- भाजपा संगठन चुनाव में कड़ा संदेश दे गये राष्टÑीय महामंत्री एवं प्रदेश के केंद्रीय पर्यवेक्षक तावड़े
- आम सहमति से हो संगठन चुनाव, आम सहमति न बनने पर सूची लखनऊ भेज दो हम देख लेंगे: विनोद तावड़े
- विनोद तावड़े के भाषण के दौरान बैठक में लगे ‘भारत माता की जय’ और ’जय श्रीराम’ के नारे
अशोक ओझा
गाजियाबाद। भाजपा के राष्टÑीय महामंत्री एवं यूपी के केंद्रीय पर्यवेक्षक विनोद तावड़े पश्चिमी उत्तर प्रदेश भाजपा के कार्यकर्ताओं को कड़ा संदेश दे गये। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा यदि संगठन चुनाव में किसी भी प्रकार की शिकायत मिली तो दोषी को भाजपा छोड़ो किसी भी दल में राजनीति करने लायक नहीं छोडूंगा। इस बात को सभी लोग समझ जायें। उनका कहना था सिफारिश या पैसे के दम पर कोई भी पदाधिकारी नहीं बन पायेगा।
विनोद तावड़े मंगलवार को मेरठ रोड स्थित एक एचएलएम कॉलेज में भाजपा संगठन पर्व 2024 के तहत भाजपा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मंडल- जिला चुनाव अधिकारियों के साथ ही जिलाध्यक्षों, जिला पर्यवेक्षकों, जिला चुनाव अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि किसी ने बता दिया कि चुनाव में गड़बड़ हुई है तो गड़बड़ी करने वाले की राजनीति छुड़वा दूंगा। उनके इस बयान पर पूरा हॉल तालियों से गूंज उठा। इसके साथ ही जय श्रीराम एवं भारत माता की जय के नारे गूंजने लगे।
तावड़े ने स्पष्ट रूप से कहा कि मंडल अध्यक्ष के चुनाव में जनप्रतिनिधियों के साथ ही जो पुराने कार्यकर्ता घर बैठ गये हैं उनकी भी राय लो। पुरानों को भी मौका दिय जाये। मंडल अध्यक्ष उसी को बनाया जाये जो तीन साल तक संगठन का काम मजबूती से कर सके। यदि गलत मंडल अध्यक्ष का चुनाव किसी चुनाव अधिकारी ने किया तो उसे सौ में से शून्य अंक मिलेगा।
जिसे जानबूझकर किनारे किया गया उसे भी जिम्मेदारी दो
विनोद तावड़े ने पुराने कार्यकर्ताओं की नब्ज पर हाथ रखते हुए कहा कि जिसे जानबूझकर किनारे किया गया है तथा काम करने वाले को निष्क्रिय कर दिया गया उसे भी जिम्मेदारी दो जिससे संगठन मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि वर्तमान महामंत्रियों को ही आगे बढ़ाना है। पुराने एवं मेहनती कार्यकर्ताओं को मौका दिया जाना है।
आम सहमति न बनने पर मंडल और जिलाध्यक्ष के नामों का पैनल लखनऊ भेज दें
भाजपा के राष्टÑीय महामंत्री एवं उत्तर प्रदेश के पर्यवेक्षक विनोद तावड़े ने कहा कि मंडल अध्यक्षों एवं जिलाध्यक्षों का चुनाव आम सहमति से हो। जनप्रतिनिधियों की राय ली जाये, यदि आम सहमति न बनती हो तो तीन- चार नामों का पैनल बनाकर लखनऊ भेज दें हम उनमें से नाम तय कर देंगे।
विनोद तावड़े का संदेश कार्यकर्ताओं ने हाथों हाथ लिया और इसकी धमक दूर तक सुनाई देने लगी है।