पहले चरण की 58 सीटों के मतदान के बाद शुरू हुआ गुणा भाग
रालोद- सपा गठबंधन को होगा बड़ा लाभ
प्रदेश सरकार के कई मंत्री भी खड़े हैं हार की कगार पर
अशोक ओझा
गाजियाबाद/मेरठ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान होने के बाद भाजपा को 15 सीटों का बड़ा नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है। नुकसान 20 सीटों तक भी बढ़ सकता है। यदि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता की इज्जत बच रही है तो इसका श्रेय प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जा रहा है। योगी इस चुनाव में भाजपा का बड़ा चेहरा बनकर सामने आये हैं।
बृहस्पतिवार को पहले चरण की 58 सीटों के लिए मतदान हुआ है। 2017 के चुनाव में इन 58 सीटों में भाजपा ने 53 सीटें जीतकर विरोधी दलों का सफाया कर दिया था। यहां पर सपा- बसपा को दो- दो सीटें मिली थी, जबकि रालोद को महज एक सीट से संतोष करना पड़ा था। बाद में रालोद के इकलौते विधायक भी भाजपा में शामिल हो गये थे। इस प्रकार भाजपा के पास 54 सीटें हो गई थी। 2022 के चुनाव में भाजपा को इसी क्षेत्र से 15 से 20 सीटों का बड़ा नुकसान होता नजर आ रहा है। थाना भवन सीट से चुनाव लड़ रहे प्रदेश के कद्दावर मंत्री सुरेश राणा को सपा के अशरफ अली नाको चने चबवा रहे हैं। वहीं, हस्तिनापुर से प्रदेश सरकार में मंत्री दिनेश खटीक को सपा के योगेश वर्मा के सामने चुनाव जीतना कठिन लग रहा है।
गाजियाबाद शहर सीट पर प्रदेश सरकार के मंत्री अतुल गर्ग भाजपा के बागी केके शुक्ला एवं कांग्रेस के सुशांत गोयल के साथ त्रिकोणीय मुकाबले में फंसे है। गाजियाबाद जिले की लोनी सीट पर रालोद के मदन भैया के सामने भाजपा के नंद किशोर गुर्जर की मुश्किलें बढ़ गई है। यहां पर भाजपा की बागी एवं लोनी नगर पालिका चेयरमैन रंजीता धामा नंद किशोर गुर्जर को बड़ा नुकसान पहुंंचा रही है। चुनाव के दौरान हुए सर्वे के अनुसार गाजियाबाद जिले में भाजपा तीन सीटें जीत रही है। जबकि एक सीट पर हार एवं एक कड़े संघर्ष में है।
हापुड़ जिले में भाजपा क्लीन स्वीप करने की तैयारी में है। यहां की धौलाना, हापुड़ एवं गढ़मुक्तेश्वर सीटें भाजपा की झोली में जा सकती है। नोएडा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के पुत्र एवं प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष पंकज सिंह लगातार दूसरी जीत दर्ज करने जा रहे हैं। हालांकि दादरी एवं जेवर में भाजपा कड़े मुकाबले में फंसी नजर आ रही है। दोनों ही सीटों पर भाजपा का मुकाबला गठबंधन से है। भाजपा के लिए राहत की खबर बागपत सीट से है। यहां पर नजदीकी मुकाबले में भाजपा आगे नजर आ रहे हैं। ठीक ऐसी ही स्थिति बड़ौत सीट पर नजर आ रही है। छपरौली में रालोद की जीत तय मानी जा रही है।
मेरठ जिले में हस्तिनापुर, मेरठ दक्षिण, शहर एवं किठौर में सपा को बढ़त मिलने की खबर है तो मेरठ कैंट में भाजपा को। सरधना में भाजपा- सपा के बीच बहुुत नजदीकी मुकाबला है। मुजफ्फरनगर जिले में भाजपा को बड़ा नुकसान होने जा रहा है। यहां भाजपा को दो सीटें चरथावल एवं खतौली जीतने की उम्मीद है। जबकि मीरापुर, मुजफ्फरनगर शहर, पुरकाजी में रालोद का पलड़ा भारी नजर आ रहा है। बुढ़ाना में रालोद ही भाजपा पर भारी नजर आ रही है।
शामली सीट पर भाजपा ने इस चुुनाव में बढ़त बनाई है। थाना भवन में रालोद एवं कैराना में सपा के सामने भाजपा पस्त नजर आ रही है।
चुनाव बाद के सर्वे के अनुसार भाजपा आठ सीटें स्पष्ट रूप से जीत रही है। 11 पर बढ़त बनाये हैं तथा 15 सीटों पर उसका नजदीकी मुकाबला है। इन सीटों पर कुछ भी संभव है। सपा- रालोद गठबंधन चार सीटों पर स्पष्ट रूप से जीत रहा है, छह पर इनकी बढ़त है। 12 पर नजदीकी मुकाबला है। दो सीटें ऐसी है जहां पर बसपा प्रत्याशी नजदीकी मुकाबले में आगे हैं।