भाजपा में बगावत को क्या थाम पायेंगे योगी
साहिबाबाद के साथ ही गाजियाबाद विधानसभा क्षेत्रों में प्रमुख कार्यकर्ताओं के साथ करेंगे संवाद
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अशोक ओझा
गाजियाबाद। विधानसभा चुनावों के दौरान भारतीय जनता पार्टी में लगातार बढ़ रही बगावत एवं कार्यकर्ताओं के विरोध को थामने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद मैदान में उतर रहे हैं। इस बगावत एवं विरोध के स्वर को वे कहां तक रोक पायेंगे यह तो आने वाला समय ही बतायेगा।
बता दें कि गाजियाबाद जिले की पांच विधानसभा सीटों में बगावत के सुर सबसे अधिक गाजियाबाद शहर सीट पर बुलंद है। यहां पर भाजपा के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष केके शुक्ला ने भाजपा से त्याग पत्र देकर हाथी की सवारी शुरू कर दी है। बसपा ने उन्हें शहर सीट से भाजपा के अतुल गर्ग के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा है। इसके साथ ही इस सीट से टिकट मांग रहे आशुतोष गुप्ता, रानी जयश्री, पार्षद पिंटू सिंह ने भी अपना नामांकन कर दिया है। इसके साथ ही आम जनता एवं कार्यकर्ताओं में भी प्रत्याशी का विरोध है। सूत्रों के अनुसार भाजपा के बड़ी संख्या में कार्यकर्ता भी केके शुक्ला के साथ जुड़ रहे हैं।
इसके साथ ही साहिबाबाद विधानसभा सीट पर भी भाजपा को बगावत का सामना करना पड़ रहा है। यहां पर भी कई भाजपा कार्यकर्ता प्रत्याशी के रूप में भाजपा के सामने है।
जिले की लोनी विधानसभा सीट पर लोनी नगर पालिका चेयरमैन रंजीता धामा भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में है। जो भाजपा के लिए बड़ी चिंता का विषय है।
जिले की तीन विधानसभा सीटों पर जिस प्रकार पार्टी प्रत्याशियों को विरोध का सामना करना पड़ रहा है उसे देखते हुए भाजपा नेतृत्व चिंतित है। यहीं कारण है कि गाजियाबाद जिले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मैदान में उतारा जा रहा है। रविवार 23 जनवरी को मुख्यमंत्री पहले साहिबाबाद क्षेत्र में पार्टी के प्रमुख कार्यकर्ताओं के साथ संवाद करेंगे। भाजपा के महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम में मोहन नगर स्थित कृष्णा इंजिनियरिंग कॉलेज में 12.30 बजे और 2 बजे नेहरूनगर स्थित नगर निगम आॅडिटोरियम में प्रबुद्ध लोगों से वार्ता करेंगे। मुख्यमंत्री गाजियाबाद विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशी का विरोध थामने का प्रयास करेंगे। यहां पर भी डेढ़ सौ से दो सौ पार्टी के प्रमुख कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे।
मुख्यमंत्री के गाजियाबाद आने का मकसद पार्टी में उठ रहे बगावत के सुरों को थामने के साथ ही कार्यकर्ताओं की नाराजगी को दूर करना है। विधानसभा चुनावों में भाजपा का चेहरा योगी आदित्यनाथ विरोध के सुरों को कहां तक शांत कर पायेंगे यह तो आने वाला समय ही बतायेगा।