मतगणना के बाद ‘जयचंदों’ से हिसाब बराबर करेंगे प्रत्याशी
भीतरघात करने वालों का जुटाया जा रहा ब्यौरा
सबूतों के साथ पार्टी आलाकमान के सामने ब्यौरा रखेंगे प्रत्याशी
कई प्रत्याशियों के निशाने पर संगठन के नेता भी
अथाह संवाददाता,
गाजियाबाद। प्रदेश एवं केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी के अधिकांश प्रत्याशियों को भीतरघात से जूझना पड़ा है। लेकिन खुद की एवं पार्टी की रणनीति के चलते कइयों ने भीतरघातियों की चालों को सफल नहीं होने दिया। बावजूद इसके जयचंदों ने हर प्रत्याशी को थोड़ा बहुत नुकसान तो पहुंचाया ही है। प्रत्याशियों का मानना है कि इसी कारण उनकी जीत का अंतर कम हो जायेगा।
भाजपा ने गाजियाबाद जिले की पांचों सीटों पर अपने वर्तमान विधायकों पर ही भरोसा करते हुए उन्हें टिकट दिया था। जबकि हर सीट पर टिकट मांगने वालों की संख्या छह से लेकर 12 तक थी। कई स्थानों पर तो 14 तक दावेदार थे। लेकिन पार्टी ने जब प्रत्याशी घोषित किये तो इसके बाद दावेदारों ने पहला काम रूठने का किया। हालांकि प्रत्याशी के साथ ही संगठन ने इन रूठों को मनाने में कोई कसर बाकि नहीं रखी। प्रत्याशी दावेदारों के घर भी गये तथा भविष्य के लिए आश्वासन भी दिये गये। इतना ही नहीं कई रूठों को मनाने के लिए पार्टी के प्रदेश एवं राष्टÑीय स्तर के पदाधिकारियों को भी भेजा गया। लेकिन चुनाव हरवाने की जिद पर अड़े रूठों के ऊपर इस मनुहार का कोई असर नहीं पड़ा।
भाजपा के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता बताते हैं कि एक रूठे को मनाने के लिए जब राष्टÑीय स्तर के एक पदाधिकारी पहुंचे तो उनके सामने बहुत बातें हुई कि हमने पार्टी के लिए यह किया, हमने वह किया। लेकिन पार्टी ने हमें क्या दिया। जब ये वरिष्ठ पदाधिकारी उस कार्यकर्ता अथवा नेताजी के घर से निकले तो कहने लगे मुझे कहां लेकर आ गये। भविष्य में इन जैसों के पास मुझे लेकर मत जाना। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रत्याशी के विरोध में ये भीतरघाती कहां तक थे।
एक सीट पर तो यह स्थिति थी कि जाति विशेष से जुड़े पार्टी के ही कार्यकर्ता प्रत्याशी के खिलाफ काम कर रहे थे। इन लोगों को सांसद के करीबियों का भी समर्थन प्राप्त था।
इसी प्रकार दिल्ली से लगी एक सीट को लें तो यहां पर भी एक जाति विशेष के मतदाताओं ने प्रत्याशी विरोधी पार्टी के कद्दावर नेता के प्रभाव में आकर भाजपा के विरोध में मतदान करने का काम किया। यहां पर कई टिकट मांगने वाले भाजपा प्रत्याशी के साथ घूम रहे थे। लेकिन अंदरखाने विरोध कर रहे थे।
यदि गाजियाबाद शहर सीट पर देखा जाये तो यहां पर विरोध करने वालों की पूरी फौज थी। चार विरोधी तो खुद ही मैदान में उतार गये थे। इनमें से तीन निर्दलीय तो एक बसपा का प्रत्याशी था। यहां पर भाजपा के पुराने एवं नये कार्यकर्ता अंदरखाने जमकर पार्टी प्रत्याशी का विरोध कर रहे थे।
भाजपा सूत्रों के अनुसार भाजपा प्रत्याशी अब तक या तो थकान उतारने में लगे हैं अथवा जिन पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनका विरोध किया था उनकी जानकारी जुटाने में लगे हैं। इसके बाद भी ये पार्टी के जिले एवं महानगर के साथ ही प्रदेश स्तर पर शिकायत करेंगे। शिकायत में कोई कमी छोड़ने के मूड में भी प्रत्याशी नहीं है। यह भी संभव है कि ये प्रत्याशी मतगणना के बाद अपने तीर तरकस से बाहर निकालेंगे।
अभी तक किसी प्रत्याशी ने शिकायत नहीं की है। यदि शिकायत आयेगी तो उसकी जांच करने के बाद रिपोर्ट प्रदेश नेतृत्व को भेज दी जायेगी।
दिनेश सिंघल, जिलाध्यक्ष भाजपा गाजियाबाद
अभी तक किसी प्रत्याशी ने शिकायत नहीं की है। कुछ प्रत्याशी पार्टी के ही काम में लगे हैं, तो कुछ अभी थकान उतार रहे हैं। जब भी कोई शिकायत प्राप्त होगी उसे प्रदेश नेतृत्व को भेज दिया जायेगा।
संजीव शर्मा, महानगर अध्यक्ष भाजपा गाजियाबाद