Dainik Athah

राग दरबारी

… यह राजनीति है गुरू गुड़ हो जाते हैं

प्रदेश में 2022 के शुरूआती महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव लड़ने के इच्छुक नेता इधर से उधर हाथ पैर मार रहे हैं। जिले में एक विधायक जी का हाथ पकड़ कर एक वर्ष पूर्व तक वैतरणी पार करने वाले लवणासुर की भूमि के एक नेता जी को सत्तारूढ़ पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया था। नेताजी वापसी के लिए प्रयासरत है। लेकिन हरी झंडी का इंतजार है। दरबारी लाल को पता चला है कि सत्ता विरोधी लहर का दावा करने वाले बड़े गठबंधन वाले भी नेताजी के दरवाजे पर ठक ठक कर आये हैं। इसको लेकर चर्चा भी शुरू हो गई है। लेकिन नेताजी उहापोह में फंसे हैं। खैर जो भी कुछ होगा वह जल्द ही होगा। दरबारी लाल की नजरें बनी है।

… अभी तो क्षेत्र में कदम भी नहीं रखा कि शुरू करवा दिया विरोध

पिछले दिनों तक नल वाली पार्टी से एक पूर्व लेकिन दमदार एवं नामी विधायक जी अपना टिकट तय मानकर चल रहे थे। लेकिन पड़ोसी जिले के एक नेताजी के आगमन की आहट से ही पूर्व विधायक जी एवं उनके समर्थकों में पेट में ऐंठन शुरू हो गई। फिर क्या था विशेष वर्ग के सभासदों को एकत्र कर विरोध शुरू करवा दिया गया। इसको लेकर क्ष्ोत्र में चर्चा है कि इस बार लवणाुसर की भूमि में भीषण संघर्ष हो सकता है। लेकिन फूल वाली पार्टी खुश है कि जितने विरोधी दमदारी से चुनाव लड़ेंगे उतना ही उसे लाभ होगा।

…दरबारी लाल

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