सरकार बताए कि देश की जीडीपी क्यों गिर रही है
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने संसद में बजट पर सम्बोधन
अथाह ब्यूरो
लखनऊ।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने संसद में बजट पर अपने सम्बोधन में कहा है कि यह बजट टार्गेटेड बजट है। फोकस है उनपर जो सम्पन्न है, पूंजीपति है। इस बजट में विकसित भारत का कोई रोड मैप नहीं दिख रहा है। बजट में पीडीए के उत्थान के लिए कुछ नहीं है। सरकार बताए कि देश की जीडीपी क्यों गिर रही है। रुपया डॉलर के मुकाबले क्यों गिर रहा है। ग्रोथ रेट कम हो रही है। ग्रोथ रेट कम होने का कारण निवेश और उपभोग की कमी है।
सरकार डिजिटल इंडिया का बहुत प्रचार कर रही थी। आज साइबर अपराध डिजीटल अरेस्ट की घटनाएं बहुत बढ़ गयी है। डिजीटल अरेस्ट के माध्यम से लाखों करोड़ों रूपये लूटा जा रहा है। इसके लिए कौन जिम्मेदार है? डिजिटल इंडिया करते-करते साइबर अपराध कितना बढ़ गया।
देश की जीडीपी ग्रोथ क्यों गिर रहा है। रूपया डालर के मुकाबले क्यों कम हो रहा है। यह देश की आर्थिक विकास की स्थिति पर प्रश्नचिह्न लगाता है। देश में भेदभाव बढ़ता जा रहा है। मुट्ठीभर लोगों के पास पूरे देश की सम्पदा पहुंच गयी। देश में ज्यादा लोग गरीब है। उनके जीवन यापन के लिए 80 करोड़ लोगों को राशन बांटना पड़ रहा है। क्या यही विकसित भारत की तस्वीर है। सरकार बताए कि जिन परिवारों को राशन दे रहे हैं उनकी पर कैप्टिल इनकम क्या है।
छत्तीसगढ़ में एक बुजुर्ग महिला ने बकरी बेचकर शौचालय का निर्माण कराया। प्रधानमंत्री जी ने उसे सम्मानित किया था, सवाल यह है कि आखिर बकरी बेचकर शौचालय क्यों बनवाना पड़ा। इसका मतलब यह है कि इस सरकार की बनायी स्कीम जमीन पर नहीं पहुंच रही है। उसके लिए पर्याप्त पैसा नहीं है। यह सरकार की जिम्मेदारी है, पैसा क्यों नहीं पहुंच रहा है। अब तक यह सरकार डबल इंजन का प्रचार करती थी, लेकिन लगता है कि डबल इंजन ने धोखा दे दिया इसलिए अब चार इंजन की बात कर रही है।
उत्तर प्रदेश में डबल इंजन की सरकार डबल ब्लंडर कर रही है। चार इंजन की सरकार में पहला इंजन कृषि और किसान है लेकिन आज तक किसान की आय दोगुनी नहीं हुई। किसान आंदोलन कर रहे हैं। सरकार के पास किसान की आय दोगुनी करने का कोई रोड मैप नहीं। एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर हजारों किसानों की जान चली गयी। लेकिन आज भी एमएसपी की गारंटी नहीं मिल पायी। किसानों को स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार मदद नहीं दे रहे है। दलहन, तिलहन को बढ़ावा देने का मिशन अधूरा है। अभी तक दलहन तिलहन आयात करना पड़ रहा है।
सौ जिलों के लिए घोषित प्रधानमंत्री धन धान्य योजना के लिए बजट नहीं है। किसानों की खराब आर्थिक स्थिति दर्शा रही है कि हमारा किसान गरीब है। सरकार ने फसल बीमा योजना का बहुत प्रचार किया लेकिन आंकड़े बताते है कि क्लेम 3 फीसदी से ज्यादा नहीं पहुंच पाया। कर्ज के कारण किसान आत्महत्या कर रहा है।
देश में कर्ज से दबे लाखों किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हैं। सरकार समय-समय पर बड़े-बड़े उद्योगपतियों का कर्ज माफ करती है। किसानों का कर्ज माफ होना चाहिए। उन्हें कर्ज से मुक्ति दिलाना चाहिए। क्लाइमेट चेंज का सबसे ज्यादा असर किसानों पर पड़ता है। सरकार बताए कि उसके पास क्या रोड मैप है।
अखिलेश यादव ने कहा कि जीएसटी को लेकर सरकार बहुत प्रचार करती है। जीएसटी की विसंगतियों के कारण व्यापार प्रभावित होता है, व्यापारी उलझा हुआ है। जब तक व्यापारी समझ पाता है तब तक सरकार जीएसटी और तरीका बदल देती है। किसानों के जितने कृषि यंत्र हैं उन पर 18 फीसदी जीएसटी लिया जा रहा है। अगर विकसित भारत बनाना है तो कृषियंत्रों पर जीएसटी जीरो फीसदी होना चाहिए।
अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार दावा करती है कि अर्थ व्यवस्था दुनिया में तीसरी नम्बर की बनने वाली है लेकिन नौजवानों के लिए नौकरी और रोजगार नहीं है। जब तक निवेश के वातावरण में सुधार नहीं होगा तब तक मैनुफैक्चरिंग मिशन आगे नहीं बढ़ सकता है। बजट में एमएसएमई को विकास का दूसरा इंजन बताया जा रहा है लेकिन एसएसएमई के लिए बजट की व्यवस्था नहीं है। इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा रोजगार मिलता है लेकिन एसएसएमई की माइक्रो यूनिट के लिए कोई योजना नहीं है। इनकी मदद के लिए न कोई प्राविधान पहले किया गया और न इस बार किया गया। ज्यादातर एमएसएमई सेक्टर की योजनाओं को कोई सरकारी लाभ नहीं मिल रहा है।
अखिलेश यादव ने कहा कि एक समय ऐसा होता था जब बजट आने पर लोग खुश होते थे। बजट नई उम्मीद जगाता था, देश और जनता को आगे की ओर ले जाता था। भाजपा सरकार के बजट में न देश के विकास के लिए कुछ होता है और न आम आदमी की तरक्की के लिए कुछ होता है। बजट देश का आर्थिक मानचित्र होता है। बजट मायूसी लेकर नहीं आना चाहिए। भाजपा सरकार में राज्यों की बैलेंस्ड डेवलपमेंट की नीति पिछड़ती जा रही है। सच्चा बजट भेदभाव मिटाता है। लेकिन भाजपा भेदभाव करती है।
भूख मिटे, महंगाई घटे यही बजट का नारा होना चाहिए। निर्बल को सबल बनाना, निराशा को आशा में बदलना ही बजट का मानवीय पहलू होना चाहिए। बजट का सिद्धांत कमजोर के प्रति हमदर्दी होना चाहिए, बजट बनाने की सोच कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने की नहीं बल्कि इंसानियत के नजरिए की बुनियाद होनी चाहिए। रोटी की भूख किसानों को विश्वास में लेकर मिटायी जा सकती है।
किसान को फसल का सही दाम दिलवाना और उसके लिए बीज खाद, पानी का इंतजाम करना, किसान की फसल को आवारा पशुओं से बचाना आवश्यक है। प्रधानमंत्री जी ने उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में किसानों से आवारा पशुओं की समस्या एक सप्ताह में हल करने का वादा किया था लेकिन आज भी समस्या जस की तस बनी हुई है।
अखिलेश यादव ने कहा कि किसानों की फसलों को बचाना सरकार की जिम्मेदारी होनी चाहिए। इस मामले में जुमलेबाजी और झूठे वादे सही नहीं है। आलू फसल से कई उद्योगपति मुनाफा कमा रहे है। कम्पनियों को लाभ हो रहा है लेकिन आलू किसानों को कोई फायदा नहीं हो रहा है। आज किसान का आंदोलित होना, सरकार की विफलता का सबसे बड़ा उदाहरण है। किसानों के हिस्से में काले कानून नहीं आना चाहिए। लेकिन सरकार काले कानून लाकर किसानों को अपमानित करना चाहती है। आज चिकित्सा स्वास्थ्य सबसे बड़ी आवश्यकता है। सही डायट जरूरी है। हर तरह के प्रदूषण को रोकना होगा। हरियाली बढ़ानी होगी। हर तरफ नकारात्मकता का प्रचार रोकना होगा। इससे इंसान के अंदर निगेटिवटी आती है। विश्वास टूटता है। पेड न्यूज लोगों को मानसिक रूप से बीमार बना रही है। इसे हर हाल में रोकना होगा।
अखिलेश यादव ने कहा कि यह सरकार दूसरों को बदनाम करने के लिए प्रचार करती है। कुछ लोग अपनी सियासी रोटियों को सेंकने के लिए सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ रहे है। इसके लिए सख्त कानून लाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार मुनाफा कमाने नहीं जनता के कल्याण के लिए बनती है। यह सरकार जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर भी टैक्स लगा रही है। युवाओं को काम का सही दाम नहीं मिल रहा है।
अखिलेश यादव ने कहा कि जबसे भाजपा सरकार में आयी है महंगाई बढ़ती जा रही है। महंगाई ऐसी समस्या बनकर उभरी है, जिसने हर वर्ग को गरीब बना दिया है। महंगाई बढ़ने का बहुत बड़ा कारण सत्ता में बैठे लोगों का कम्पनियों से बड़े पैमाने पर चुनावी चंदा उगाही है। सरकार ने मुनाफाखोरो को छुट्टा छोड़ दिया हैं, मुनाफाखोर छुट्टा बैल हो गये हैं। आजाद भारत में नोटबंदी और जीएसटी सबसे बड़े आर्थिक विकार बनकर उभरे हैं। लोगों के पास पैसों की किल्लत है। वह रोजमर्रा का जरूरत पर भी खर्च नहीं कर पा रहे है। लोगों की बचत नहीं हो पा रही है। भविष्य को लेकर अनिश्चितता है। उत्तर प्रदेश में सरकार ने 40 लाख करोड़ के एमओयू का दावा किया था, लेकिन कोई निवेश जमीन पर नहीं दिख रहा है। केन्द्र सरकार उसमें क्या सहयोग कर रही है?
