नवयुग मार्केट में एक अलग कंपनी ने बिलबोर्ड के लिए अपने को बताया अधिकृत
नगर निगम पार्षद हिमांशु मित्तल ने कहा कि शर्तों का उल्लंघन कर रही है 24*7 मीडिया कंपनी
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। गाजियाबाद नगर निगम क्षेत्र में 15 वर्ष के लिए बिलबोर्ड का ठेका लेने वाली कंपनी 24*7 मीडिया एक बार फिर विवादों में आ गई है। इस बार एक दूसरी कंपनी द्वारा नगर निगम की अधिकृत बिलबोर्ड कंपनी बता कर विवाद पैदा हुआ है। इस मामले में नगर निगम पार्षद एवं समाजसेवी हिमांशु मित्तल ने 24*7 मीडिया कंपनी पर अनुबंध शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि नगर निगम से अधिकृत कंपनी 24*7 है और अगर किसी अन्य कंपनी द्वारा नगर निगम से अधिकृत होने का दावा किया जा रहा है तो वह शर्तों का उल्लंघन है। इसके लिए 24*7 का शर्तों का उल्लंघन करने के आरोप में ठेका निरस्त होना चाहिए।
कवि नगर से भाजपा पार्षद हिमांशु मित्तल ने बताया कि नगर निगम द्वारा 24*7 मीडिया को गाजियाबाद के समस्त बिलबोर्ड के अधिकार 15 वर्ष के लिए दिए गए हैं। जिसके खिलाफ वह इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं, क्योंकि ठेका देने की पूरी प्रक्रिया नियम के विरुद्ध है। लेकिन अब देखने में आया है कि ऐलिजेंट आउटडोर नामक एक कंपनी ने नवयुग मार्केट में एक बोर्ड लगाया है। इसमें ऐलिजेंट आउटडोर के नामक मीडिया कंपनी यह कह रही है कि गाजियाबाद में मीडिया का अधिकार उसे प्राप्त है। हिमांशु मित्तल ने सवाल उठाया है कि क्या 24 * 7 ने अपने अधिकार किसी और को दे दिए हैं। अभी तो 24 * 7 का अनुबंध भी साइन नहीं हुआ है।
अभी से यह सब हो रहा है, इससे प्रतीत होता है कि 24*7 मीडिया कंपनी गाजियाबाद में किस प्रकार से काम करना चाह रही है। इस कंपनी द्वारा अपने अधिकारों को आगे अन्य कंपनियों को हस्तांतरित कर दिया गया है। जो नियम विरुद्ध है क्योंकि अपने दायित्व को कोई भी कंपनी किसी अन्य कंपनी को हस्तांतरित नहीं कर सकती। उन्होंने 24 * 7 मीडिया कंपनी के कारनामे पर नगर आयुक्त को भी कटघरे में खड़ा किया है और कहा है कि उन्हें इस पर नगर आयुक्त को संज्ञान लेना चाहिए या पूर्व की भांति इस कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए वह कार्य करते रहेंगे।
दूसरी ओर नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर से जब इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जो किया है या कर रहे हैं वह निगम हित और शहर हित में किया जा रहा है। निगम की आय 3-4 गुना की गई है। माफियाओं को ख़त्म करने का काम किया है और आगे भी करते रहेंगे। इस पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। लेकिन उन्होंने इसका कोई जवाब नहीं दिया कि क्या कोई कंपनी अपने अधिकार किसी दूसरे कंपनी को दे सकती है।