- चालू वित्त वर्ष में अब तक हुआ 790 करोड़ रुपये का बिजली बिल कलेक्शन, 1,000 करोड़ रुपये से अधिक पहुंचने का है अनुमान
- 438 विद्युत सखियों ने ह्यलखपति दीदीह्ण बनने की उपलब्धि हासिल की, इस वित्तीय वर्ष में उन्हें मिला 10 करोड़ रुपये कमीशन
- वर्तमान में सक्रिय हैं 12,650 विद्युत सखियां, 13,500 नई सखियों को प्रशिक्षण देकर कार्यबल बढ़ाने पर जोर
- ‘रोशन गांव, सशक्त नारी, विद्युत सखी है पहचान हमारी’ के लक्ष्य के साथ कार्यक्रम का विस्तार जारी, 31,000 सखियों का कार्यबल तैयार करने की योजना
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। योगी सरकार प्रदेश की महिलाओं को सशक्त और स्वावलंबी बनाने के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित कर रही है। सरकार के प्रयासों का सार्थक परिणाम भी सामने आने लगा है। प्रदेश की महिलाएं अब सिर्फ उपभोक्ता नहीं, बल्कि बदलाव की वाहक बन चुकी हैं। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (यूपीएसआरएलएम) के अंतर्गत चल रहे विद्युत सखी कार्यक्रम ने वित्त वर्ष 2024-25 में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। इस कार्यक्रम से जुड़ी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं, जिन्हें विद्युत सखी के नाम से जाना जाता है, ने अब तक 1,600 करोड़ रुपए का राजस्व कलेक्शन किया है। वहीं इस वित्तीय वर्ष में 790 करोड़ रुपये का बिजली बिल कलेक्शन किया गया है। यह आंकड़ा वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक 1000 करोड़ रुपये को पार करने की उम्मीद है।
अब तक 115 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज
पिछले कुछ वर्षों में इस कार्यक्रम के तहत लगातार प्रगति हुई है। वित्त वर्ष 2021-22 में केवल 87 करोड़ रुपये का कलेक्शन हुआ था, जो 2022-23 में बढ़कर 262 करोड़ रुपये और 2023-24 में 466 करोड़ रुपये तक पहुंचा। चालू वित्त वर्ष में अब तक 115 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। योजना के आरंभ वर्ष 2020 से अब तक विद्युत सखियों ने 1,600 करोड़ रुपये का राजस्व कलेक्शन किया है।
महिलाओं को सशक्त बनाने की एक अनूठी पहल
विद्युत सखी कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को रोजगार प्रदान कर उन्हें सशक्त बनाना और साथ ही डिस्कॉम की बिजली बिल कलेक्शन क्षमता को सुधारना है। यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश पॉवर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल), आईसीआईसीआई बैंक और काउंसिल आॅन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वॉटर (सीईईडब्ल्यू) के तकनीकी सहयोग से संचालित किया जा रहा है।
438 महिलाओं ने प्राप्त किया ह्यलखपति दीदीह्ण बनने का गौरव
वित्तीय वर्ष 2024 में विद्युत सखी कार्यक्रम के तहत 438 महिलाओं ने ह्यलखपति दीदीह्ण बनने का गौरव प्राप्त किया। इन महिलाओं ने अपने कठिन परिश्रम से आर्थिक स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता की नई मिसाल कायम की है। साथ ही चालू वित्त वर्ष में विद्युत सखियों को कुल 10 करोड़ रुपये कमीशन के रूप में मिले। दिसंबर 2024 और जनवरी 2025 में, ओटीएस योजना के तहत 303 करोड़ रुपये का बिजली बिल कलेक्शन किया गया, जिसके बदले उन्हें 3.5 करोड़ रुपये कमीशन मिला।
कार्यक्रम का हो रहा तेजी से विस्तार
वर्तमान में, विद्युत सखी कार्यक्रम के तहत 12,650 सक्रिय विद्युत सखियां हैं, जबकि कुल 27,900 सखियां रजिस्टर्ड हैं। हाल ही में यूपीएसआरएलएम ने सीईईडब्ल्यू और एसआईआरडी-यूपी के सहयोग से 13,500 नई विद्युत सखियों को प्रशिक्षित किया है। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य प्रदेश में 31,000 विद्युत सखियों का कार्यबल तैयार करना और ग्रामीण उपभोक्ताओं की कवरेज को बेहतर बनाना है।
सशक्त नारियों की जुबानी उनकी प्रेरणादायक कहानी
विद्युत सखी राजश्री शुक्ला ने अपनी सफलता की कहानी साझा करते हुए कहा कि विद्युत सखी बनने के बाद मैंने न सिर्फ अपना लोन चुकाया, बल्कि अपनी बेटी का एक अच्छे स्कूल में दाखिला कराया और अपने परिवार को बेहतर जिंदगी देने में सफल रही। वहीं, एक अन्य विद्युत सखी विनेश कुमारी ने बताया कि यह काम मेरे लिए आर्थिक स्वतंत्रता और सम्मान लेकर आया है, जिससे मैं अपने परिवार को संभालने के साथ-साथ समाज में अपनी पहचान बना पाई हूं।
पूरा हो रहा रोशन गांव, सशक्त नारी का संकल्प
विद्युत सखी कार्यक्रम न केवल ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बना रहा है, बल्कि यह सरकार के राजस्व में महत्वपूर्ण योगदान देकर प्रदेश के आर्थिक विकास में भी सहायक हो रहा है। ‘रोशन गांव, सशक्त नारी, विद्युत सखी है पहचान हमारी’ के लक्ष्य के साथ यह कार्यक्रम ग्रामीण जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रहा है।