भाजपा का स्वतंत्रता आंदोलन के मूल्यों से कोई संबंध नहीं
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा का स्वतंत्रता आंदोलन के मूल्यों से कोई सम्बंध नहीं है। भाजपा सत्ता में रहते हुए जनता के सवालों पर चुप्पी साध लेती है। भाजपा आजादी की दुश्मन क्यों है? लोकतंत्र में सबका सम्मान क्यों नही होना चाहिए? सबको समान अवसर क्यों नहीं मिलना चाहिए? भाजपा सरकार आंकड़े छिपाती क्यों है? आरक्षण कहां मिलेगा? इन प्रश्नों पर भाजपा का मौन रहना उसके अधिनायकशाही चरित्र को दशार्ता है।
अखिलेश यादव मंगलवार को यहां समाजवादी पार्टी के प्रदेश कार्यालय, लखनऊ के लोहिया सभागार में बड़ी संख्या में एकत्र कार्यकतार्ओं को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा भाजपा ने देश की अस्मिता के साथ खिलवाड़ किया है। भाजपा सरकारी सम्पत्ति को निजी हाथों में सौंपने की साजिश में जुटी हुयी है।
कारपोरेट के इशारे पर ही भाजपा सरकार काम कर रही है। भाजपा ने जनमत का अनादर किया है। भारत की सांस्कृतिक गरिमा को गिराने की साजिश में ही भाजपा दिन-रात जुटी हुई है। उन्होंने कहा भाजपा ने राजनीति की सुचिता, ईमानदारी और आदर्श को कमजोर किया है। संस्थाओं पर पूंजीपतियों का कब्जा हो रहा है। संविधान प्रदत्त अधिकारों को छीना जा रहा है। जातीय जनगणना के आंकड़े क्यों जारी नहीं हो रहे हैं? भारत के संविधान में भाजपा की कोई आस्था नहीं है। सरकार संविधान विरोधी नीतियों को जबरन जनता पर थोपने के लिये कानून बना रही है।
सपा प्रमुख ने कहा केन्द्र और राज्य की भाजपा सरकार पूरी तरह विफल हो चुकी है। जनहित की दिशा में सरकार उदासीन है। प्रशासन और सरकारी मशीनरी का प्रयोग लोकतंत्र पर कब्जा करने के लिये किया जा रहा है। राजनैतिक विरोधियों के साथ भाजपा शत्रुतापूर्ण व्यवहार कर रही है। भारत में राजनीति को दूषित करने की जिम्मेदारी से भाजपा बच नहीं सकती है। सरकार सच्चाई पर पर्दा डालने में लगी है। 2022 के चुनाव में जनता संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए भाजपा को जरूर सबक सिखायेगी। जनता भाजपा को हटाकर समाजवादी सरकार लाने के इंतजार में है।