कोयले और बायोमास ईंधन के को-फायरिंग से वायु गुणवत्ता में सुधार करने में मिलेगी मदद
अथाह संवाददाता
नयी दिल्ली। सरकारी बिजली कंपनी एनटीपीसी ने विद्युत संयंत्रों में ‘को-फायरिंग’ के लिए 9,30,000 टन बायोमास पेलेट का ऑर्डर दिया है जिससे वायु गुणवत्ता में सुधार करने में मदद मिलेगी।
बायोमास पेलेट बायोमास ईंधन का एक प्रकार हैं जो आमतौर पर लकड़ी के अपशिष्ट, जंगलों से मिलने वाले अवशिष्ट आदि से बनाया जाता हैं। वहीं को-फायरिंग का मतलब बिजली के उत्पादन के लिए कोयले और बायोमास ईंधन के मिश्रण के दहन से है।
बिजली मंत्रालय ने रविवार को जारी एक बयान में कहा कि इसके अलावा हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश अपने विद्युत संयंत्रों में को-फायरिंग के लिए 13,01,000 टन बायोमास पेलेट खरीद रहे हैं।
बिजली सचिव आलोक कुमार ने 28 अक्टूबर को ताप विद्युत संयंत्रों में बायोमास को-फायरिंग की स्थिति की समीक्षा बैठक की थी।
बैठक में केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण, एनटीपीसी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक, पंजाब, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश के प्रतिनिधि, राष्ट्रीय जैव मिशन के मिशन निदेशक और विद्युत मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए थे।
बैठक में यह सामने आया कि बिजली मंत्रालय द्वारा की गयी विभिन्न कार्रवाइयों के चलते एनटीपीसी और विभिन्न राज्यों द्वारा बायोमास की खरीद के लिए पहल की गयी है।
एनटीपीसी ने 8,65,000 टन बायोमास पेलेट का ऑर्डर दिया, जिसके लिए आपूर्ति पहले से ही प्रगति पर है।
इसके अलावा, एनटीपीसी ने अक्टूबर, 2021 में 65,000 टन का अतिरिक्त ऑर्डर दिया है।