गर्मियों में होंगे 36 वैवाहिक मुहूर्त
पंडित शिवकुमार शर्मा, आध्यात्मिक गुरु एवं ज्योतिषाचार्य, गाजियाबाद
शास्त्रों के परंपरा के अनुसार शुक्र अथवा गुरु अस्त के समय विवाह मुहूर्तों का निषेध माना गया है।क्योंकि शुक्र और गुरु अर्थात बृहस्पति से युवक युवती के वैवाहिक संबंधों विशेषकर परस्पर शारीरिक संबंधों को को लेकर बहुत ही विचार किया गया है।जन्मपत्री में शुक्र अथवा गुरु निर्बल होने से भी गृहस्थ जीवन में कहीं ना कहीं परेशानी अवश्य आती है। इसी प्रकार गुरु के अस्त होने पर युवतियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है और शुक्र अस्त होने होने पर युवकों को वैवाहिक जीवन में कुछ ना कुछ परेशानी लगी रहती है।
23 फरवरी को गुरु अस्त हो रहे हैं, इसलिए अब विवाह के मुहूर्त भी बंद हो जाएंगे।संवत 2078 का अंतिम विवाह मुहूर्त 20 फरवरी है ।इसके पश्चात 23 फरवरी से 18 मार्च तक गुरु अस्त रहेंगे। इस कारण वैवाहिक कार्य नहीं हो सकते। इसके पश्चात 25 मार्च को गुरु उदय होंगे ।
लेकिन 14 मार्च से सूर्य मीन राशि में आ जाएंगे 1 माह तक का समय मलमास या कर मास का होता है। मलमास में भी वैवाहिक कार्य नहीं होते।ठीक 2 महीने के पश्चात 19 अप्रैल को संवत 2079 का प्रथम वैवाहिक मुहुर्त होगा।
संवत 2079 ई में अप्रैल से लेकर जुलाई तक कुल 36 विवाह मुहूर्त हैं जो इस प्रकार हैं-
अप्रैल -19, 20, 21 22, 23, 24 और 27 अप्रैल
मई- 2 ,3 ,4 ,9 10, 12, 18 ,20, 21, 24, 26 और 27मई
जून -1, 5, 6,8, 10, 11, 14 ,17, 20, 21, 22 और 23 जून
जुलाई 3 ,6, 7 ,8 और 9 जुलाई
इसके पश्चात देवशयनी एकादशी से चातुर्मास आरंभ होगा। 4 महीने की अवधि में वैवाहिक कार्य वर्जित होते हैं।
(ये जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)