देश की आर्थिक हालत यह है कि शेयर बाजार विदेशी निवेशको पर निर्भर है। जब वे पैसा लगाते है तो उछाल आता है। नहीं तो धड़ाम हो जाता है। इससे निवेशकों का लाखों करोड़ का नुकसान हो जाता है। इसका बड़ा शिकार देश की युवा पीढ़ी हो रही है, जो देखा देखी में पैसा लगा देती है लेकिन शेयर के बिचौलियों की गहरी चाल नहीं समझदारी है। सरकार की जिम्मेदारी है कि यह खेल बंद कराये। सेबी को अपना काम निष्पक्ष करना चाहिए। अर्थव्यवस्था की निगरानी सच्ची नीयत के साथ करनी चाहिए। विदेशी निवेशक जिस तरह से भारतीय बाजार से धीरे-धीरे अपना पैसा निकाल रहे है, वह दर्शाता है कि यहां की अर्थव्यवस्था से उनका भरोसा उठ गया है। उन्हें दूसरे देशों में ज्यादा लाभ की उम्मीद है।
अखिलेश यादव ने कहा कि जीएसटी को भ्रष्टाचार से मुक्त करना होगा। व्यापारियों के प्रति विश्वास जताना होगा। हाई टैक्स रेट भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है। राजस्व की भी हानि होती है। टैक्स सिस्टम को सरल बनाना होगा। इस सरकार में पलायन को लेकर विरोधाभाषी स्थिति है। एक तरफ अमीर लोगों ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए दूसरे देशों में निवेश के लिए जा रहे है वहीं गरीब अपनी श्रम शक्ति लेकर दूसरे राज्यों में जा रहे है। पलायन कर रहे है। यूपी इसका सबसे बड़ा शिकार है। यूपी में नौकरी और अवसरों की भारी कमी है। यूपी का विकास जमीन पर नहीं सिर्फ टीवी, अखबारों, विज्ञापन में दिखता है। भाजपा ने अब तक जितने बजट पेश किया हैं, विकास कछुए की गति से चल रहा है। इस सरकार में कुछ लोग आगे बढ़ गए हैं। बाकी बड़ी आबादी पिछड़ गयी है। भाजपा सरकार में न अच्छे दिन आये है और न आयेंगे।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार का सबका विकास का नारा सबका विनाश में बदल गया है। रुपया लगातार नीचे जा रहा है। बड़े से लेकर छोटे उद्योगधंधे चौपट हो रहे है। मेकिंग इंडिया, मुद्रा योजना, लोन, स्किल इंडिया नाकामी के पन्ने बन गये। व्यापार कारोबार कुछ लोगों के हाथ में सिमट गया। जनता भाजपा के लिए सिर्फ नारे का विषय है। सरकार ने स्कूली शिक्षा का बजट कम कर दिया। भूख के इंडेक्स में देश कहां जा रहा है। स्वास्थ्य सेवाएं महंगी हो गयी है। भाजपा सरकार और इसके नेताओं ने युवा पीढ़ी को हताश और निराश करने का पाप किया है। युवाओं को डिलेवरी पर्सन बना दिया गया है।
भाजपा सरकार में महिलाओं के खिलाफ अपराध के आंकड़े लगातार बढ़ते जा रहे हैं। श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि बजट में जिन छह क्षेत्रों की बात कही गयी है। उनमें से कराधान तब तक सफल नहीं होगा जब तक सरल, पारदर्शी और ईमानदार नहीं बनाया जाएगा। जब तक विद्युत निजी हाथों में रहेगा तब तक मनमानी वसूली नहीं रोकी जा सकेगी। शहरी विकास के नाम पर जब तक जमीनों को कुछ धनवानों के हाथों में कौड़ियों के भाव बेचने का खेल खत्म नहीं किया जायेगा। खनन के नाम पर जब तक जल, जंगल, जमीन, की हकमारी रोकी नहीं जाएगी। जब तक निष्पक्ष होकर अनियमितता नहीं मिटायी जाएगी।