- लोनी थाने पहुंचे विधायक नंदकिशोर गुर्जर, मुस्लिम परिवार के उत्पीड़न और भ्रष्टाचार की शिकायत पर कहा
- दहेज के कारण लड़की के रिश्ते की मनाही के बाद उल्टा लड़की के परिजनों को भिजवाया जेल
- पुलिस पर 50 हजार रुपये घुस मांगने का आरोप, विधायक के जनता दरबार में पहुंचा था मामला
- पीड़ितों ने लगाया चौकी इंचार्ज और एसएसआई पर 50 हजार रुपये मांगने व दबाव बनाने का आरोप
अथाह संवाददाता
लोनी। लोनी के भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर एवं गाजियाबाद कमिश्नरेट पुलिस के बीच टकराव लगातार बढ़ रहा है। एक तरफ विधायक पुलिस पर आरोप लगाते हैं तो दूसरी तरफ पुलिस उसका खंडन कर देती है। इसके बाद पीड़िता फिर से वीडियो डालकर पुलिस की थ्योरी को चुनौती देती है। अभी भाजपा बागपत की जिला महामंत्री से छेड़छाड़, मारपीट और पीड़िता के पति के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज होने का मामला सुलटा भी नहीं कि अब एक नये मामले को लेकर गुर्जर लोनी थाने पहुंच गये। पीड़ित पक्ष ने विधायक से पुलिस की शिकायत की और भ्रष्टाचार के आरोप लगाये। इसके बाद नंद किशोर गुर्जर ने पुलिस के खिलाफ नया मोर्चा खोल दिया। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस फिर पूरे मामले को झूठा साबित करना चाहेगी।
बुधवार को लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर जनता दरबार में पुलिस उत्पीड़न और 50 हजार घूस मांगने की शिकायत पर विधायक नंदकिशोर पीड़ित परिवार के साथ लोनी कोतवाली पहुंचे। इस दौरान विधायक नंद किशोर गुर्जर ने कहा जिसका मामले से कोई लेना देना नहीं उस बच्चे को उठाकर सिर्फ दबाव बनाने के लिए देर रात किसी खूंखार अपराधी की तरह उठाकर 151 कर दिया गया। यह कार्यवाही किसी भी रूप में न्याय संगत नहीं है। यह घटना बताती है कि जिला गाजियाबाद में पुलिस सिस्टम किस कार्यशैली में कार्य कर रहा है और किसके आदेश पर हर थाने से हर मामले में उगाही कर ऊपर पहुंचाया जा रहा है। यह प्रकरण न्याय व्यवस्था पर कलंक है।
नंद किशोर गुर्जर ने कहा जनता का पुलिस से भरोसा खत्म हो गया है। उन्होंने कहा हर अपराध की रेट लिस्ट है। मुख्यमंत्री से इस विषय व कानून की बिगड़ती स्थिति को लेकर भेंट करेंगे, क्योंकि पुलिस अधिकारियों पर हमारा कोई भरोसा नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कहा थोड़ी देर में कमिश्नर अपने किसी जूनियर पर दबाव बनाकर एक झूठी वीडियो डलवाएंगे कि जिसका 151 किया है वह खूंखार अपराधी है। इन दौरान न्याय के लिए भटक रही एक और महिला की विधायक ने समस्या सुनी जिसकी बेटी और परिवार को दिल्ली पुलिस पर गोली चलाने वाले गैंगस्टर के परिवार के द्वारा मारपीट की गई परेशान और छेड़छाड़ की गई लेकिन पुलिस द्वारा कार्यवाही नहीं की गई।
क्या है पूरा मामला, क्या है लोनी विधायक के नारजगी की वजह
अशोक विहार लोनी के निवासी खलील अहमद पुत्र जमील अहमद ने डेढ़ साल पूर्व अपनी बेटी का रिश्ता मीरापुर, मुजफ्फरनगर के सुहैब पुत्र अशरफ से किया था। शुरू में परिवार द्वारा बिना दहेज की शादी की बात कही गई लेकिन निकाह नजदीक आते ही भारी दहेज व गाड़ी की मांग करने लगे। इसपर पीड़ित के परिवार ने असमर्थता जताई जिसके बाद सुहैब ने पीड़िता के पिता पर तांत्रिक का आरोप लगाकर रिश्ता खत्म कर दिया। रिश्ता खत्म करने के बाद पीड़िता से ही सगाई में खर्च हुए धनराशि/ सामान की मांग की जाने लगी जिसपर पीड़िता द्वारा पुलिस को शिकायत भी दी गई लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई। इसके बाद आरोप है कि मुजफ्फरनगर से आकर सुहैब ने पुलिस प्रशासन से सांठगांठ कर पीड़ित परिवार जिसकी बेटी छोड़ दी गई उसी पर दबाव बनाने लगे कि इनके पैसे दो और जब पीड़िता ने कहा हमारे लाखों का खर्च कौन देगा तो चौकी इंचार्ज और नासिर हुसैन ने धमकाते हुए कहा कि तुम्हारे नहीं मिलेंगे तुम्हें देना है वरना 50 हजार हमें दो हम सेटलमेंट करा देंगे।
आरोप है कि इसके बाद पीड़ित परिवार घर आ गया तो चौकी इंचार्ज व एएसआई ने लोनी कोतवाली थाने के साथ पीड़ित परिवार के भाई अनस को रात्रि में उठा लिया जोकि बुखार से बीमार था। पीड़ित परिवार ने कहा मेरे बेटे का कोई मतलब नहीं है जो कभी मुजफ्फरनगर नहीं गया जिसका कोई लेना-देना नहीं उसे रात भर ठंड में हवालात में रखा हम कंबल देने गए हमें भगा दिया। न्याय की कोई उम्मीद न देखकर पीड़ित परिवार लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर के आवास पर लगने वाले जनता दरबार में गया। विधायक ने पूरा विषय सुनकर इसे गम्भीर मानते हुए स्वंय थाने पहुंचे और पीड़ित परिवार और विधायक ने सभी तथ्य रखे तो थाना प्रभारी के पास कोई जवाब नहीं था। पुलिस ने कहा हमने 151 कर दी है जमानत करवानी पड़ेगी जबकि 151 की कोई स्थिति नहीं थी।