मंथन
साइकिल वाली पार्टी के सत्ता से बाहर होने के बावजूद पार्टी में रार थमती नजर नहीं आ रही है। एक युवा नेता यदि यूथ ब्रिगेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष, एमएलसी एवं वरिष्ठोंं के सामने मंचासीन नेताओं को यदि गद्दार कहता है तो मामला बड़ा ही होगा। यह हमला अपनों पर ही किसी और ने नहीं बल्कि कार्यक्रम आयोजक ने ही कर दिया। इस युवा के वालिद सपा व्यापार सभा के जिलाध्यक्ष रह चुके हैं। युवा खुद भी पार्षद का चुनाव लड़ चुका है।
लेकिन चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। भइया जी की पार्टी के सूत्रों की मानें तो इस युवा को हराने में पार्टी के ही वरिष्ठ लोगों ने भूमिका अदा की थी। इस आयोजक के मन में जो टीस पिछले कई सालों से थी वह बाहर निकल गई। इसने अपने ऊपर गुजरी बात को दरकिनार कर जिस प्रकार मंचासीन नेताओं को गद्दार कहा तो हलचल मचनी स्वाभाविक ही थी। बताते हैं कि मंच पर एक जिम्मेदार पदाधिकारी बैठे थे। जिले में इसी जोड़ी की चलती भी है। निशाना उनके ऊपर ही था।
एक वरिष्ठ पदाधिकारी कहते हैं कि यदि सभी को कहा होता तो वरिष्ठ लोग मंच छोड़कर चल देते। लेकिन क्या करें कहा तो इशारे में किसी अन्य को कहा गया था। हालांकि बाद में वरिष्ठों ने ही मामला संभाला। इस एक घटना ने यह भी साबित कर दिया है कि साइकिल व टोपी वाले भइया जी की पार्टी में गाजियाबाद में तो सबकुछ ठीक नहीं चल रहा। जिम्मेदार पदाधिकारी ही पार्टी की नैया डूबोने में लगे हैं। मामला यूथ ब्रिगेड के राष्टÑीय अध्यक्ष के सामने का है। लिहाजा अध्यक्षजी की नजरों में तो यह युवा नेता चढ़ भी गये। लेकिन उन्हें हराने वाले अब रास्ते का रोड़ा बन पाते हैं या नहीं यह समय ही बतायेगा।