सत्र 2021-22 में अब तक 84.61 प्रतिशत का गन्ना मूल्य भुगतान हो चुका है।