Dainik Athah

टाटा मोटर्स और आईटीआई अलीगंज के बीच ड्यूल सिस्टम आॅफ ट्रेनिंग के लिए टडव पर हस्ताक्षर

  • प्रशिक्षण के साथ मिलेगा स्टाइपेंड, फ्री कैंटीन और बस सुविधा
  • 13 व्यवसायों में मिलेगा आधुनिक तकनीकी प्रशिक्षण
  • प्रदेश के युवाओं के लिए खुले नए अवसरों के द्वार

अथाह ब्यूरो
लखनऊ।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा युवाओं को इंडस्ट्री की जरूरतों के अनुरूप प्रशिक्षित करने हेतु राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में ड्यूल सिस्टम आॅफ ट्रेनिंग (डीएसटी) योजना का शुभारंभ किया गया है। इस क्रम में राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, अलीगंज, लखनऊ और टाटा मोटर्स, लखनऊ के बीच ड्यूल सिस्टम आॅफ ट्रेनिंग के अंतर्गत टडव पर हस्ताक्षर किए गए हैं। यह एमओयू कौशल विकास और रोजगार के क्षेत्र में एक नया अध्याय साबित होगा। आने वाले समय में इससे न केवल प्रशिक्षार्थियों को लाभ होगा, बल्कि औद्योगिक इकाइयों को भी कुशल कार्यबल उपलब्ध होगा।

13 व्यवसायों को किया गया शामिल
इस समझौते के अंतर्गत 13 व्यवसायों को शामिल किया गया है, जिसमें फिटर, इलेक्ट्रीशियन, इलेक्ट्रिक पावर डिस्ट्रब्यूशन, इलेक्ट्रॉनिक्स मैकेनिक, इंस्ट्रूमेंट मैकेनिक, वेल्डर, एमएमवी, मैकेनिक डीजल, ट्रैक्टर मैकेनिक, डीजल मैकेनिक, कोपा, पेंटर जनरल और वायरमैन शामिल हैं। इन व्यवसायों में प्रशिक्षण लेने वाले युवाओं को इंडस्ट्री में काम करने का व्यावहारिक अनुभव मिलेगा।

डीएसटी योजना के लाभ
. इस योजना के तहत प्रशिक्षुओं को इंडस्ट्री में भेजा जाएगा—
. 1 वर्षीय कोर्स के लिए 3 से 6 माह
. 2 वर्षीय कोर्स के लिए 6 माह से 1 वर्ष तक।
साथ ही उन्हें फ्री कैंटीन, बस सुविधा और लगभग 8500 रुपए प्रतिमाह स्टाइपेंड भी मिलेगा।

प्रशिक्षण को रोजगार से जोड़ने की दिशा में ऐतिहासिक कदम
समझौते पर हस्ताक्षर करते हुए आईटीआई अलीगंज के प्रधानाचार्य राज कुमार यादव ने कहा, यह साझेदारी हमारे प्रशिक्षार्थियों के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है। टाटा मोटर्स जैसी प्रतिष्ठित कम्पनी से जुड़ाव से उन्हें तकनीकी शिक्षा के साथ-साथ औद्योगिक अनुभव भी प्राप्त होगा। इससे उन्हें रोजगार के बेहतरीन अवसर मिलेंगे। वहीं, टाटा मोटर्स की हेड एचआर, जसनीत रखरा ने कहा, राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान अलीगंज के साथ यह समझौता हमारे लिए गर्व की बात है। इस ड्यूल ट्रेनिंग मॉडल के जरिए हम युवाओं को उद्योग की आवश्यकताओं के अनुसार तैयार करेंगे। इससे न केवल प्रशिक्षार्थियों को लाभ होगा, बल्कि हमें भी कुशल मानव संसाधन उपलब्ध होंगे।


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