Dainik Athah

पहल पोर्टल की प्रगति पर जीडीए उपाध्यक्ष ने की समीक्षा, धीमी प्रगति को लेकर नाराजगी

पहल पोर्टल को अधिक सार्थक बनाने के लिए समिति गठन का दिया निर्देश

समिति लिपिकों की तैनाती भवन, भूखंड अथवा व्यवसायिक अनुभाग के स्थान पर कार्य विभाजन को जोनवार/ स्कीमवार किये जाने करेगी विचार

अधिकारियों को कार्य मे निदेर्शानुसार प्रगति न पाए जाने वेतन बाधित करने के दिये निर्देश
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद।
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष अतुल वत्स ‘पहल पोर्टल’ को लेकर गंभीर है। गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वे समय समय पर पोर्टल की समीक्षा भी करते हैं। उन्होंने ‘पहल’ पोर्टल की समीक्षा के दौरान अब तक की स्थिति पर असंतोष व्यक्त करते हुए नाराजगी व्यक्त की। इसके साथ ही संबंधित को चेतावनी भी दी गई।
ूमंगलवार को जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने ‘पहल’ पोर्टल के प्रगति की समीक्षा की। बैठक के दौरान पोर्टल पर डेटा फीड किए जाने के साथ यह भी जानने का प्रयास किया गया कि योजनाओं के डेटा फीड किए जाने का कार्य कितने लिपिकों में विभाजित किया गया है। पहल पोर्टल के प्रभारी अधिकारी के द्वारा डेटा अपडेट किए जाने की स्थिति को प्रस्तुत किया गया।
अब तक की स्थिति पर प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने असंतोष व्यक्त करते हुए एक समिति का गठन किये जाने का निर्देश दिया। समिति को यह विचार करने के निर्देश दिए गए कि लिपिकों को भवन, भूखंड, व्यवसायिक अनुभाग इत्यादि तरीके से तैनात करने के बजाय जोनवार अथवा स्कीमवार तैनात किया जाए। समिति इस पर विचार करते हुए दो दिन के भीतर अपना मत प्रस्तुत करें। जिसके आधार पर जोनवार अथवा स्कीमवार लिपिकों की तैनाती पर निर्णय लिया जा सके।
जीडी उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने इस बात पर भी जोर दिया गया कि जो स्कीम बड़ी ़हो वहां पाकेट वार लिपिकों की तैनाती किये जाने पर विचार किया जाए, इस कदम से निश्चित तौर पर पारदर्शिता आएगी। बैठक के दौरान यह भी निर्देश दिये गये कि ‘पहल पोर्टल’ पर अपडेट्स के दौरान जितने भी डिफाल्टर मिल रहे है, उन्हें तत्काल नोटिस सर्व किया जाए। साथ ही नोटिस सर्वे करते हुए संबंधित सुपरबाइजर से यह पता कर लिया जाए कि मौजूदा में संपत्ति पर जिसका नाम दर्ज है, वहाँ वही व्यक्ति निवास कर रहा है अथवा नहीं ताकि यदि कोई अन्य रह रहा है तो संबंधित परिवार को प्राधिकरण रिकार्ड मे म्यूटेशन के लिए प्रेरित किया जा सकें। इससे प्राधिकरण को राजस्व की प्राप्ति होगी, जिसका उपयोग पहल को और प्रभावी बनाने मे लगाया जा सकेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *