कनाडा से मोदी लाए माँ अन्नपूर्णा की दुर्लभ प्रतिमा, योगी करेंगे प्राण-प्रतिष्ठा
11 नवम्बर को यूपी सरकार को हस्तांतरित होगी प्रतिमा, सीएम ने जताया आभार
पांच दिवसीय भव्य शोभायात्रा के साथ सोरों, कानपुर, अयोध्या होते हुए काशी पहुचेंगी माँ अन्नपूर्णा
100 साल पहले काशी से गायब हुई थी दुर्लभ प्रतिमा, पीएम मोदी के प्रयासों से हुई वापसी: रेड्डी
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। ब्रिटिश काल में 100 वर्ष पहले काशी से कनाडा गई माँ अन्नपूर्णा की दुर्लभ प्रतिमा एक बार फिर काशी में प्रतिष्ठापित होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से माँ अन्नपूर्णा की दुर्लभ प्रतिमा उत्तर प्रदेश को पुन: प्राप्त हो रही है। यह आह्लाद और आत्मिक संतोष का अवसर है।
सीएम ने कहा है कि 11 नवंबर को दिल्ली में आयोजित समारोह में यह प्रतिमा प्रदेश सरकार को हस्तांतरित होगी, इसके बाद 11 से 14 नवंबर तक भव्य शोभायात्रा के माध्यम से सूकर क्षेत्र सोरों, कानपुर नगर और अयोध्या में एक-एक दिवस रात्रि विश्राम करते हुए 14 नवंबर को काशी पहुंचेगी। जहां 15 नवंबर को देवोत्थान एकादशी के शुभ अवसर पर श्री काशी विश्वनाथ धाम में भव्य समारोह आयोजित कर प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी।
बुधवार को मुख्यमंत्री आवास पर पत्रकारों से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने माँ अन्नपूर्णा देवी की यात्रा और प्राण-प्रतिष्ठा के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से आज भारत में सांस्कृतिक पुनर्जागरण हो रहा है। भारतीय ऋषियों की देन ‘योग’ को आज दुनिया के 200 देश अंगीकार कर 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मना रहे हैं।
प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में आयोजित भव्य-दिव्य प्रयागराज कुंभ को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में पूरी दुनिया सराह रही है। हमारी आयुष विद्या विशेषकर आयुर्वेद को जैसी मान्यता मिली, वह अद्भुत है। अब इसी क्रम में 100 वर्ष पूर्व पराधीनता काल में काशी से कनाडा चली गई माँ अन्नपूर्णा की प्रतिमा वापस मिल रही है। सीएम ने कहा कि हमारी मान्यता है कि माँ अन्नपूर्णा के आशीष से काशी में कोई भूखा नहीं रहता। देवी अन्नपूर्णा ही बाबा विश्वनाथ को भोजन ग्रहण कराती हैं। ऐसे में इस दुर्लभ प्रतिमा का विशेष महत्व है।
पीएम मोदी के काल में भारत को वापस मिलीं 42 दुर्लभ कृतियाँ, जल्द लौटने को हैं यूएस से 157 धरोहर: जी किशन रेड्डी
पत्रकार वार्ता में केंद्रित पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी ने बताया कि 2014 के बाद से अब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में 42 दुर्लभ धरोहरों की देश वापसी हो चुकी है, जबकि 1976 से 2013 तक कुल 13 दुर्लभ प्रतिमाएं-पेंटिंग ही वापस लाई जा सकी थीं। रेड्डी ने बताया कि पीएम मोदी के हालिया अमेरिका दौरे के बाद 157 ऐसी ही धरोहरों की वापसी का रास्ता साफ हुआ है। यह भी जल्द भारत लाई जाएगी। उन्होंने बताया कि विभिन्न देशों में भारत के दूतावासों में सांस्कृतिक मिशन ऐसी दुर्लभ धरोहरों को चिन्हित करने का काम कर रहा है। ब्रिटिश काल में तमाम भारतीय प्रतिमाएं, कलाकृतियां दूसरे देशों में ले जाई गई थीं, लगातार प्रयास कर सब वापस लाए जा रहे हैं।
आम जनता करेगी माँ का पूजन-हर जिले में प्रभारी मंत्री करेंगे स्वागत
सीएम योगी ने पत्रकारों को बताया कि गोपाष्टमी के शुभ अवसर पर 11 नवंबर को दिल्ली में प्रदेश सरकार को प्रतिमा हस्तांतरित होने के बाद चार दिवसीय भव्य शोभायात्रा के साथ प्रतिमा काशी पहुंचाई जाएगी। 11 नवंबर को शोभायात्रा सूकर क्षेत्र सोरों पहुंचेगी। यहां प्रथम रात्रि विश्राम होगा। अगले दिन एटा, मैनपुरी होते हुए कानपुर नगर के तपेश्वरी देवी मंदिर पहुंचेगी। दूसरे दिन का विश्राम यहीं होगा।
13 नवंबर को उन्नाव लखनऊ, बाराबंकी होते हुए शोभायात्रा श्रीरामजन्मभूमि अयोध्या आएगी। इसके बाद 14 नवंबर को अयोध्या से काशी की यात्रा होगी। 15 नवंबर को देवोत्थान एकादशी के दिन श्री काशी विश्वनाथ धाम में विधि-विधान के साथ प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी। सीएम ने बताया कि प्रत्येक जिले में शोभायात्रा का स्वागत जनपद के स्थानीय जनप्रतिनिधि और प्रभारी मंत्री करेंगे। इसमें आम जनता की भी सहभागिता होगी।