– जीसीए डायरेक्टर राकेश मिश्रा ने कहा मैं केवल साइनिंग अथारिटी
– जीजेडबी डायरेक्टर प्रवीण त्यागी ने लगाये थे भ्रष्टाचार के आरोप
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। जीजेडबी क्रिकेट एसोसिएशन के डायरेक्टर एवं वीवीआइपी ग्रुप के सीएमडी प्रवीण त्यागी द्वारा अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम की जमीन खरीद में करोड़ों रुपए के घोटाले के आरोपों को गाजियाबाद क्रिकेट एसोसिएशन के डायरेक्टर राकेश मिश्रा ने आज सिरे से खारिज कर दिया। इस दौरान वे सवालों को लेकर बगले झांकते नजर आये। उन्होंने कहा यूपीसीए ने किसी भी किसान से सीधे जमीन नहीं खरीदी, बल्कि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के माध्यम से जमीन की रजिस्ट्री हुई। जिन चार लोगों के नाम बताए गए हैं, उनमें से किसी भी शख्स को वह पिछले 20 सालों से पहचानते तक नहीं। उनकी मुलाकात केवल रजिस्ट्री के समय ही हुई थी।
गाजियाबाद क्रिकेट एसोसिएशन के डायरेक्टर एवं यूपीसीए के काउंसलिंग सदस्य राकेश मिश्रा ने खुद पर लगे आरोपों पर सफाई देने के लिए शुक्रवार को बुलाई प्रेस वार्ता में जीजेडबी क्रिकेट एसोसिएशन के डायरेक्टर प्रवीण त्यागी द्वारा लगाए गए आरोपों पर कहा कि गाजियाबाद में वर्ल्ड क्लास स्टेडियम बनाने के लिए यूपीसीए से केवल उन्हें अधिकृत किया गया था और जमीन का जितना भी लेनदेन हुआ वह गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने किया, वह केवल साइनिंग अथॉरिटी रहे। जो आरोप लगाए गए वे बेबुनियाद है।
स्टेडियम की जमीन पर विद्युत विभाग द्वारा लगाई गई हाईटेंशन लाइन पर लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए उन्होंने बताया कि गाजियाबाद क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा इस संबंध में बिजली विभाग व सरकार से हाईटेंशन लाइन के विरोध में पत्राचार चल रहा है। स्टेडियम को वायु सेना से एनओसी ना दिए जाने पर उन्होंने हमारा प्रस्ताव 70 मीटर तक की ऊंचाई का है जिस पर वायु सेना विचार कर रही है। आरपीएल क्रिकेट ग्राउंड को लेकर लगाए गए आरोपों पर उन्होंने कहा कि केवल दो वर्ष पहले ही आरपीएल क्रिकेट ग्राउंड में क्रिकेट की गतिविधियां शुरू हुई है। प्रेस वार्ता में अनिल माथुर, अनिल डोगरा, बलदेव कक्कड़, वीरेंद्र चौधरी, जीके सिंह, आरपी सिंह, दिनेश रैना आदि एसोसिएशन पदाधिकारी मौजूद रहे।
आरोपों के पीछे उन्होंने कारण बताया कि जीजेडबी क्रिकेट एसोसिएशन के डायरेक्टर प्रवीण त्यागी पिछले एक दशक से गाजियाबाद क्रिकेट एसोसिएशन में घुसने का प्रयास कर रहे हैं जिसमें वह सफल नहीं हो पा रहे हैं। इसकी वजह से वे उन पर झूठे और बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि झूठे व बेबुनियाद आरोपों के मामले में वह प्रवीण त्यागी के खिलाफ मानहानि का केस करेंगे।
– पत्रकारों के सवालों पर बगले झांकने लगे राकेश मिश्रा
प्रेस वार्ता के दौरान पत्रकारों द्वारा पूछे जा रहे सवालों पर गाजियाबाद क्रिकेट एसोसिएशन के डायरेक्टर एवं यूपीसीए की काउंसलिंग मेंबर राकेश मिश्रा बगले झांकने लगे और ज्यादातर सवालों का वह जवाब नहीं दे पाए। उन्होंने किसी भी सवाल का पूरा जवाब नहीं दिया और जवाब देते देते ही वह दूसरे पत्रकार की ओर मुखातिब होकर उनके सवाल को तवज्जो देने लगते। जिसकी वजह से वह यह भी स्पष्ट नहीं कर पाए कि आखिर जमीन की खरीद में घोटाले में जीडीए के अधिकारी शामिल हैं या कोई और। इसके साथ ही अन्य सवालों के जवाब भी उन्होंने पूरे नहीं दिये। हाईटेंशन लाइन, वायु सेना की एनओसी को लेकर भी उनके जवाब संतुष्ट नहीं कर पा रजहे थे।
– मुझे पद की कोई आवश्यकता नहीं, उच्चस्तरीय जांच की मांगे करेंगे: प्रवीण त्यागी
उधर वीवीआईपी ग्रुप के सीएमडी एवं जीजेडबी क्रिकेट एसोसिएशन के डायरेक्टर प्रवीण त्यागी ने कहा कि वह पिछले 30 सालों से क्रिकेट से जुड़े रहे हैं और गाजियाबाद के क्रिकेट में उनका एक अहम योगदान रहा है। लेकिन इसके लिए उन्हें किसी पद की आवश्यकता नहीं है। रही बात गाजियाबाद में अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम की, तो सवाल यह है कि जिस स्टेडियम की प्लानिंग 2014 में की गई और आज 2021 में सात साल हो चुके हैं। फिर भी स्टेडियम में आज तक एक ईंट भी नहीं लगी, इसके लिए जिम्मेदार कौन है। ऐसे में सवाल उठना वाजिब है? इसके बाद सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब 2014 में जमीन का रेट 3200 रुपए था तो 5500 रुपये के रेट पर जमीन खरीदने की क्या आवश्यकता थी? इससे यूपीसीए को तो करोड़ों का नुकसान हुआ। चूंकि स्टेडियम की लैंड डील राकेश मिश्रा की देखरेख में हुई है, इसलिए वह सवालों के घेरे में हैं। उन्होंने कहा कि वह इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग करेंगे।