- गाजियाबाद विधानसभा उप चुनाव के लिए
- गाजियाबाद के मतदाताओं ने अनुमानों को किया खारिज, 33.44 फीसद हुआ मतदान
- दलितों ने सभी के बीच किया बंटवारा, मुस्लिमों के वोट भी जमकर बंटे

अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। गाजियाबाद शहर विधानसभा उप चुनाव के लिए मतदान होने के बाद भाजपा खेमें में खुशी का माहौल नजर आ रहा है। यह खुशी दलित- मुस्लिम मतदाताओं में विभाजन ने बढ़ा दी। शहर विधानसभा में अनुमान से अधिक 33.44 फीसद मतदान होने का अनुमान है, यदि कहीं पर आंकड़े गलत नहीं दिये गये तब।
बुधवार को सुबह सात बजे से गाजियाबाद विधानसभा क्षेत्र में मतदान शुरू हुआ। शुरूआती दो घंटे में मतदान का प्रतिशत कम रहने से भाजपा खेमे के साथ ही सभी प्रत्याशियों की चिंता बढ़ने लगी, लेकिन इसके बाद मतदाताओं ने घरों से निकलना शुरू किया। पांच बजे के बाद मिले मतदान के आंकड़ों के अनुसार कुल 33.44 फीसद मतदाताओं ने मतदान किया। सूत्रों के अनुसार karib 153000 मत पड़े। यह संख्या एक लाख 40 हजार तक जा सकती है।
चुनाव में उम्मीद थी कि दलित- मुस्लिम समीकरणों के चलते सपा- कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी सिंहराज जाटव भाजपा के संजीव शर्मा को कड़ी टक्कर दे सकते हैं, लेकिन मतदान के दौरान जो रूझान दलित- मुस्लिम क्षेत्रों में दिखा उससे यह लगता है कि दोनों ही वर्गों में जमकर बंटवारा हुआ है, हालांकि बड़ा हिस्सा सपा के खाते में जा सकता है। अब यह तो मतगणना के बाद ही पता चलेगा कि किसके हिस्से में कितने वोट आये। लेकिन मतदान के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि भाजपा अन्य प्रत्याशियों से बहुत आगे हैं। अब जीत- हार कितने मतों से होगी इसको लेकर कयास लगाये जा रहे हैं।

भाजपा के मुख्य चुनाव कार्यालय पर रहा दिग्गजों का जमावड़ा
मतदान के दौरान सुबह सात बजे से ही भाजपा के मुख्य चुनाव कार्यालय नवयुग मार्किट पर भाजपा के दिग्गजों का जमावड़ा रहा। सांसद अतुल गर्ग के साथ ही प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा, राज्यमंत्री नरेंद्र कश्यप, विधायक अजीत पाल त्यागी, पूर्व मंत्री बालेश्वर त्यागी, पूर्व सांसद रमेश चंद तोमर, पूर्व क्षेत्रीय महामंत्री अशोक मोंगा, पूर्व महापौर आशु वर्मा के साथ ही अन्य नेताओं का जमावड़ा रहा।

मतदान समाप्त होने के बाद सभी ने एक- दूसरे को दी बधाई
मतदान समाप्त होने के बाद भाजपा प्रत्याशी संजीव शर्मा चुनाव कार्यालय पहुंचे जहां पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने उन्हें खुशी मनाते हुए बधाइयां दी। इतना ही नहीं कार्यकर्ता एक- दूसरे को बधाई देते नजर आये। इसके साथ ही यह कयास लगाये जाते रहे कि कितने मतों से जीत होगी।
