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योगी सरकार के ‘संभव अभियान 4.0’ से कुपोषण और एनीमिया पर कसा शिकंजा, श्रावस्ती बना रोल मॉडल

  • योगी सरकार के संभव अभियान से एनीमिया, कुपोषण और अल्पवजन जैसी गंभीर बीमारियों को दी जा रही मात
  • सीएम योगी के निर्देश हर जिले में बच्चों, गर्भवती और धात्री महिलाओं को वितरित की जा रही पोषण पोटली
  • एनीमिया और कुपोषण पर शिकंजा कसने में श्रावस्ती ने मारी बाजी, प्रदेश भर में हासिल किया पहला स्थान
  • योगी सरकार ने संभव अभियान को सफल बनाने के लिए श्रावस्ती को सौंपा प्रशस्ति पत्र
  • संभव अभियान 4.0 को सफल बनाने में वाराणसी दूसरे तो उन्नाव रहा तीसरे स्थान पर
  • संभव अभियान से तीव्र कुपोषण में 4 प्रतिशत और अल्पवजन बच्चों की दर में 20 प्रतिशत की कमी दर्ज की गयी

अथाह ब्यूरो
लखनऊ।
योगी सरकार का संभव अभियान 4.0 पोषण और जनस्वास्थ्य के क्षेत्र में सफलता की नई कहानी लिख रहा है। योगी सरकार की जीरो हंगर मुहिम महज सपना नहीं है बल्कि इसे उत्तर प्रदेश की नई पहचान बनाना है। इसी कड़ी में बच्चों, गर्भवती महिलाओं और धात्री माताओं में कुपोषण और एनीमिया जैसी गंभीर समस्याओं को मात देने की दिशा में संभव अभियान 4.0 ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। सीएम योगी के संभव अभियान से प्रदेश में तीव्र कुपोषण और अल्पवजन बच्चों की दर में कमी दर्ज की गयी है। वहीं योगी सरकार के संभव अभियान 4.0 में श्रावस्ती ने शानदार प्रदर्शन कर प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है जबकि दूसरे स्थान पर वाराणसी और तीसरे स्थान पर उन्नाव है।

श्रावस्ती ने संभव अभियान को सफल बनाकर हासिल किया 83.57 प्रतिशत का स्कोर
श्रावस्ती के जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संभव अभियान 4.0 सिर्फ एक सरकारी कार्यक्रम ही नहीं बल्कि जनआंदोलन है, जिसने प्रदेश में कुपोषण और अल्पवजन बच्चों की निगरानी, स्क्रीिनिंग, दवा वितरण और रेफरल के जरिये कुपोषण और एनीमिया को मात देने की दिशा में अहम भूमिका निभायी है। वहीं, सीएम योगी के निर्देश पर समाधान दिवस पर प्रदेशवासियों को योगी सरकार की योजनाओं का लाभ देने के साथ ही गर्भवती महिलाओं और धात्री माताओं को पोषण पोटली दी जाती है। सीएम योगी की इस पहल ने भी प्रदेश में कुपोषण और एनीमिया की दर को कम करने में अहम भूमिका निभायी है। जिलाधिकारी ने बताया कि संभव अभियान 4.0 को श्रावस्ती ने सफलतापूर्वक अमलीजामा पहनाकर पूरे प्रदेश में सबसे अधिक ओवर आॅल 83.57 प्रतिशत का स्कोर हासिल किया है। इसी के साथ श्रावस्ती संभव अभियान को सफल बनाने में पहले स्थान पर है। अभियान के विभिन्न इंडीकेटर के तहत में वर्ष 2024 में जीरो से 5 वर्ष के 98.8 बच्चों की माप, 117 प्रतिशत नामांकन, 83 प्रतिशत को दवा दी गयी जबकि रिकवरी दर 71 प्रतिशत है। श्रावस्ती को अभियान के ओवर आॅल सर्वोत्तम प्रदर्शन पर योगी सरकार द्वारा प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया गया।

फील्ड स्तर पर मॉनीटरिंग से कुपोषण, अल्पवजन और एनीमिया को दी मात
वाराणसी के जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार झा ने बताया कि संभव अभियान 4.0 को सफल बनाते हुए ओवर आॅल 83.22 प्रतिशत का स्कोर हासिल किया है। इसी के साथ वाराणसी ने संभव अभियान को सफल बनाने में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। अभियान के विभिन्न इंडीकेटर के तहत में वाराणसी में वर्ष 2024 में 98.8 प्रतिशत की पहचान और 129 प्रतिशत नामांकन किया गया। वहीं, रिकवरी दर 91 प्रतिशत है जबकि 55.3 प्रतिशत पूर्व उपचारित बच्चों का फॉलोअप लिया गया, जो स्थिर सेवाओं की मिशाल को पेश करता है। इसी तरह उन्नाव ने संभव अभियान 4.0 में शानदार प्रदर्शन करते हुए ओवर आॅल 81.98 प्रतिशत का स्कोर हासिल कर प्रदेश में तीसरा स्थान प्राप्त किया है। उन्नाव जिलाधिकारी गौरांग राठी ने बताया कि अभियान के विभिन्न इंडीकेटर के तहत में उन्नाव में 100 बच्चों की माप, 157 प्रतिशत का नामांकन किया गया। इनमें 82 प्रतिशत रिकवरी दर्ज की गयी। उन्होंने बताया कि यह टीम भावना और फील्ड स्तर पर मॉनीटरिंग से संभव हो पाया। इसके अलावा फरुर्खाबाद ने ओवर आॅल 80.98 प्रतिशत स्कोर हासिल कर चौथा और चंदौली ने ओवर आॅल 79.72 प्रतिशत स्कोर हासिल कर प्रदेश में पांचवां स्थान प्राप्त किया है।

संभव अभियान से तीव्र कुपोषण में 4 प्रतिशत और अल्पवजन बच्चों की दर में 20 प्रतिशत की कमी दर्ज की गयी
बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की डायरेक्टर सरनीत कौर ब्रोका ने बताया कि प्रदेश में बच्चों में आयरन, एनीमिया और कुपोषण की दर में कमी दर्ज की गयी है, जिसे कम करने के लिए प्रदेश में संभव अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एनएफएचएस-5 (राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5) की मई-25 की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में वर्ष 2019-21 के मुकाबले वर्ष 25 में तीव्र कुपोषण में 4 प्रतिशत और अल्पवजन बच्चों की दर में 20 प्रतिशत की कमी दर्ज की गयी है। संभव अभियान 4.0 के तहत प्रदेश के 0-6 वर्ष के बच्चों में कुपोषण की स्थिति पर निगरानी की गई, जिससे वर्ष 2019-21 के एनएफएचएस-5 आँकड़ों के अनुसार में तीव्र कुपोषण (६ं२३्रल्लॅ)की दर 17.3% थी, जो मई-25 तक पोषण ट्रेकर के अनुसार घटकर 4 प्रतिशत रह गयी है। इसी तरह वर्ष 2019-21 में अल्पवजन बच्चों की दर 34.5 प्रतिशत थी, जो मई 2025 तक पोषण ट्रेकर की रिपोर्ट के अनुसार घटकर 20.0 प्रतिशत रह गई है। डायरेक्टर ने बताया कि संभव अभियान की सफलता को देखते हुए योगी सरकार ने 7 जुलाई को संभव अभियान 5.0 की शुरूआत की है। इसका उद्?देश्य प्रदेश का हर बच्चा सुपोषित हो, हर मां सुरक्षित रहे और जीरो हंगर के लक्ष्य को प्राप्त करना है।


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