Dainik Athah

आतंकवादियों के मुकदमे वापस कराती थीं पिछली सरकार- सीएम

गो तस्करी और अवैध बूचड़खाने चलवाने में लगी थी पिछली सरकारें: योगी

जो पैसा केंद्र से आता था, उसे भी हड़प लिया जाता था: सीएम

किसानों की कोई मदद नहीं की जाती थी: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने बदायूं के सहसवान में 1328 करोड़ की परियोजनाओं का किया शिलान्यास

अथाह ब्यूरो
बदायूं।
पिछली सरकारें गो तस्करी कराती थीं, अवैध बूचड़खाने चलवाती थीं, आतंकवादियों के मुकदमें वापस लेती थी और महिलाओं की इज्जत से खिलवाड़ किया जाता था, लेकिन किसानों की कोई मदद नहीं की जाती थी। जो पैसा केंद्र से सहायता के लिए आता था, उसे भी हड़प लिया जाता था। ये बातें मुख्यमत्री योगी आदित्यनाथ ने बदायूं में मंगलवार को कहीं। वह 1328 करोड़ की विकास परियोजनाओं का शिलन्यास करने पहुंचे थे।

मुख्यमत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछली सरकारें गो तस्करी और अवैध बूचड़खाने चलवाने को इतना महत्व देती थी कि उन्हें अन्य विकास कार्यों से मतलब ही नहीं था। जनहित के कार्यों को छोड़कर आतंकवादियों के मुकदमे वापस करवाती थीं, कानून व्यवस्था इतनी बदहाल थी कि सरेआम महिलाओं की इज्जत से खिलवाड़ किया जाता था। किसानों की कोई मदद नहीं करने वाला था। जनता के विकास के लिए जो पैसा केंद्र सरकार भेजती थी, उसे भी हड़प लिया जाता था। हमारी सरकार ने गो तस्करी और बूचड़खानों को पूरी तरह से बंद करवाया। यही नहीं, गोवंश के लिए आश्रयस्थल खुलवा। जनता को गोसेवा से जोड़ने के लिए योजना चलाई गई। इसके तहत जो किसान या परिवार गोवंश को पालेगा, उसे 900 रुपया महीना सरकार देगी।

परिवार महाभारत काल की याद दिलाता था
मुख्यमंत्री योगी ने बिना नाम लिए अखिलेश यादव पर हमला बोला और कहा कि पहले नौकरी निकलती थी तो पूरा खानदान वसूली पर निकल जाता था। खानदान में कोई ऐसा नहीं था जो महाभारत की याद न दिलाता हो। कोई काका था, कोई मामा था, कोई चाचा था और कोई बबुआ था। नियुक्ति के नाम पर वसूली की जाती थी, लेकिन नियुक्ति नहीं होती थी। हमारी सरकार में साढ़े चार लाख नियुक्तियां हुईं, जिन पर कोई उंगली नहीं उठा सकता। जिन्हें सरकारी नौकरी नहीं मिल पा रही हैं, उन्हें रोजगार के साथ ही निजी क्षेत्रों में काम दिया जाएगा। निजी निवेश के माध्यम से भी बड़े पैमाने पर एक करोड़ 61 नौजवानों को रोजगार या नौकरी उपलब्ध कराई गई। 60 लाख लोगों को ओडीओपी, विश्वकर्मा श्रम सम्मान, मुद्रा योजना, स्वत: रोजगार को भी जोड़ने का काम किया गया है।

उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया कोरोना से ग्रस्त है। इसके बावजूद जीवन और जीविका कैसे बचनी चाहिए, यह प्रधानमत्री के दिशा निर्देश में दिखाई दिया। प्रधानमंत्री की प्रयासों से आज कोरोना अपने खात्मे की ओर है। जब केन्द्र और प्रदेश के सरकार जनता की सेवा कर रही थी। तब विपक्ष के किसी नेता का अता-पता नहीं था। अब इन्हें सबक सिखाने की जरूरत है।

मुख्यमंत्री ने सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए बताया कि स्वच्छ भारत मिशन में दो करोड़ 61 लाख शौचालय, 43 लाख आवास, 1 करोड़ 43 लाख नि:शुल्क बिजली कनेक्शन दिए जा चुके हैं।

इसके अलावा आपके जिले में 700 करोड़ का सब स्टेशन बनाया जाएगा। आयुष्मान योजना में उपचार के लिए पांच लाख रुपये का बीमा कवर भी दिया गया। पिछली सरकारों के लिए अपना खानदान ही महत्वपूर्ण था। प्रदेश की जनता कोई मायने नहीं रखती थी, लेकिन प्रधानमंत्री के लिए 130 करोड़ की जनता परिवार है और हमारे लिए प्रदेश की 25 करोड़ जनता ही हमारा परिवार है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कभी बदायूं वेदों के अध्ययन के केंद्र के रूप में जाना जाता था। कहते हैं कि महाराज भगीरथ ने तपस्या की थी, जिनके तपस्या से गंगा जमीन पर आई और जिससे हजारों साल पहले से यहां खेती के लिए उपजाऊ जमीन मिलती है। इन संभावनाओं को पिछली सरकारों ने टटोलने का प्रयास किया होता तो यहां का किसान देश और दुनिया का पेट भरने का सामर्थय रखते होते, लेकिन इनके लिए क्रय केन्द्र तक नहीं खोले जाते थे, लेकिन प्रधानमंत्री ने इन किसानों के लिए मिट्टी की जांच करके खेतों को और ऊपजाऊ बनाने का काम किया। स्वायल हेल्थ कार्ड जारी किया। फसल बीमा योजना, सिंचाई योजना के अलावा लागत का डेढ़ गुना दाम मिले इसके लिए एमएसपी जारी की। 2019 में किसानों को सम्मान निधि जारी की, जिसका 12 करोड़ किसानों को लाभ मिल रहा है।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश में साढ़े 13 करोड़ लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है। पिछली सरकारों ने तो जनजाति छात्रवत्ति ही हड़प ली थी। उन्होंने कहा कि 2015 में होतू चक्रवात आया था, लेकिन मार्च 2017 तक किसानों को मुआवजा नहीं मिला। इस साल अक्टूबर के महीने में भारी बारिश के कारण फसल डूब गई। हमारी सरकार ने उन किसानों के पास साढ़े पांच लाख करोड़ रुपये भेज चुकी है। जिन किसानों को मुआवजा नहीं मिला उनको भी जल्द ही दिया जाएगा। पहले आपदा में जनधनहिन होती थी कोई पूछता नहीं था। लेकिन हमारी सरकार में 24 घंटे में पीड़ितों के पास हमारा जनप्रतिनिधि या शासन का कोई व्यक्ति चेक लेकर पहुंच जाता है।

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