रंजीता धामा की घोषणा से बदल सकती है लोनी की राजनीति
विधायक नंद किशोर गुर्जर से मनोज धामा की अदावत है जग जाहिर
अथाह संवाददाता,
गाजियाबाद। लोनी नगर पालिका चेयरमैन रंजीता धामा की विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा ने लोनी की राजनीति में आने वाले दिनों में तूफान के संकेत दे दिये हैं। पूर्व चेयरमैन मनोज धामा की पत्नी रंजीता की घोषणा के बाद भाजपा रणनीतिकारों में बेचैनी है। लेकिन यह माना जाता है कि यदि भाजपा का टिकट बदल जाता है तो शायद रंजीता धामा अपने निर्णय पर पुनर्विचार कर ले।
भाजपा की जन विश्वास यात्रा के दौरान लोनी में यात्रा का स्वागत करने के साथ ही रंजीता धामा ने जिलाध्यक्ष दिनेश सिंघल एवं प्रदेश सरकार में मंत्री कपिल देव अग्रवाल के सामने स्पष्ट कर दिया कि उनके एवं मनोज धामा के साथ अन्याय हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि मनोज धामा को झूठा फंसाया गया है। इसके बाद रविवार को बेहटा हाजीपुर में महापंचायत का आयोजन रंजीता धामा ने फिर से अपना रूख स्पष्ट किया। उनका कहना है कि यह विधानसभा चुनाव उनके मान सम्मान की लड़ाई है। चुनाव लड़ने के कारण यदि उनकी नगर पालिका चेयरमैन पद भी जाता है तो उन्हें कोई चिंता नहीं है।
जिस प्रकार रंजीता धामा ने अपना रूख स्पष्ट किया है उससे यह साबित हो गया है कि पहली बार लोनी विधानसभा सीट जीतने वाली भाजपा के लिए लोनी का चुनाव आसान नहीं रहने वाला। उनका विरोध खासकर वर्तमान विधायक नंद किशोर गुर्जर से है। वे नंद किशोर के खिलाफ ही चुनाव में उतरना चाहती है। लेकिन यदि भाजपा टिकट बदलती है तब भी उसे रंजीता को मनाना पड़ेगा। लोनी चेयरमैन के रूख के बाद अन्य दावेदारों ने भी अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। दावेदारों का कहना है कि नंद किशोर का टिकट बदलना ही पार्टी के लिए हितकर होगा। वहीं नंद किशोर गुर्जर हिंदुत्व एजेंडे को धार देने में जुट गये हैं। इसका कारण भी लोगों की समझ में आ रहा है।
भाजपा सूत्रों की मानें तो नंद किशोर गुर्जर पहले से रेड लाइन पर खड़े हैं। अब रंजीता धामा की घोषणा के बाद पार्टी में उनको टिकट के लिए भारी भरकम प्रयास करने होंगे। यह प्रयास उन्होंने शुरू कर दिये हैं।
इसी बीच लोनी नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन विनोद बंसल के साथ ही पूर्व ब्लाक प्रमुख अनिल कसाना ने भी सक्रियता बढ़ा दी है। जन विश्वास यात्रा में जिस प्रकार का स्वागत अनिल कसाना ने किया उसकी चर्चा लखनऊ तक शुरू हो गई है। वहीं, विनोद बंसल ने अपने प्रयास तेज कर दिये हैं। हालांकि जिला पंचायत अध्यक्ष पति एक अन्य को भरोसा दे रहे हैं, लेकिन उस नाम की चर्चा जोर नहीं पकड़ पा रही है।