- आॅल स्कूल पेरेंट्स एसोसिएशन को पक्ष प्रस्तुत करने के लिए
- निष्पक्ष जाँच न होने पर मुख्यमंत्री से मुलाकात कर उन अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की करेंगे मांग जिनकी कृपा से अवैध तरीके से संचालित है स्कूल :मदन भैया विधायक खतोली
- पॉलिटेक्निक संस्था को आवंटित भूमि पर स्कूल का अवैध संचालन के शिकायत पर चल रही जांच
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा राजेंद्र नगर योजना में सेठ जयप्रकाश मुकुंद लाल पॉलिटेक्निक नामक संस्था को आवंटित भूमि पर डीएलएफ पब्लिक स्कूल के अवैध संचालन की शिकायत पर चल रही जांच में शिकायतकर्ता आल स्कूल पेरेंट्स एसोसिएशन (इंडिया) को पक्ष प्रस्तुत करने का मौका देने हेतु खतौली विधायक मदन भैया ने अपर जिला अधिकारी को लिखा पत्र।
अपने भेजे पत्र में विधायक मदन भैया ने कहा की आॅल स्कूल पेरेंट्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों द्वारा मुझे मिलकर समस्त प्रकरण विस्तृत रूप से अवगत कराया गया। जिस आधार पर प्रथमदृष्टया यह प्रकरण निश्चित तौर पर बहुत गंभीर प्रतीत होता है। इसलिए मेरे पत्र के साथ संलग्न आॅल स्कूल पेरेंट्स एसोसिएशन (इंडिया) के संलग्न पत्र का गंभीरता से अवलोकन करने का कष्ट करें।जैसा कि आॅल स्कूल पेरेंट्स एसोसिएशन द्वारा संलग्न पत्र में भी उल्लेख किया गया है कि सेठ जयप्रकाश मुकुंद लाल पॉलिटेक्निक संस्था को गाजियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा दिनांक- 25-04-1989 को 5 एकड़ भूमि का आवंटन पत्र जारी किया गया था। जिसका हस्तांतरण 28 नवंबर 1989 को आवंटी को कर दिया गया था। पट्टाविल्लेख करते समय सेठ जय प्रकाश मुकुंदलाल पाँलिटेक्निक के साथ अवैध तरीके से सेठ मुकुंद लाल इंजिरिंग एन्ड टेक्निक्ल इंस्टिट्यूट का नाम जोड़ दिया गया,संस्था पदाधिकारी न होने के बाद भी राकेश खुललर के आवेदन को स्वीकार कर मानचित्र स्वीकृत कर दिया गया आवंटी संस्था द्वारा शिक्षण संस्था का संचालन नहीं किया जा रहा है बल्कि इस भूखंड पर तीसरी संस्था दरबारी लाल फाउंडेशन द्वारा डीएलएफ पब्लिक स्कूल नामक शिक्षण संस्था संचालित है। सेठ जयप्रकाश मुकुंद लाल पॉलिटैक्निक संस्था को आवंटित भूखंड पर डीएलएफ पब्लिक स्कूल का संचालन प्राधिकरण की लीज शर्तों के उल्लंघन की वजह से पूरी तरह अवैध एवं नियम विरुद्ध प्रतीत होता है और शायद इन अनियमितताओं की वजह से ही गाजियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा भूमि का आवंटन रद्द किया गया था। आॅल स्कूल पेरेंट्स एसोसिएशन द्वारा पत्र में उल्लिखित महत्वपूर्ण विषय यह है कि डीएलएफ पब्लिक स्कूल के प्रबंधन द्वारा मिथ्या तथ्य प्रस्तुत करके गाजियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा भूखंड निरस्तीकरण के विरुद्ध स्थगन आदेश प्राप्त कर लिया था अगर वास्तव में मिथ्या तथ्यों को प्रस्तुत करके रद्द आवंटन के विरुद्ध स्थगन आदेश प्राप्त किया है तो यह जांच का अति गंभीर विषय है। क्योंकि झूठे तथ्यों के आधार पर शासन अथवा माननीय न्यायालय को गुमराह करना बहुत बड़ा गंभीर अपराध है। आॅल स्कूल पेरेंट्स एसोसिएशन की शिकायत में इसलिए भी सत्यता नजर आती है क्योंकि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के उच्च अधिकारियों ने भी शिकायत की जांच पड़ताल के बाद ही सेठ जयप्रकाश मुकुंद लाल पॉलिटेक्निक संस्था को आवंटित भूमि पर डीएलएफ पब्लिक स्कूल का संचालन नियम विरुद्ध पाए जाने के बाद ही उक्त भूखंड का आवंटन निरस्त किया होगा। ऐसे में एक अहम सवाल यह भी खड़ा होता है कि या तो गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने भूखंड को गलत निरस्त किया है या फिर स्थगन आदेश गलत तथ्यों पर आधारित है। विधायक मदन भैया ने पत्र की प्रति जिला अधिकारी को भी दी है तथा उन्होंने ने कहा की उनके भेजे गए पत्र के बाद भी यदि निष्पक्ष जाँच नही होती है तो वो मुख्यमंत्री जी से मुलकात कर उन अधिकारियों की शिकायत करेंगे जिनकी कृपा से पाँलिटेक्निक हेतु आवंटित भूखंड पर पब्लिक स्कूल का संचालन किया जा रहा है।