- मंडलायुक्त एवं जीडीए अध्यक्ष की अध्यक्षता में संपन्न हुई जीडीए की 168 वीं बोर्ड बैठक
- ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे के आसपास के 29, दिल्ली- मेरठ एक्सप्रेस वे के आसपास के 32 गांव हुए जीडीए में शामिल
- अब मोदीनगर तहसील क्षेत्र में अवैध कालोनियों- औद्योगिक क्षेत्रों का निर्माण होगा कठिन
- तुलसी निकेतन के भवनों का होगा सर्वे
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण बोर्ड ने मोदीनगर तहसील क्षेत्र के 61 गांवों को जो ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे एवं दिल्ली- मेरठ एक्सप्रेस वे के आसपास स्थित है को जीडीए की सीमा में शामिल कर दिया है। प्राधिकरण बोर्ड के निर्णय के बाद इन क्षेत्रों में अवैध रूप से कालोनी बनाये जाने पर जहां रोक लग सकेगी, वहीं दूसरी तरफ अवैध रूप से औद्योगिक क्षेत्र के भूखंड भी नहीं बेचे जा सकेंगे। प्राधिकरण के इस निर्णय से कालोनाइजरों के साथ ही किसानों एवं ग्रामीणों में बेचैनी उत्पन्न हो गई है।


मंगलवार को मेरठ स्थित मंडलायुक्त कार्यालय में जीडीए अध्यक्ष एवं मंडलायुक्त ऋषिकेश भास्कर यशोद की अध्यक्षता में जीडीए की की 168 वीं बोर्ड बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में मोदीनगर तहसील क्षेत्र के 61 राजस्व गांवों को जीडीए के अधिसूचित क्षेत्र में शामिल करने का निर्णय लिया गया। इसमें ईस्टर्न पेरिफेरल के आसपास के मोदीनगर तहसील क्षेत्र के 29 गांव जिनमें नेकपुर सावितनगर, बिहंग, रेवड़ी रेवड़ा, हुसैनपुर, मानौली, भदौली, किशनचंदपुर पट्टी, मिलक चाकरपुर, रोशनपुर सलेमाबाद पट्टी प्रताप, रोशनपुर सलेमाबाद पट्टी जीराम, अजबपुर मंगावली, काकड़ा, खरजीवनपुर खिमावती, कादरनगर बुरारी, सुराणा, अल्लाहपुर, शहजादपुर, सुठारी, रावली कलां, मिलक रावली, खैराजपुर, रूहैलापुर, सुल्तानपुर छज्जूपुर, जलालपुर ढ़िढार, अमीपुर गढ़ी, बंदीपुर, ग्यासपुर, सुल्तानपुर, खुर्रमपुर आदि गांव शामिल है।
इसके साथ ही दिल्ली- मेरठ एक्सप्रेस वे के आसपास के 32 गांव जिनमें किल्हौड़ा, भदौला, फरीदनगर, रघुनाथपुर, त्यौड़ी तेरह बिस्वा, त्यौड़ी सात बिस्वा, चुड़ियाला, शकूरपुर, मुरादाबाद, जैनुउद्दीनपुर, तलैहटा, पलौता, भड़जन, अमराला, औरंगाबाद फजलगढ़, कासिमपुर, अमीपुर बडायला, सुजानपुर मोहम्मदपुर, पट्टी, जहांगीरपुर, युसूफपुर नंगला, कलछीना, औरंगनगर किनापुर, गंगारामपुर, मिसवापुर, भवानीपुर, नूरपुर, डिडवारी, समयपुर, करीमनगर कटियारा उर्फ आकलपुरी, निगरावटी, युसूफपुर ईशापुर आदि गांव शामिल है।
इन गांवों को अधिसूचित क्षेत्र में शामिल करने का जीडीए ने बोर्ड बैठक में औचित्य बताया कि गाजियाबाद राष्टÑीय राजधानी क्षेत्र का मुख्य नगर एवं जिला है, जिसमें विकास तीव्र गति से हो रहा है। गाजियाबाद विकास क्षेत्र के अवशेष गांवों में आवासीय, नगरीय, औद्योगिक गतिविधियां बढ़ रही है। इसके साथ ही कहा कि जीडीए के क्षेत्र के बाहर कई इन्फास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट जैसे दिल्ली- मेरठ एक्सप्रेस वे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे नार्दन पेरिफेरल एक्सप्रेस वे, एनसीआरटीसी, प्रस्तावित आर्बिटल रेल आदि शामिल है। यदि इन गांवों का अभी से समुचित विकास नहीं किया गया तो भविष्य में नियोजन की दृष्टि से समस्या उत्पन्न होगी। इन क्षेत्रों में निजी औद्योगिक गतिविधियां संचालित है, लेकिन कोई नीति उद्योग संचालन की नहीं है। प्राधिकरण का तर्क है कि इससे इन गांवों में नियोजित विकास हो पायेगा।
इसके साथ ही बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पास हुआ कि तुलसी निकेतन योजना में 288 एलआईजी भवन, 2004 ईडब्ल्यूएस भवन, 60 दुकानों के जर्जर होने के कारण योजना के पुन: विकास के लिए सर्वेक्षण कराया जाना आवश्यक है। जिससे यह पता चलेगा कि कौन मूल आवंटी है, कौन पावर आॅफ अर्टानी के आधार पर रह रहा है। जो मूल आवंटी नहीं है उनके आवंटन निरस्त कर उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता से विधि परामर्श भी किया जायेगा।