Dainik Athah

राग दरबारी :- नवाबों के शहर लखनऊ में जैसा आंखों ने देखा


बात जब उत्तर प्रदेश की नयी सरकार गठन की हो तो आखिर दरबारी लाल क्यों इस शपथ ग्रहण की रौचकता से दूर रहे। यहीं सोच कर दरबारी लाल भी शपथ ग्रहण से एक दिन पहले नवाबों के शहर में धमक गये।

दृश्य 1- एक विधायक जी जो गाजियाबाद जिले की ही सीट से चुने गये हैं के आवास पर पहुंचे तो देखा कि करीब एक दर्जन से ज्यादा लोग जमा हैं। लेकिन सभी के चेहरे पर एक तनाव सा नजर आ रहा था। पता चला कि तनाव इस बात का है कि विधायक जी शुक्रवार को शपथ ले रहे हैं या नहीं। इनमें से एक ही व्यक्ति ऐसा भी था जो टीवी का रिमोट हाथ में लेकर बार बार चैनल बदल रहा था। शायद किसी चैनल पर पट्टी ही चलती मिल जाये। वहां बैठे लोगों के साथ ही क्षेत्र के लोगों के फोन भी घंटा बजा रहे थे कि क्या हो रहा है। लेकिन पता कुछ नहीं चल रहा था। इसी बीच पता चला कि रात में कुछ और लोग क्षेत्र से पहुंच रहे हैं। इससे पता चला कि रात में यहां जिसे जगह मिल जायेगी सो जायेगा।

दृश्य 2- इस बार जिले के ही एक दूसरे विधायक जी के फ्लैट पर पहुंचे। वहां भी स्थिति पहले वालों से कुछ अलग नहीं थी। हां फोन पर बधाइयां अवश्य मिल रही थी। लेकिन विधायक जी शायद आश्वस्त नहीं थे। बधाई देने वालों को धन्यवाद कहने के साथ ही जब भी कोई ऐसा व्यक्ति पहुंचता जिसके संबंध दिल्ली के बड़े नेताओं से है तो विधायक जी कान में फूंक मारकर कहते भाई साहब उनसे ही पता कर लो स्थिति क्या है, कौन कौन मंत्री बन रहा है। यहां से बाहर निकलते ही दरबारी लाल के कान में उनके साथी फूंक मारते हैं यह तो पूरी आश्वस्त नजर आ रहे हैं। तब दरबारी लाल ने कहा देखो सुबह तक क्या होता है।

दृश्य 3- रात का अंधेरा गहराने लगा था। लेकिन मन किया एक अन्य विधायक जी के यहां चलते हैं। पहुंचे तो पता चला कि विधायक जी रात में तथा सुबह के समय आने वाले कार्यकर्ताओं- क्षेत्र वासियों के स्रान, भोजन समेत अन्य व्यवस्थाओं के सिलसिले में बाहर है। विधायक जी से बात होने पर इसकी पुष्टि भी हो गई।

रात गहरा गई थी करीब 11 बज चुके थे। इसी दौरान एक पत्रकार मित्र का फोन आ गया, भाई साहब कहां हो। मित्र एक पांच सितारा होटल में रुके थे। हमने कहा जिस मित्र के फ्लैट पर रुके हैं, उन्होंने कहा हम भी चलते हैं। साथ साथ भोजन करने के साथ राजनीतिक चर्चा भी चलती रही।
अगले दिन सबसे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक करीबी मंत्री जो चुनाव हार गये उनके निवास पर पहुंचे। चाय- पानी के बीच ही मंत्री जी लगातार फोन कर रहे थे।

उन्होंने एक संभावित जो प्रदेश संगठन में होने के साथ ही एमएलसी भी है को फोन लगाया। पूछा क्या फोन आया। उधर से न में जवाब आने के बाद फोन काट दिया। फिर पश्चिम के एक दूसरे विधायक को फोन लगाकर पूछा कि क्या फोन आया। जिसके बाद बधाई देते कहा जाओ शपथ लो। इसके बाद हम भी बाहर निकल आये। एक अपने संभावित को फोन लगाकर पूछा कि क्या फोन आया। उधर से पलटकर सवाल किया गया, क्या फोन जा रहे हैं। हमने हां में जवाब दिया। इस पर दूसरी तरफ से न में जवाब मिला। हम समझ चुके थे कि नंबर कट गया।

वहां से सीधे उन विधायक जी के पास पहुंचे। लेकिन परिदृश्य बदला हुआ था। हां वे शपथ में जा रही थी। इसके बाद सीधे भाजपा के प्रदेश कार्यालय पहुंचे। वहीं पर शपथ लेने वाले मंत्रियों की सूची मिल गई। लेकिन जिले से किसी का नाम नहीं था। अब मीडिया सेंटर में ही चाय- नाश्ता किया। वह भी बड़े भाई एवं प्रवक्ता अवनीश त्यागी जी ने करवाया।

….दरबारी लाल

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