Dainik Athah

शिक्षकों का कहीं सम्मान नहीं है, उन्हें अपमानित किया जा रहा है: अखिलेश यादव



अथाह ब्यूरो
लखनऊ।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार में शिक्षा की सर्वाधिक दुर्दशा है। शिक्षकों का कहीं सम्मान नहीं है अपितु हर स्तर पर उन्हें अपमानित किया जा रहा है। यही नहीं पुलिस उनके प्रति बर्बरतापूर्ण व्यवहार भी ऊपरी निदेर्शों पर करने से बाज नहीं आती है। वेतन के नाम पर उन्हें न्यूनतम राशि मिलती है। यही नहीं भाजपा सरकार आने के बाद से सालों साल से शिक्षक बनने का कभी न खत्म होने वाला इंतजार भी शिक्षक झेल रहे हैं।
यादव ने कहा कि भाजपा सरकार का शिक्षकों के प्रति रवैया दिन पर दिन अमानवीय होता जा रहा है। प्रयागराज में शिक्षा चयन बोर्ड के सामने बेसिक शिक्षक अभ्यर्थी और लखनऊ के इको गार्डन में प्रदेश भर के शिक्षामित्र 2 जून को 2 जून की रोटी के संघर्ष के लिए प्रदर्शन करने को मजबूर हुए। शिक्षामित्रों का यह प्रदर्शन और न्यायपूर्ण मांगे मनवाने का संघर्ष लम्बे समय से चल रहा है। उनके प्रदर्शन पर पुलिस कई बार बर्बर लाठीचार्ज भी कर चुकी है।
अखिलेश यादव ने कहा कि चिंता की बात यह है कि जहां एक तरफ 7 सालो से शिक्षा चयन बोर्ड की बेसिक शिक्षकों की वैकेंसी नहीं आई है वहीं दूसरी तरफ शिक्षामित्रों को मात्र 11 महीने ही वेतन मिलता है और वह भी केवल 10 हजार प्रतिमाह। सरकारी लूट से ऐश करने वाले मंत्रियों और अधिकारियों को कैसे अनुभव होगा कि इतने पैसों से परिवार चलाना कितना मुश्किल होता होगा। महंगाई भाजपा सरकार में सुरसा के मुंह की तरह बढ़ी है। भ्रष्टाचार अनियंत्रित है।
यादव ने कहा कि शिक्षामित्रों को इस बात का एहसास है कि रोटी को थाली की तरह बजाने से आवाज नहीं आती है। भाजपा सरकार गूंगी बहरी हे। जनता की परेशानियों और तकलीफों की उसे कोई फिक्र नहीं। इस सरकार को जगाने के लिए गुहार लगाना व्यर्थ है। शिक्षक वर्ग को 2027 में भाजपा सरकार को हटाने के बाद ही न्याय मिल सकेगा।

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