भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में संगठन पदाधिकारियों को घुट्टी पिला गये राष्टÑीय महामंत्री
वर्तमान जिलाध्यक्षों और जन प्रतिनिधियों में समन्वय की कमी पर जताई नाराजगी
जिलाध्यक्ष ऐसे कार्यकर्ता बनें जो विवादों से दूर हो और सभी को साथ लेकर चल सके
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी की बैठक हो और उसमें राष्टÑीय महामंत्री विनोद तावड़े मौजूद हो तो सभी की जिज्ञासा इस बात को लेकर रहती है कि वे इस बार क्या बोलेंगे। इस बार भी सभी की नजरें तावड़े पर ही लगी थी। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि संगठन और जनप्रतिनिधियों में समन्वय होना चाहिये। समन्वय होगा तभी संगठन मजबूत होगा और कार्यकर्ताओं की शिकायतें भी कम होगी।
बता दें कि पश्चिमी क्षेत्र की बैठक में दिसंबर माह में पहुंचे राष्टÑीय महामंत्री विनोद तावड़े ने संगठन पदाधिकारियों को अनेक मुद्दों पर जमकर फटकार लगाई थी। इस बैठक को पश्चिम के कार्यकर्ता और पदाधिकारी आज तक भी भूल नहीं पाये हैं। इस बैठक की चर्चा भी पूरे प्रदेश में हो रही है। माना जा रहा है कि विनोद तावड़े भाजपा में इस समय संघ का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। रविवार को हुई बैठक में उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में जिलाध्यक्षों एवं जन प्रतिनिधियों में बेहतर तालमेल का अभाव है। यदि संगठन और जनप्रतिनिधियों में बेहतर तालमेल होगा तो सरकार और संगठन में भी बेहतर समन्वय नजर आयेगा।
इसके साथ ही तावड़े ने कहा कि जो कार्यकर्ता अब तक उपेक्षा के शिकार रहे हैं उन्हें आगे लाकर जिम्मेदारी देनी है। इसमें किसी प्रकार का भेदभाव न हो। इतना ही नहीं उन्होंने उम्र सीमा पर विशेष रूप से ध्यान देने को कहा है।
15 तक घोषित हो सकते हैं भाजपा के 50 फीसद से अधिक जिलाध्यक्ष
भाजपा सूत्रों के अनुसार रविवार को हुई बैठक से यह संकेत भी मिल रहा है कि 15 जनवरी तक प्रदेश के 50 फीसद से अधिक जिलाध्यक्ष घोषित हो सकते हैं। इसके साथ ही मंडल अध्यक्षों की पहली सूची भी सोमवार को देर रात तक घोषित हो सकती है। सोमवार को देर सांय करीब आठ बजे तक भी मंडल अध्यक्षों के नामों पर मंथन चल रहा था।
सहमति से हो जिलाध्यक्षों का चुनाव
बैठक में निर्देश दिये गये कि जिलाध्यक्ष का चुनाव जनप्रतिनिधियों की सहमति से हो तथा आम सहमति नजर आनी चाहिये।