… तो क्या गाजियाबादियों के लिए अछूत हो गये पायलट
बुधवार को राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के साथ कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा के सलाहकार आचार्य प्रमोद कृष्णम लखीमपुर खीरी जाने के लिए निकले। लेकिन यह क्या गाजियाबाद जिले के बड़े पार्टी पदाधिकारियों के साथ ही बड़े नेता भी जिले में कहीं भी नजर नहीं आये। जबकि उनका पैतृक गांव भी गाजियाबाद से सटा है। इसको लेकर चर्चा हो रही है कि क्या गाजियाबाद के कांग्रेसी पायलट को अछूत मानने लगे हैं। वे यह तो नहीं सोच रहे कि उनसे नजदीकी कहीं भविष्य में उन पर भारी न पड़ जाये। एक पुराने कांग्रेसी कहते हैं कि गाजियाबाद के कांग्रेसियों का बगैर सत्ता के भी कुर्सी मोह है। उन्हें डर है कि कहीं किसी का टिकट न कट जाये, किसी की कुर्सी न चली जाये।
जिनकी कुर्सी को होता था सलाम, आज वह बन गए ईनामी
कुर्सी का खेल भी निराला है?, कोई भी उस पर बैठा हो तो कुर्सी का सामने खड़ा व्यक्ति अदना नजर आता है, और जब अधिकारी कुर्सी से उठ जाएं तो वह अपराधी बन जाता है। कुछ ऐसा ही हो रहा है इन दिनों, पुलिस विभाग के एक क्षेत्राधिकारी के साथ। एक पुराने मामले में बुलंदशहर की एक अदालत ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया है और गाजियाबाद के रहने वाले पुलिस क्षेत्राधिकारी अपनी जान बचाते घूम रहे हैं। उन्हें डर है कि कहीं अदालत उन्हें सलाखों के पीछे ना धकेल दें। कभी अपराधियों और क्षेत्र के लोगों पर रौब गालिब करने वाला यह तेजतर्रार पुलिस अधिकारी आज अपराधी की भांति अदालत से ही नहीं, बल्कि आम जनता से भी मुंह छिपाते घूम रहा हैं। लेकिन इनका कसूर भी कम नहीं है, आखिर निदोर्षों को जान से मारना, कानून की किस किताब में लिखा है? ऐसे में कानून के सामने उनका मुंह छुपाना लाजमी है। लेकिन यह प्रकरण पुलिस विभाग के साथ-साथ आम जनता के बीच चर्चा का केंद्र बना हुआ है।
तुम ही चुनाव के लिए माहौल बना दो…
विधानसभा चुनाव 2022 का समय जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है वैसे वैसे ही राजनीतिक गलियारों में सरगर्मियां बढ़ती जा रही यही नहीं जो सक्रिय नेता थे वह अपनी पृष्ठभूमि मजबूत करने के साथ ही राजनीतिक पदाधिकारियों के यहां चक्कर लगा रहे हैं और कुछ विधानसभा क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत करने में लगे हैं। ऐसे में एक व्यापार संगठन के जिलाध्यक्ष ने अपनी विधानसभा की दावेदारी पेश करने के लिए खुद को चर्चा में बनाए रखने के लिए कुछ पत्रकारों से अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि… अभी मैं खुलकर तो सामने नहीं आ रहा किंतु तुम ही अखबारों में मेरी चर्चा कर शहर विधानसभा में चुनाव का माहौल बना दो। राजनीतिक पार्टी और शहर विधानसभा में यह व्यापारी नेता कितनी पकड़ रखते हैं यह तो वही जाने किंतु चर्चा में बने रहने के लिए प्रयास जारी हैं।