- एक्सप्रेक्स वे के साथ प्रस्तावित किए गए है नए औद्योगिक क्षेत्र
- 66 लाख की जनसंख्या के आधार पर तैयार की गई पुन:रीक्षित महायोजना 2031
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने कहा कि गाजिाबाद, लोनी एवं मोदीनगर महायोजना 2031 के प्रभावी होने से जिले में अब निवेश की संभावनाएं बढ़ गयी हैं। जिले में औद्योगिककरण एवं वन डिस्ट्रिक वन- प्रोडक्ट (ओडीओपी) को बढावा दिए जाने के उददेश्य से ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे के समीप नए औद्योगिक क्षेत्र प्रस्तावित किए गए है। इस प्रकार ‘उत्तर प्रदेश सरकार के एक ट्रिलियन अर्थ व्यवस्था’ के औद्योगिक विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने में गाजियाबाद जनपद अपना महत्वपूर्ण योगदान देगा। इसके साथ ही गाजियाबाद में रोजगार के अवसर भी बढेंगे
शनिवार को गाजियाबाद विकास प्राधिकरण सभागार में मीडिया से बात करते हुए प्राधिकरण उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने बताया कि गाजियाबाद, लोनी एवं मोदीनगर महायोजना 2031 की स्वीकृति होने से जनपद में ‘ट्राजिंट ओरिएंटेड डेवलेपमेंट (टीओडी) नीति’ के क्रियान्वयन में सुगमता आएगी एवं सुनियोजित विकास को बढावा मिलेगा। इस नीति के अंतर्गत टीओडी कॉरिडोर के पास जन सुलभ सुविधाएं जैसे कि अफार्डेबल हाउसिंग, व्यवसायिक एवं मनोरंजनात्क सुविधाएं विकसित की जा सकेगी। मास्टर प्लान के तहत ‘टीओडी एवं स्पेशल डेवलपमेंट एरिया (एसडीए)’ जोन को मिक्सड यूज कटेगरी के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इन क्षेत्रों में उच्च फलोर एरिया रेसीओ ( एफएआर) 1.5 से बढाकर 5.0 कर दिया गया है।
अतुल वत्स ने बताया कि एनसीआरटीसी द्वारा संचालित रैपिड रेल कारिडोर में गाजियाबाद व मोदीनगर क्षेत्र के अंतर्गत 1.5 किलो मीटर के दायरे में लगभग 4200 हेक्टेयर क्षेत्रफल को टीओडी जोन में बनाया जाएगा। साथ ही मेट्रो कारिडोर के रेड लाइन एवं ब्लू लाइन के 500 मीटर के दायरे में लगभग 630 हेक्टेयर क्षेत्रफल को शामिल किया गया है। इसके अतिरिक्त आरआरटीएस के दुहाई एवं गुलधर स्टेशन के समीप लगभग 900 हेक्टेयर क्षेत्रफल का स्पेशल डेवलपमेंट एरिया (एसडीए) विकसित किया जाएगा। ऐेसे क्षेत्रों में मिश्रित भू उपयोग का प्राविधान रखा गया है, जिसके अंतर्गत दो अथवा अधिक भू- उपयोगों का मिश्रण एक ही भवन में होरीजोनटल अथवा वर्टीकली अथवा एक ही स्थान पर विभिन्न उपयोगों के एक से अधिक भवनों में अनुमन्यता प्रदान की जा सकेगी।
जीडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि विकास क्षेत्र के अंतर्गत ‘महायोजना 2031’ में नए विस्तारित महायोजना में दो ट्रांसपोर्ट नगर, दो लॉजिस्टक पार्क एवं चार ट्रक पार्किंग भू उपयोग प्रस्तावित किए गए है, जिससे राजस्व सृजन में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि जहां एक ओर जनसामान्य व निवेशकों द्वारा मिश्रित भू उपयोग के अंतर्गत व्यवसायिक एवं आवासीय गतिविधियों का लाभ उठाया जा सकेगा, वहीं आरआरटीएस/ मेट्रो कॉरिडोर के संचालन से जनपद में सुगम यातायात को बढावा मिलेगा। टीओडी जोन्स में जोनल प्लान तैयार किए जाने हेतु प्राधिकरण द्वारा एनसीआरटीसी को एजेंसी घोषित किया गया है, शासन द्वारा महायोजना 2031 स्वीकृत किए जाने के फलस्वरूप एजेंसी द्वारा जोनल प्लान तैयार किए जाने की गति बढेगी। उन्होंने बताया कि महायोजना में 15-15 फीसदी आवासीय एवं व्यवसायिक के साथ लगभग 20 फीसदी एरिया ग्रीन में बढ़ोत्तरी प्रस्तावित किया गया है।

यूपी का प्रवेश द्वार गाजियाबाद होगा प्रदेश का सबसे प्रमुख शहर: अतुल वत्स
जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने बताया कि उनकी जानकारी के अनुसार गाजियाबाद के औद्योगिक शहर के रूप में बसाया गया था। खुशी का पहलू यह है कि सबसे पहले रैपिड का प्रोजेक्ट गाजियाबाद को मिला। मेट्रो के तीन नए प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। आने वाले वक्त में गाजियाबाद यूपी का सबसे प्रमुख शहर होगा। गाजियाबाद में विकास की बहुत कुछ संभावनाएं है। लोनी के निकट लाजिस्टक पार्क विकसित किए जाने के बाद उसमें औद्योगिक के साथ आवासीय गतिविधि प्रस्तावित की जाएगी। गाजियाबाद में प्रस्तावित अंतराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण जीडीए करें अथवा पीपीपी माडल पर निर्माण कराया जाए, इस दिशा में भी प्रयास किए जा रहे है। उन्होंने बताया कि पुन:रीक्षित गजियाबाद, लोनी एवं मोदी नगर महायोजना 2031 को 66 लाख की जनसंख्या के आधार पर तैयार किया गया है।
लोग उठा सकते हैं नीचे दुकान, ऊपर मकान का लाभ: जीडीए सचिव
24 मीटर रोड से लगे भूखंडों के स्वामी उठा सकेंगे नीचे दुकान, उपर मकान की योजना का लाभ । मीडिया से बातचीत के दौरान प्राधिकरण सचिव राजेश कुमार सिंह ने कहा कि नए बिल्डिंग बायलाज के लागू होने के बाद 24 मीटर रोड से लगे भूखंडों के स्वामी अब एक तरह से नीचे दुकान उपर मकान की योजना का लाभ उठा सकेंगे। इसके लिए ऐसे तमाम भूखंडों के स्वामियों को जिनके द्वारा 24 मीटर रोड से लगे भूखंडों में दुकान अथवा शोरूम का निर्माण कर लिया है, उन्हें बिल्डिंग कम्पाउंड कराने का प्राधिकरण मौका देगा। इसके लिए भूखंड स्वामियों को आवेदन हेतु मानचित्र लाने होंगे। जो भूखंड स्वामी बिल्डिंग का शमन नहीं कराते है, ऐसे बिल्डिंग स्वामियों के खिलाफ प्राधिकरण कार्रवाई करेगा।
जीडीए सचिव ने कहा इस बात की प्रसन्नता है कि मौजूदा प्राधिकरण उपाध्यक्ष के अलीगढ़ के कार्यकाल के दौरान अलीगढ के महायोजना को शासन से मंजूरी मिली तथा अब गाजियाबाद के महायोजना को स्वीकृति शासन से प्राप्त हुई है जो कि बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने बताया कि महायोजना में गाजियाबाद में 15 जोन प्रस्तावित किए गए है। अगले सप्ताह जोनल प्लान के लिए आर एफ पी तैयार कर अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।
