Dainik Athah

राग दरबारी

… गाजियाबादियों की इतनी बेकद्री क्यों

प्रदेश में साइकिल वाली पार्टी मुख्य विपक्षी दल है। जब भी प्रदेश अथवा राष्ट्रीय स्तर की कमेटी का गठन होता है उसमें से गाजियाबाद का नाम ढूंढे से भी नहीं मिलता। खासकर प्रदेश कमेटी में जिले की उपेक्षा को लेकर पार्टी के स्थानीय भाई लोग भी चिंतित है। लाल टोपी लगाकर जो लोग भइया को नमस्ते करते फिरते हैं उनमें से कइयों को उम्मीद थी भइया इस बार उन्हें महत्वपूर्ण पद अवश्य देंगे। लेकिन कमेटियों की घोषणाओं के बावजूद भइया की नजर गाजियाबाद को छोड़कर प्रदेश के सभी जिलों पर है। अब पार्टी के लोग ही चर्चा करने लगे हैं कि जिले में कोई ऐसा बैठा है जिसे भइया पसंद नहीं करते। उसे हटा भी नहीं रहे हैं। पार्टी का एम फैक्टर जो है। लेकिन इनके चलते ही जिले के कार्यकर्ताओं की फजीहत हो रही है। अब इन एम फैक्टर से ही लोग धीरे धीरे किनारा करने लगे हैं।

जनप्रतिनिधि ना सही प्रतिनिधि तो हैं…

भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आने के बाद एक बात तो अच्छी हुई है, वो यह कि जनप्रतिनिधि की चले ना चले, उनके प्रतिनिधि की खूब मौज की कट रही है। इस समय गाजियाबाद की लगभग सभी विधानसभा सीटों पर भाजपा के नुमाइंदे जनता का प्रतिनिधि कर रहे हैं और माननियों के खासम खास नुमाइंदे खुलकर खेल रहे हैं और जमकर नोट छाप रहे हैं। इससे भाजपा का बेसिक कैडर जरूर नाराज है। लेकिन चुनाव के समय भाजपा कार्यकतार्ओं की नाराजगी माननीय पर कितनी भारी पड़ती है, यह तो आने वाला समय बताएगा। लेकिन फिलहाल जनप्रतिनिधि के नुमाइंदों को भी जनता और अधिकारियों से भी खासी तवज्जों मिल रही है और वो भी चलती में भी ना चलाई तो बेवकूफ वाली पद्धति पर सत्ता सुख भोग रहे हैं। दरबारी लाल के मन में एक सवाल आया कि अगर माननीय को टिकट नहीं मिला तो उनके प्रतिनिधियों का क्या होगा? क्योंकि जनप्रतिनिधि के ना रहने पर उनके प्रतिनिधि तो टारगेट पर रहने ही वाले हैं?

रामलीला में दिखा राजनीतिक राम राज

यूं तो इन दिनों इन दिनों पूरे प्रदेश में विधान सभा चुनावों के मद्देनजर राजनीतिक द्वेष कुछ अधिक ही बढे हुए नजर आ रहे हैं। लेकिन कभी कभी ऐसा भी देखने को मिलता है जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बन जाता है। ऐसा ही नजारा बीते दिनों धौलाना की रामलीला में नजर आया। जिसे देखकर लोग बस यहीं कह सके कि रामलीला में राजनीतिक रामराज नजर आ रहा है। रामलीला कमेटी के एक प्रमुख पदाधिकारी हाथी वाली पार्टी के जिला पदाधिकारी हैं। वहीं जिला गाजियाबाद के एक युवा नेता जो कि साइकिल वाली पार्टी से संबंध रखते हैं। लेकिन धौलाना में वे अक्सर भाजपा नेताओं के साथ नजर आते हैं। मौका रामलीला के उद्घाटन का हो और भाजपा नेता ना पहुंचे तो अजीब सा लगता है। हुआ भी ऐसा ही कि रामलीला का उद्घाटन करने भाजपा नेता वहां पहुंचे तो पहले से ही हाथी वाली पार्टी के रामलीला कमेटी के पदाधिकारी मौजूद थे। अब मंच पर भाजपा के मंडल स्तरीय महत्वपूर्ण पदाधिकारी, बसपा के पदाधिकारी व सपा की तिकड़ी लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गई। लोगों के बीच जमकर चर्चा हुई कि योगी जी की सरकार पूरी तरह से रिपीट होती नजर आ रही है। क्योंकि चुनाव से पहले ही राजनीतिक रामराज कम से कम धौलाना में तो आ ही गया लगता है।

दरबारी लाल


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