- जहां सड़क बनाना ही कठिन था वहां योगी सरकार ने बना दिया एक्सप्रेसवे
- गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का अब तक 98 प्रतिशत से अधिक कार्य पूरा
- नए साल में होगा इस शानदार रोड इंफ्रास्ट्रक्चर का उद्घाटन
अथाह संवाददाता
गोरखपुर। लो लैंड के कारण जहां सामान्य सड़क बनाना ही दुरूह था, वहां योगी सरकार ने एक्सप्रेसवे बना दिया है। यह एक्सप्रेसवे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दृढ़ संकल्प की नजीर भी है। यूं तो यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर से आजमगढ़ के बीच चार जिलों से गुजरता है लेकिन इसकी कनेक्टिविटी से राजधानी लखनऊ की राह भी और आसान हो रही है। रोड इंफ्रास्ट्रक्चर की इस शानदार सौगात का नाम है गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे। इसका 98 प्रतिशत काम पूरा होने के साथ वाहनों का आवागमन भी होने लगा है।
प्रदेश में रोड कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करने पर लगातार काम कर रही योगी सरकार नए साल में गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर आवागमन की पूर्ण सुविधा के साथ इसका औपचारिक लोकार्पण भी करने की तैयारी में है। इस एक्सप्रेसवे से गोरखपुर क्षेत्र, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के माध्यम से लखनऊ, आगरा एवं दिल्ली तक त्वरित एवं सुगम यातायात कॉरिडोर से जुड़ रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता वाली परियोजनाओं में से एक गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे गोरखपुर बाईपास एनएच- 27 ग्राम जैतपुर के पास से प्रारंभ होकर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर जनपद आजमगढ़ के सालारपुर में समाप्त हो रहा है। 91.35 किमी लंबे इस एक्सप्रेसवे की अद्यतन कुल लागत 7283.28 करोड़ रुपये (भूमि अधिग्रहण पर व्यय समेत) है। इससे जनपद गोरखपुर, अम्बेडकरनगर, संतकबीरनगर, आजमगढ़ सीधे तौर पर लाभान्वित हुए हैं। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे तीव्र संपर्क तथा बेहतर यात्रा अनुभव प्रदान करेगा। साथ ही साथ संबंधित क्षेत्र के जनमानस को भी एक दूसरे के और निकट लाने में मदद करेगा। यूपी एक्?सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूपीडा) की आॅफिशियल वेबसाइट पर 23 दिसंबर तक अद्यतन जानकारी के अनुसार के अनुसार गोरखपुर लिंक एक्?सप्रेसवे का 98 फीसद निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। मेन कैरिजवे में क्लियरिंग एंड ग्रबिंग का काम 100 फीसद, मिट्टी का काम 100 फीसद पूरा कराया गया है। एक्सप्रेसवे पर कुल प्रस्तावित 343 संरचनाओं में से 337 बन चुके हैं। अन्य के निर्माण का कार्य तेजी से कराया जा रहा है।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण का कार्य अत्यंत दुरूह था। कारण, गोरखपुर जिले में जितनी भी दूरी इस एक्सप्रेसवे के दायरे में आती है, वह लो लैंड वाला है। यहां सामान्य सड़क भी हर साल क्षतिग्रस्त हो जाती थी। ऐसे में एक्सप्रेसवे के लिए मिट्टी भराई करना चुनौतीपूर्ण कार्य था। पर, सीएम योगी के निर्देश पर प्रशासन के अफसरों ने इस चुनौती को भी सफलतापूर्वक निपटा दिया है। अब जबकि एक्सप्रेसवे लगभग बनकर तैयार है और काफी वाहनों का आवगमन भी होने लगा है, अधिकारी अपनी मेहनत पर संतोष व्यक्त कर रहे हैं।
लखनऊ पहुंचने में लगेंगे सिर्फ साढ़े तीन घंटे
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे होते हुए लोगों को गोरखपुर से लखनऊ पहुंचने में महज साढ़े तीन घंटे का समय लगेगा। इसके अलावा इसकी कनेक्टिविटी से लोग दिल्ली से लेकर आगरा तक के शानदार सफर का आनंद ले सकेंगे। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण से गोरखपुर क्षेत्र के सर्वांगीण विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। एक्सप्रेसवे के प्रवेश नियंत्रित होने से वाहनों के ईंधन खपत में महत्वपूर्ण बचत, समय की बचत एवं पर्यावरणीय प्रदूषण का नियंत्रण भी संभव हो सकेगा।
लिंक एक्सप्रेसवे पर बन रहा इंडस्ट्रियल कॉरिडोर
इस एक्सप्रेसवे से अच्छादित क्षेत्रों के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के साथ ही कृषि, वाणिज्य, पर्यटन तथा उद्योगों की आय को बढ़ावा मिलेगा। एक्सप्रेसवे से अच्छादित क्षेत्रों में स्थित विभिन्न उत्पादन इकाइयों, विकास केंद्रों तथा कृषि उत्पादन क्षेत्रों को राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ने हेतु एक इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के रूप में सहायक होगा। एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ योगी सरकार इंडस्ट्रियल कॉरिडोर भी बना रही है।