- मुख्यमंत्री ने चीनी उद्योग व गन्ना विभाग की समीक्षा बैठक में दिए निर्देश
- अधिकारियों ने विभाग की कार्ययोजना से मुख्यमंत्री जी को कराया अवगत
- किसान सरकार की प्राथमिकता में, इनकी बुनियादी सुविधाओं पर विभाग का रहे विशेष जोर: मुख्यमंत्री
- आठ वर्षों में 46.50 लाख किसानों को अब तक 2,80, 223 करोड़ का किया जा चुका है गन्ना मूल्य भुगतान
- पेराई सत्र 2024-25 में अब तक 23,173 करोड़ से अधिक का गन्ना मूल्य भुगतान
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को चीनी उद्योग व गन्ना विकास विभाग की समीक्षा बैठक की। विभागीय प्रगति की स्थिति से अवगत होते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान, सरकार की प्राथमिकता में हैं। इनके हितों के प्रति पूरी गंभीरता से काम किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रत्येक जनपद में मास्टर ट्रेनर के माध्यम से गन्ना किसानों का प्रशिक्षण कराया जाए। इसमें स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्रों को भी जोड़ा जाए।
बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि पेराई सत्र 2024-25 में अब तक 23,173 करोड़ से अधिक का भुगतान गन्ना किसानों को किया जा चुका है, जो कुल देय का 82 प्रतिशत है। वहीं विगत आठ वर्ष में 46.50 लाख किसानों को अब तक 2,80,223 करोड़ का गन्ना मूल्य भुगतान किया जा चुका है। यह वर्ष 1995 से मार्च 2017 (22 वर्ष) में हुए कुल भुगतान से 66,703 करोड़ रुपये अधिक है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि चीनी मिलों में टिशू कल्चर पद्धति से गन्ने की नई प्रजाति का बीज तैयार कराया जाए, जिससे नई गन्ना प्रजातियों का आच्छादन तेजी से हो सके और गन्ना उत्पादकता में भी वृद्धि हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारी चीनी मिलों में प्रबंधन की जवाबदेही तय करते हुए इसे लाभ में लाने के निरंतर प्रयास किए जाएं। सहकारी गन्ना विकास समितियों के भवनों का जीर्णोद्धार किया जाए तथा प्रगतिशील गन्ना किसानों को कार्यक्रमों में सम्मानित भी किया जाए। मुख्यमंत्री जी ने गन्ना समितियों के माध्यम से पूर्व से संचालित विद्यालयों की मरम्मत व सुदृढ़ीकरण पर भी जोर दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चीनी मिलों में गन्ना किसानों के लिए बुनियादी सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाए। इसके लिए संबंधित सहकारी गन्ना विकास समितियों का दायित्व भी निर्धारित किया जाए। गन्ना समितियां किसानों के बैठने, पेयजल एवं सस्ती कैंटीन भी खुलवाने का कार्य करें। उन्होंने कहा कि गन्ना विकास समितियों द्वारा किए जाने वाले कार्यों का जनप्रतिनिधियों से ही लोकार्पण कराया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि गन्ना फसलों में कीट व बीमारियों के रोकथाम के लिए प्रभावी व्यवस्था बनाई जाए तथा ससमय इसका नियंत्रण किया जाए, जिससे गन्ना उत्पादकता व उत्पादन में वृद्धि हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गन्ना शोध परिसर शाहजहांपुर, सेवरही व मुजफ्फरनगर का सुदृढ़ीकरण कराया जाए। तकनीकी स्टाफ एवं वैज्ञानिकों आदि की व्यवस्था करते हुए इनका प्रभावी संचालन निरंतर सुनिश्चित कराया जाए। उन्होंने कहा कि सहकारी चीनी मिल संघ व उत्तर प्रदेश राज्य चीनी निगम के अंतर्गत संचालित चीनी मिलों में स्वच्छ छवि वाले अधिकारियों की तैनाती सुनिश्चित की जाए, ताकि चीनी मिलें निरंतर लाभप्रदता की स्थिति में आ सकें। उन्होंने निर्देश दिए कि चीनी मिलों को इंटीग्रेटेड शुगर कॉम्प्लेक्स के रूप में विकसित कराया जाए। बैठक में गन्ना विकास व चीनी मिलें विभाग के कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण समेत विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।