उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पूरी नजर है। किस सीट पर भाजपा प्रत्याशी की कैसी स्थिति है, किस नेता के कार्यक्रम से वहां पर कितना असर होगा, वे खुद जायेंगे तो क्या असर होगा। हर मुद्दे पर खुद योगी विश्लेषण करते हैं। उनकी टीम प्रत्याशी से बात करती है। प्रत्याशी से मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के संबंध में राय ली जाती है। इसके साथ ही संगठन, संघ एवं खुफिया रिपोर्ट पर नजर डाली जाती है। इसके बाद योगी की टीम खुद कार्यक्रम तय करती है। अनेकों बार तो ऐसा भी देखा गया है कि संगठन के प्रदेश के नेताओं को पता भी नहीं होता और योगी का कार्यक्रम विधानसभा में तय कर दिया जाता है। संगठन को भी बाद में पता चलता है कि मुख्यमंत्री किस क्षेत्र में जायेंगे। जबकि इससे पूर्व यह होता था कि संगठन जिस क्षेत्र का कार्यक्रम तय करता था वहीं पर मुख्यमंत्री जाते थे। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि योगी ने इस चुनाव को अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ लिया है। इसका सीधा कारण यह भी माना जा रहा है कि यदि सीटें कम हो गई एवं अन्य दलों पर निर्भरता बढ़ी तो मुख्यमंत्री योगी नहीं कोई और होगा। जहां पर भाजपा प्रत्याशी से मतदाता नाराज है वहां पर योगी के नाम पर वोट मांगे जा रहे हैं। अब देखना यह होगा कि योगी जो इतनी मेहनत कर रहे हैं उसका परिणाम क्या होगा।