Dainik Athah

इंदिरापुरम के कनावनी में करीब 800 करोड रूपए कीमत की जमीन को कराया गया अवैध कब्जे से मुक्त

  • जीडीए की पुलिस- पीएसी के सहयोग से सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे को खाली कराने के लिए बड़ी कार्रवाई
  • करीब एक लाख वर्ग मीटर प्राधिकरण की अर्जित जमीन पर किया गया था कब्जा
  • जनप्रतिनिधियों के माध्यम से प्राप्त हो रही थीं शिकायतें रोहिग्या एवं बंगलादेशियो ने किया है जीडीए की जमीन पर कब्जा
  • जीडीए जल्द पिलर खडे करने और तारफैसिंग का कार्य करेगा आरंभ
  • फर्म का चयन कर नियोजित की जायेगी जमीन, जनता के लिए नियोजित भूखंड होंगे उपलब्ध

अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। गा
जियाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अतुल वत्स के आदेश पर जीडीए के प्रवर्तन दल ने इंदिरापुरम में आठ सौ करोड़ रुपये मूल्य की करीब एक लाख वर्ग मीटर जमीन अवैध कब्जों से मुक्त करवाई है। अवैध कब्जा खाली करवाने में जीडीए ने पीएसी के साथ ही इंदिरापुरम पुलिस का सहयोग भी लिया गया। अब जमीन पर बांग्लादेशी घुसपैठियों के साथ ही रोहिग्याओं का कब्जा था। अब इस जमीन पर प्लाटिंगकी जायेगी। जीडीए के इतिहास में यह बड़ा कदम है।

जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स के निर्देश पर मंगलवार को इंदिरापुरम के कनावनी में प्राधिकरण के द्वारा अर्जित करीब 10 हैक्टेयर (एक लाख वर्ग मीटर) जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराने की बडी कार्रवाई की गई। इस अवैध रूप से कब्जा की गई जमीन को नए सिरे से आवंटित करने से प्राधिकरण को करीब 800 करोड़ के राजस्व की प्राप्ति होगी।
जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने बताया कि जनप्रतिनिधियों एवं स्थानीय पार्षदों से लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही थीं कि जीडीए के द्वारा अर्जित जमीन पर अवैध तरीके से रोहिग्या, बांग्लादेशियों के द्वारा कब्जा किया गया है। जो कि न केवल झुग्गी बनाकर रह रहे है बल्कि अनेक लोगों के द्वारा धर्म कांटे एवं बिल्डिंग मैटिरियल का कारोबार किया जा रहा है। इसके अलावा कुछ लोगों के द्वारा स्थायी तौर से निर्माण कर लिया गया है।
शिकायतों की जांच के क्रम में जीडीए के द्वारा पड़ताल करायी गई तो सामने आया कि कनावनी की जिस जमीन पर झुग्गी आदि डाली गई है, वह प्राधिकरण के द्वारा अर्जित की गई थीं। इस बड़ी कार्रवाई को अंजाम देने के लिए दो बटालियन पीएसी के साथ इंदिरापुरम थाना पुलिस का सहयोग लिया गया था। अवैध कब्जे से मुक्त करायी गई जमीन पर जल्द पिलर खडे करते हुए तार फैंसिंग का कार्य किया जाएगा। नियोजन हेतु फर्म का चयन करते हुए प्रथम चरण की प्लानिंग तैयार की जाएगी। जरूरत मंद लोगों को भूखंड आदि आवंटित किए जा सकेंगे। वह लोग दिल्ली के करीब भूखंड प्राप्त कर सकेंगे,जो कि दिल्ली के निकट अपना आशियाना बनाने के इच्छुक है। प्राधिकरण को उम्मीद है कि इससे करीब 800 करोड के राजस्व की प्राप्ति होगी।

गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की जमीन पर न तो किसी प्रकार के अवैध कब्जे को बर्दाश्त किया जायेगा और न ही जीडीए के अधिसूचित क्षेत्र में अवैध कालोनियों का निर्माण होने दिया जायेगा। ऐसे लोगों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जायेगी।
अतुल वत्स, उपाध्यक्ष, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण


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