15 अगस्त को लाल किला पर किसान संगठनों के राष्ट्र विरोधी कृत्य को पूरी दुनिया ने देखा। इस अकेली घटना ने विश्व में भारत का सिर नीचा कर दिया। इस घटना के दोषियों के खिलाफ दिल्ली के थानों में राष्ट्र विरोध की धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था। लेकिन दो दिन पूर्व कांगे्रस की पंजाब सरकार ने जिस प्रकार राष्टÑ विरोधियों को पुरस्कृत करते हुए उन्हें दो- दो लाख रुपये देने की घोषणा की वह क्या कांग्रेस की मानसिकता को प्रदर्शित नहीं कर रही है? देश विरोधी इस मानसिकता का क्या समर्थन किया जा सकता है। कांग्रेस व उसके नेता हिदुत्व की तुलना आईएस एवं बोको हरम से करते हैं तो कभी राष्ट्र विरोधी कृत्य करने वालों को सम्मान देते हैं। इन मुद्दों पर कांग्रेस नेतृत्व को स्थिति स्प्ष्ट करनी होगी। पंजाब, उप्र समेत कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस व उसके नेता जो कुछ कर रहे हैं क्या वह वोट बैंक के लिए कर रहे हैं। यदि कांग्रेस को ऐसे ही लोगों का वोट चाहिये तो निश्चित है कि कांग्रेस को देश की सत्ता में आने के लिए अभी लंबा इंतजार करना होगा। कांग्रेस के इन्हीं कृत्यों ने भाजपा को मजबूृती प्रदान की है। इस प्रकार के कृत्य राष्टÑ प्रेमी लोगों को उससे दूर कर रहे हैं। इसका सीधा लाभ भाजपा को मिल रहा है इसमें कोई शक भी नहीं है। लेकिन कांग्रेस नेतृत्व जो अब राहुल एवं प्रियंका वाड्रा है इन मुद्दों पर चुप्पी साधे हैं। इस प्रकार के मु्द्दे जब तक कांग्रेस की तरफ से उछाले जाते रहेंगे तब तक प्रियंका वाड्रा जैसी नेता की मेहनत पर पानी फेरने का काम कर रहे हैं। इन सभी मुद्दों पर कांग्रेस को अपनी स्थिति भी स्पष्ट करनी होगी कि आखिर यह हिंदू एवं राष्टÑ विरोधी कब तक चलेगा।