जून के महीने तक कल 28 विवाह मुहूर्त है
दिनांक 14 अप्रैल 2025 को प्रातः 3:21 बजे मेष की संक्रांति में सूर्य का आगमन हो रहा है। पिछले एक महीने से सूर्य मीन राशि में चल रहे थे ।उससे एक सप्ताह पहले होलाष्टक लगा हुआ था। इस कारण वैवाहिक मुहूर्त, गृह प्रवेश की पूजन आदि सभी शुभ कार्य बंद थे। किंतु अब मेष संक्रांति में सूर्य के आगमन के साथ ही फिर से शुभ कार्य आरंभ हो जाएंगे।
आचार्य शिवकुमार शर्मा के अनुसार जब भी सूर्य धनु राशि में अथवा मीन राशि में आते हैं उसे समय मलमास अथवा खरमास होता है इसे अशुद्ध मास माना जाता है। केवल पूजा पाठ, मंत्र ,सिद्धि आदि कर सकते हैं। लेकिन विवाह मुहूर्त ,गृह प्रवेश मुहूर्त, भूमि पूजन मुहूर्त आदि शुभ कार्य नहीं कर सकते हैं।
धनु की संक्रांति में सूर्य 14 दिसंबर से 13 जनवरी तक रहते हैं और मीन राशि में सूर्य 13 मार्च से 13 अप्रैल तक रहते हैं। इस अवधि में विवाह मुहूर्त अन्य शुभ मुहूर्त बंद हो जाते हैं इसे अपवित्र मास माना जाता है। केवल भगवान की भक्ति, मंत्र जाप आदि के लिए शुभ है ।अन्य संस्कारों में यह अवधि अमान्य होती हैं।
14 अप्रैल से 9 जून तक 28 विवाह मुहूर्त हैं।
इनमें अप्रैल में 14 ,16, 18, 19 ,20 ,21 ,22, 23, 29 ,30 अप्रैल अर्थात दस विवाह मुहूर्त है।
मई के महीने में 1, 5, 6, 7, 8 ,13, 15, 17 ,18 ,19, 24 ,28 मई अर्थात 12 विवाह मुहूर्त हैं।
जून के महीने में 1, 2, 4, 7 ,8, 9 जून अर्थात 6 विवाह मुहूर्त शुभ है।
उसके पश्चात गुरु ग्रह अस्त होजाएंगे।
और फिर 4 महीने का चतुर्मास आरंभ होगा। इसलिए उसके बाद लगभग 5 महीने तक विवाह मुहूर्त नहीं होंगे अक्षय तृतीया 30 अप्रैल की है जो अनबूझ विवाह मुहूर्त है। और सर्वश्रेष्ठ वैवाहिक मुहूर्त होता है । वैसे भड़रिया नवमी का भी अनबूझ विवाह मुहूर्त है जो चार जुलाई की है।गुरु अस्त के कारण विवाह मुहूर्त न होने पर भी इस दिन काफी शादियां होंगी।
पंडित शिवकुमार शर्मा, ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु कंसलटेंट गाजियाबाद